लखनऊ: लोहिया संस्थान की ओपीडी में डॉक्टर की सलाह के लिए कोरोना की आरटीपीसीआर रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. ओपीडी में सीधे पंजीकरण के बाद डॉक्टर की सलाह मिल सकेगी. जबकि भर्ती होने के लिए मरीजों को कोरोना की निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी. ऑपरेशन से पहले कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी होगी. इसमें किसी भी तरह का फेरबदल नहीं किया गया है.
कोरोना का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है. अभी ओपीडी में दो से ढाई हजार मरीज आ रहे हैं. लोहिया संस्थान ने मरीजों की दुश्वारियां कम करने के लिए अहम कदम उठाए हैं. ओपीडी मरीजों के लिए कोरोना की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. इसके लिए संस्थान के सीएमएस डॉ. राजन भटनागर की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है.
इसके साथ ही सभी विभागाध्यक्ष, कम्प्यूटर विभाग समेत दूसरे जिम्मेदार अधिकारियों को आदेश भेज दिया गया है. अफसरों ने लोहिया प्रशासन के इस कदम से मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद जाहिर की है. वहीं भर्ती से पहले मरीजों को कोरोना की नेगेटिव आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट जरूरी है. ऑपरेशन से पहले भी मरीजों को कोरोना की जांच रिपोर्ट देना होगा.
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कोरोना को लेकर रोज नई बातें सामने आ रही हैं. कोरोना को हरा चुके मरीजों में तमाम तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही है. इनमें थकावट, हड्डियों की कमजोरी व सुस्ती भी अहम है. इसका अहम कारण कैल्शियम, विटमिन-डी व विटमिन-बी12 की कमी है. कोरोना वायरस शरीर के इन अहम तत्वों को प्रभावित कर रहा है. यह सच केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के शोध में सामने आया है.
केजीएमयू रेस्पीरेट्री मेडिसिन में पोस्ट कोविड 32 मरीजों पर शोध किया गया. नौ माह चले शोध में शामिल मरीजों का चयन पोस्ट कोविड ओपीडी में किया गया है. इनकी उम्र 20 से 60 साल के बीच है. विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक अगर कोरोना को हरा चुके लोगों में कमजोरी दूर नहीं हो रही है, सुस्ती बनी है तो तो विटामिन-डी, कैल्शियम और विटामिन-बी-3 व बी-12 की जांच कराएं.
डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि शोध में शामिल पोस्ट कोविड मरीजों की ये जांचें कराई गई थी. सभी मरीजों की रिपोर्ट में इन तत्वों की कमी मिली. युवाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिली. बुजुर्गों में सांस व नींद कम होने की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है. जबकि युवाओं में नींद ज्यादा आने की परेशानी देखने को मिली.
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