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इस आम को खाने पर आएगी शहीदों की याद, मलिहाबाद के बागबान ने किया तैयार

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Published : Aug 21, 2022, 9:04 PM IST

मलिहाबाद के बागबान जबैर अहमद ने शहीदों की याद में 15 अगस्त मैंगो नाम के आम की नस्ल तैयार की है. इस आम की कलम तीन साल में बन कर तैयार होती है.

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15 अगस्त मैंगो

लखनऊ: पूरा देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है. इसी देशभक्ति से प्रेरित होकर मलिहाबाद के एक मुस्लिम बागबान ने एक ऐसा आम ईजाद किया है जिसके रस से देशभक्ति की मिठास टपकेगी. मलिहाबाद के नर्सरी संचालक ने शहीदों की याद में 15 अगस्त मैंगो नाम का आम ईजाद किया है. इस नई किस्म के साथ महिलाबाद के आम की नस्ल में एक और किस्म की बढ़ोत्तरी हो गई है.

यह कारनामा राजधानी लखनऊ से 25 किमी दूर स्थित मलिहाबाद के मुंजासा के रहने वाले बागबान जुबैर अहमद ने किया है. जुबैर अहमद ने शहीदों की याद में 15 अगस्त मैंगो नाम का आम तैयार किया है. उनका कहना है कि इस आम को तैयार करने का मकसद है कि यह आम आने वाली युवा पीढ़ी को शहीदों की कुर्बानियों की याद दिलाता रहेगा और प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा. जुबैर अहमद पेशे से नर्सरी संचालक हैं और समय-समय पर आम की नई-नई किस्म ईजाद करते रहते हैं. लेकिन, इस बार 15 अगस्त मैंगो आम ईजाद करने पर उनकी खूब प्रशंसा हो रही है.

आम के बारे में बताते बागबान जुबैर अहमद

जुबैर अहमद ने बताया कि 15 अगस्त मैंगो आम रंगरुप और स्वाद में सभी आमों से अलग है. अमूमन ज्यादातर आम 20 मई तक परिपक्व हो जाते है और बाजार में आने लगते हैं. लेकिन आम 14 और 15 अगस्त के आस पास ही परिपक्व होता है. इसके बाद इस आम को पाल लगा कर खाया जा सकता है. इसका स्वाद आपको एक अलग ही जायका देगा. 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद इस आम की कलम को तैयार किया जा सका है. अगले साल से यह आम बाजार में उपलब्ध हो सकेगा. इस आम की कलम तेजी से तैयार की जा रही है, आने वाली अगली 15 अगस्त से पहले यह बाजार में उपलब्ध हो सकेगा.


यह भी पढ़ें:अगर आप आम खाने के हैं शौकीन तो हो जाएं खुश, यहां मिलेंगे 500 से अधिक कि

शहीदों की याद में तैयार किए गए 15 अगस्त मैंगो नाम के रंगरूप और स्वाद के कारण मलिहाबादी आम के प्रकारों में एक नाम और जुड़ गया है. मलिहाबादी आम अपने रंग-रुप और स्वाद के लिए पूरे दुनिया में विख्यात हैं.

यह भी पढ़ें:संकट में याकूती और लाल दशहरी आम, वैज्ञानिकों ने आम उत्पादकों को किया अगाह

स्म के आम

लखनऊ: पूरा देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है. इसी देशभक्ति से प्रेरित होकर मलिहाबाद के एक मुस्लिम बागबान ने एक ऐसा आम ईजाद किया है जिसके रस से देशभक्ति की मिठास टपकेगी. मलिहाबाद के नर्सरी संचालक ने शहीदों की याद में 15 अगस्त मैंगो नाम का आम ईजाद किया है. इस नई किस्म के साथ महिलाबाद के आम की नस्ल में एक और किस्म की बढ़ोत्तरी हो गई है.

यह कारनामा राजधानी लखनऊ से 25 किमी दूर स्थित मलिहाबाद के मुंजासा के रहने वाले बागबान जुबैर अहमद ने किया है. जुबैर अहमद ने शहीदों की याद में 15 अगस्त मैंगो नाम का आम तैयार किया है. उनका कहना है कि इस आम को तैयार करने का मकसद है कि यह आम आने वाली युवा पीढ़ी को शहीदों की कुर्बानियों की याद दिलाता रहेगा और प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा. जुबैर अहमद पेशे से नर्सरी संचालक हैं और समय-समय पर आम की नई-नई किस्म ईजाद करते रहते हैं. लेकिन, इस बार 15 अगस्त मैंगो आम ईजाद करने पर उनकी खूब प्रशंसा हो रही है.

आम के बारे में बताते बागबान जुबैर अहमद

जुबैर अहमद ने बताया कि 15 अगस्त मैंगो आम रंगरुप और स्वाद में सभी आमों से अलग है. अमूमन ज्यादातर आम 20 मई तक परिपक्व हो जाते है और बाजार में आने लगते हैं. लेकिन आम 14 और 15 अगस्त के आस पास ही परिपक्व होता है. इसके बाद इस आम को पाल लगा कर खाया जा सकता है. इसका स्वाद आपको एक अलग ही जायका देगा. 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद इस आम की कलम को तैयार किया जा सका है. अगले साल से यह आम बाजार में उपलब्ध हो सकेगा. इस आम की कलम तेजी से तैयार की जा रही है, आने वाली अगली 15 अगस्त से पहले यह बाजार में उपलब्ध हो सकेगा.


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शहीदों की याद में तैयार किए गए 15 अगस्त मैंगो नाम के रंगरूप और स्वाद के कारण मलिहाबादी आम के प्रकारों में एक नाम और जुड़ गया है. मलिहाबादी आम अपने रंग-रुप और स्वाद के लिए पूरे दुनिया में विख्यात हैं.

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स्म के आम

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