लखनऊ : लखनऊ के चिनहट इलाके में शनिवार को गंगा महासभा की राष्ट्रीय टोली बैठक हुई. बैठक में निर्णय लिया गया है कि 2 से 5 नवंबर के मध्य आयोजित संस्कृति संसद के प्रथम दिन देश के प्रत्येक हिस्से से आए हजारों संत काशी विश्वनाथ मंदिर आ रहे हैं. इस दिन मंदिर के परिसर में श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के बलिदानियों के मुक्ति के लिए मोक्ष यज्ञ किया जाएगा. यह जानकारी गंगा महासभा एवं अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने दी.
इस अवसर पर अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती जी ने कहा कि वो गंगा सभा के प्रत्येक संकल्प के साथ हैं. धर्म जागरण और राष्ट्र निर्माण के लिए सदा तत्पर रहेंगे. बैठक के पश्चात वेदांत सत्संग आश्रम वेदांत पुरम चिनहट में सभी संतों का भोजन प्रसाद हुआ. राष्ट्रीय टोली बैठक के उद्घाटन में गंगा महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. ओमप्रकाश सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती, अखिल भारतीय संत समिति के संयुक्त महामंत्री स्वामी महामंडलेश्वर मनमोहन दास, राधे राधे बाबा एवं अखिल भारतीय संत समिति, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष स्वामी अभयानंद सरस्वती ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर गंगा महासभा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं संस्कृति संसद के संयोजक गोविंद शर्मा शामिल रहे.
गोविंद शर्मा ने कहा कि संस्कृति संसद के दूसरे दिन 3 नवंबर को धर्म विमर्श आयोजित किया जा रहा है. जिसमें देशभर के 127 सम्प्रदायों के 400 मंडलेश्वर एवं महामंडलेश्वरों समेत एक हजार संत धर्म विमर्श करेंगे. तीसरे दिन 4 नवंबर को मातृ विमर्श एवं चौथे दिन पांच नवंबर को युवा विमर्श होगा. इसके उपरांत राम मंदिर के लोकार्पण तक सभी संत देशभर में प्रवास कर जनजागरण करेंगे. इस बैठक में गंगा महासभा के राष्ट्रीय मंत्री विनय तिवारी, प्रो. हरिशंकर कंसाना, नवीन तिवारी, बिहार झारखंड प्रदेश अध्यक्ष धर्मचंद पौद्दार, उत्तर प्रदेश के संयुक्त महामंत्री अजय उपाध्याय, मध्य प्रदेश के प्रदेश मंत्री दयानिधि उपस्थित रहे.