लखनऊ : मध्यांचल कस्टमर केयर के हेल्पलाइन 1912 पर कॉल करने से अब उपभोक्ता डर रहे हैं. वजह है कि वह बिजली से संबंधित जानकारी या फिर शिकायत दर्ज कराने के लिए अपने फोन पर डायल तो नंबर 1912 करते हैं, लेकिन फोन 112 से कनेक्ट हो जाता है. हेल्प चाहिए होती है बिजली की और उधर से आवाज आती है की पुलिस से किस तरह की मदद चाहिए. उपभोक्ता डर कर फोन ही डिस्कनेक्ट कर देता है. हालांकि बिजली विभाग को इसके बारे में कोई खबर नहीं है. ईटीवी भारत ने जब 1912 की काल 112 पर मिलने को लेकर रियलिटी चेक किया तो यह सच साबित हुआ. रात के समय 1912 की काल 112 पर ट्रांसफर हो रही है. हालांकि अभी भी ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की उपभोक्ता की कोई शिकायत उन्हें नहीं मिली है.
उपभोक्ता ने कस्टमर केयर पर इस दौरान कुल 42 बार कॉल किया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला. 11:58 पर एक बार जब 1912 पर कॉल कनेक्ट भी हुई तो सीधे 112 पर कॉल ट्रांसफर हो गई. वहां हेड क्वार्टर से फोन पर पुलिस की सहायता के लिए उपभोक्ता से जानकारी ली गई. उपभोक्ता ने फोन काट दिया. इसके बाद फिर से 1912 डायल करते-करते 12:20 पर कॉल कनेक्ट हुई लेकिन इस बार भी मध्यांचल कस्टमर केयर हेल्पलाइन के बजाय डायल 112 पुलिस हेड क्वार्टर से ही किस तरह की मदद चाहिए, कहा गया. उपभोक्ता ने साफ तौर पर बताया कि डायल 1912 किया है लेकिन पता नहीं बार-बार 112 से क्यों कनेक्ट हो जा रहा है. फिलहाल उधर से जानकारी दी गई कि यह तकनीकी समस्या 1912 की है.
शिकायतों के आगे फेल अधिकारियों के दावे : मध्यांचल कस्टमर केयर पर हर रोज बिजली से संबंधित हजारों शिकायतें आ रही हैं. यह तब है जब उपभोक्ताओं का कस्टमर केयर पर फोन लग जाता है. सैकड़ों की संख्या में ऐसे और उपभोक्ता हैं जो कस्टमर केयर पर फोन मिलाते थक जाते हैं लेकिन फोन नहीं मिलता. विभागीय अधिकारियों की दलील है कि पहले शिकायत दर्ज करने के लिए सिर्फ 90 लाइनें थीं उन्हें बढ़ाकर 120 कर दिया गया है, लेकिन अधिकारियों के यह दावे शिकायतों के आगे फेल साबित हो रहे हैं. 30 सेकंड के अंदर कस्टमर केयर की लाइन पर किसी उपभोक्ता का फोन अटेंड करना निर्धारित है लेकिन आधा-आधा घंटे तक उपभोक्ता फोन करते हैं लेकिन शिकायत दर्ज नहीं करा पाते.
तो फिर कैसे मिलेगा मुआवजे का लाभ : अब जब उत्तर प्रदेश में मुआवजा नीति लागू हो गई है तब से बिजली कटौती की शिकायतों की बाढ़ आ गई है, लेकिन जब उपभोक्ता का फोन ही नहीं मिलता तो शिकायत दर्ज भी कैसे हो और तब मुआवजे का हकदार भी उपभोक्ता कैसे बने, यह अपने आप में बड़ा सवाल है. विभागीय अधिकारियों की तरफ से जानकारी दी गई है कि कस्टमर केयर पर शिकायत दर्ज कराने के बाद अगर 10 मिनट तक कॉल वेटिंग रहती है तब ही उपभोक्ता मुआवजे का हकदार होगा. अब सवाल यही है कि आखिर उपभोक्ता 10 मिनट तक वेट हो क्यों करेगा? जाहिर सी बात है कि मुआवजे का लाभ बमुश्किल कोई उपभोक्ता उठा पाएगा.
मध्यांचल कस्टमर केयर के प्रभारी अधिशासी अभियंता सौमिल सिन्हा का कहना है कि अभी तक 1912 डायल करने पर 112 पर कॉल ट्रांसफर होने की शिकायत नहीं मिली है. आपकी तरफ से यह जानकारी दी जा रही है. इसका पता लगाया जाएगा. शिकायतों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन हम समय पर शिकायत दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. किसी भी उपभोक्ता की कॉल का रिस्पांस समय 30 सेकंड है. कई बार लाइन ज्यादा व्यस्त रहती हैं इस वजह से समस्या होती है.
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