लखनऊः छात्रों के लिए अच्छी खबर है. एलयू (लखनऊ यूनिवर्सिटी) अपने कई कोर्सेज की सीटें बढ़ा सकता है. इससे एलयू में पढ़ने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एडमिशन आसान हो सकता है. साथ ही अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में लगे एलयू प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि फिलहाल फीस वृद्धि का कोई इरादा नहीं है. यह बात भी छात्रों को राहत देने वाली है.
आर्थिक स्थिति पर ध्यान
इन दिनों अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने के लिए एलयू अपनी आमदनी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. इसके लिए विवि प्रशासन अब अधिक डिमांड वाले कोर्सेज की सीटें बढ़ाने की तैयारी में है. अधिक सीटों पर एडमिशन होने से आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हो सकेगी.
चल रही है आर्थिक तंगी
लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन काफी समय से अपनी आर्थिक तंगी का हवाला देता रहा है. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय अपने संसाधनों के अनुसार ही अपनी आय को बढ़ाने के प्रयास में जुट गए हैं. यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से अब छात्रहित में फीस नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया जा रहा है, लेकिन यूनिवर्सिटी की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अपने अधिक मांग वाले कोर्स की सीटें बढ़ाने के प्रयास में जुट गया है.
पिछले वर्ष भी बढ़ी सीटें
यूनिवर्सिटी की ओर से गत वर्ष भी बिना फीस बढ़ाए ही बीकाॅम और एलएलबी की सीटों में बढ़ोत्तरी की गई थी. इसी तरह अब विवि प्रशासन अन्य कोर्सेज की समीक्षा कर सीटें बढ़ाने का मन बनाए हुए है. इस पर कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय भी कह चुके हैं कि कोर्सेज की फीस बढ़ाने से बेहतर है, सीटें बढ़ा दी जाएं. इससे छात्रों को यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का मौका मिलेगा और दूसरी तरफ इससे यूनिवर्सिटी को भी आर्थिक लाभ मिलेगा.
बीते सत्र हुए रिकॉर्ड आवेदन
लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते सत्र में यूजी में 4000 से अधिक आवेदन आए थे. वहीं पीजी में भी रिकॉर्ड आवेदन आए थे. कोरोना संक्रमण के चलते इस बार शहर के बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को अभिभावकों ने पढ़ने के लिए बाहर नहीं भेजा, जिसके चलते यूजी और पीजी में जबर्दस्त आवेदन आए थे. आवेदन की स्थिति को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन काफी उत्साह में है. अब उन्हें और भी उम्मीद है कि इस बार भी आवेदन की स्थिति बेहतर रहेगी. इसकी तैयारी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पहले से ही शुरू कर दी है ताकि आवेदन प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही सीटों की स्थिति स्पष्ट रहे.
इन कोर्सेज में बढ़ सकती हैं सीटें
लखनऊ यूनिवर्सिटी में बीकॉम व एलएलबी की सीटें बढ़ चुकी हैं. इसके अलावा बीएससी मैथ्स और बाॅयो को लेकर भी मंथन रहा है. इसी प्रकार बीए में भी कई विषयों में सीटें बढ़ाई जा सकती हैं. इसके अलावा एमकॉम और एप्लाइड इकोनॉमिक्स के साथ ही एमएससी के बायोकैमेस्ट्री में 25 सीटें के लिए गत वर्ष 148 आवेदन आए थे. इसी प्रकार एमए व एमएससी स्टैटिक्स के लिए भी अच्छी संख्या में आवेदन आए थे. इसके अलावा एमएससी बाॅटनी, प्लांट साइंस व माइक्रोबायोलाजी में 135 सीट के लिए 758 आवेदन आए थे. वहीं एमएससी केमेस्ट्री, फार्मास्युटिकल की 130 सीटों के लिए 656 आवेदन आए थे. वहीं, एमएससी फीजिक्स व रिनेवल एनर्जी की 97 सीटों के लिए 467 आवेदन आए थे. इन विषयों में रेग्युलर और सेल्फ फाइनेंस दोनों सीटें हैं. यदि सिर्फ सेल्फ फाइनेंस की बात की जाए तो एमएससी के इंवायरमेंटल एनर्जी, फूड प्रोसेसिंग एंड फूड टेक्नोलॉजी, एप्लाइड जियोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर साइंस, फॉरेंसिक साइंस और एमएससी मैथमेटिक्स के रेगुलर कोर्स 150 सीटों को लिए 609 आवेदन आए थे. एमएससी जूलॉजी की 50 सीटों के लिए 572 आवेदन आए थे. यह सभी आंकड़े बीते वर्ष के हैं, जिनसे आसानी से स्पष्ट हो जाता है कि यह ऐसे कोर्स हैं, जिसमें यूनिवर्सिटी प्रशासन को सीटें बढ़ाने का लाभ जरूर मिलेगा.
ज्यादा अवसर
एलयू प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने का सपना बहुत से छात्रों का होता है. ऐसे में सभी को एडमिशन तो नहीं मिल पाता लेकिन सीटों को बढ़ाने से कुछ और छात्र यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का अवसर पाएंगे और इससे यूनिवर्सिटी की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी.