लखनऊ : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षा विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पीएचडी की अर्हता समाप्त कर दी है. अब नेट क्वालीफाई अभ्यर्थी उच्च शिक्षा विभाग की नौकरी में आवेदन करने के लिए योग्य हैं. जबकि उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों को अभी तक पीएचडी करने के लिए कोर्स वर्क करने के लिए छूट नहीं थी. इसको लेकर प्रदेश में लंबे समय से शिक्षकों ने आंदोलन चलाकर बीते साल उच्च शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे शिक्षकों को पीएचडी कोर्स वर्क ऑनलाइन करने की सुविधा प्राप्त की थी. इस संबंध में उपमुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शिक्षकों के इस मांग को उचित ठहराते हुए उन्हें ऑनलाइन कोर्स वर्क करने करने के आदेश जारी किए थे. इस आदेश के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने पीएचडी ऑर्डिनेंस में बदलाव करते हुए कार्यरत शिक्षकों को पीएचडी कोर्स वर्क ऑनलाइन करने के निर्देश दिए थे. इस संदर्भ में तत्कालीन कुल सचिव की ओर से निर्देश भी जारी किया गया था पर विद्यालय के इस निर्देश को उसी के विभाग पूरी तरह से लागू नहीं कर रहे हैं. जिससे डिग्री कॉलेज में पढ़ा रहे शिक्षकों को पीएचडी पूरा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कई बड़े विभाग ऑनलाइन कोर्स वर्क कराने से कर रहे मना
लखनऊ विश्वविद्यालय सम्बद्ध डिग्री कॉलेज शिक्षक संघ (लुआक्टा) के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने बताया कि काफी संघर्ष के बाद शिक्षकों को पीएचडी कोर्स वर्क ऑनलाइन करने की छूट सरकार ने दी है. लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने ऑर्डिनेंस में बदलाव कर इसे लागू तो कर दिया पर उसके कई बड़े विभाग ऐसे हैं जो पीएचडी कर रहे शिक्षकों को ऑनलाइन कोर्स वर्क कराने से साफ मना कर दिया है. विभागों के इस रुख के कारण लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़े डिग्री कॉलेज के करीब 400 से अधिक शिक्षकों को पीएचडी पूरे करने की पहली प्रक्रिया में ही काफी दिक्कत आ रही है. शासन के आदेश के बावजूद प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालय ने अभी इस तरह की कोई भी छूट अपने यहां पर नहीं दिया है. लखनऊ विश्वविद्यालय में हो रही दिक्कतों के कारण कई शिक्षकों की पीएचडी शुरू होने से पहले ही लटक गई है.
नौकरी ज्वाइन करने के शुरुआती तीन साल तक नहीं मिलती लंबी छुट्टी
डॉ. मनोज पांडे ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों को नौकरी ज्वाइन करने के शुरुआती तीन साल तक कोई भी लंबी छुट्टी नहीं दी जाती है. शिक्षकों के नौकरी ज्वाइन करने के चौथे साल से उन्हें पहले प्रमोशन मिलना शुरू होता है. प्रमोशन के लिए पीएचडी अनिवार्य है. पीएचडी पूरा करने के लिए शुरुआत के 6 महीने का कोर्स वर्क ऑफलाइन विभाग में उपस्थित होकर करना होता है. कार्यरत शिक्षकों को पीएचडी पूरा करने के लिए ऑनलाइन कोर्स वर्क करने के लिए लंबा संघर्ष किया था. शासन से शिक्षकों की यह मांग पूरी भी कर दी गई है. विश्वविद्यालय द्वारा इसे अभी पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है.
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