लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में अलाया अपार्टमेंट हादसा अब लोगों को डराने लगा है. गुरुवार को एसडीआरएफ की टीम को मलबे से एक महिला की लाश मिली. इससे पहले दो महिलाओं की दबकर मौत हो चुकी है. पुलिस ने शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है. शव उन्नाव की रहने वाली महिला शबाना खातून का बताया जा रहा है.
लखनऊ के हजरतगंज स्थित आलाया अपार्टमेंट गिरने के 48 दिन बाद रेस्क्यू के दौरान एक और शव मिला है. पांच मंजिल का यह अपार्टमेंट मंगलवार शाम ढह गया था. करीब 48 घंटे से एसडीआरएफ, पुलिस और फायर ब्रिगेड के जवान यहां मलबा हटाने में जुटे हैं. हादसे के 16 घंटे के अंदर अपार्टमेंट में रह रहे 16 लोगों को मलबे के नीचे से निकाला गया था. इनमें से दो महिलाओं की मौत हो गई थी. दोनों सास बहू थीं. अब तीसरी लाश उन्नाव निवासी शबाना की मिली है. शबाना टीचर थीं. तीसरा शव मिलने के बाद आसपास के रहने वाले डरने लगे हैं. कई लोग अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां रहने चले गए हैं.
आरोपियों की तलाश में जुटी टीम खाली हाथ
वहीं हादसे के जिम्मेदार याजदान बिल्डर के मालिक फहद व प्रॉपर्टी के मालिक मोहम्मद तारिक की तलाश में पुलिस जुटी हुई है. हालांकि, पुलिस के हाथ खाली ही हैं. इससे पहले पुलिस मेरठ से एक अन्य पार्टनर और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश मंजूर को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं हजरतगंज थाने में इन तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है.
हादसे की कमेटी ने शुरू की जांच
हादसे की जांच करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है. इस कमेटी में लखनऊ मंडलायुक्त रोशन जैकब, संयुक्त पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था पीयूष मोर्डिया व चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी शामिल हैं. कमेटी ने हादसे की जांच शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि कमेटी एलडीए के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिन्होंने इस बिल्डिंग को बनाने की अनुमति दी थी.
अधिकार पार्टी ने की LDA के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग
अधिकार सेना ने वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सम्बंधित अफसरों के खिलाफ एफआईआर की मांग की है. अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर द्वारा थाना हजरतगंज को भेजी शिकायत में कहा गया है कि अलाया अपार्टमेंट के मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जा रहा है, लेकिन इस मामले में एलडीए के सम्बंधित अफसर भी पूरी तरह जिम्मेदार हैं, जिन्हें इस बिल्डिंग की समस्त अवैध गतिविधियों की सम्पूर्ण जानकारी थी. इसके बाद भी वे जानबूझकर इस ओर पूरी तरह आंख मूंदे रहे थे.
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