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लखनऊ में अवैध कब्जे से मुक्त कराई 90 एकड़ जमीन, जानें कितनी है कीमत

यूपी की राजधानी लखनऊ में एलडीए और तहसील प्रशासन ने बुधवार को 1500 करोड़ रुपये की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया. इस जमीन का रकबा लगभग 90 एकड़ है.

लखनऊ में अवैध कब्जा
लखनऊ में अवैध कब्जा
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Published : Dec 30, 2020, 6:30 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में 2 तहसीलों के बॉर्डर पर स्थित जमीन पर सीमा विवाद था. इसका लाभ उठाते हुए बिल्डरों और प्रापर्टी डीलरों ने इस पर अवैध कब्जा कर लिया. बुधवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण और तहसील प्रशासन ने लगभग 1500 करोड़ रुपये की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया. सरोजिनी नगर और सदर तहसील के बॉर्डर पर सरसवा गांव और मलेसे मऊ के बीच गोमती नदी के किनारे स्थित जमीन पर बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों ने अवैध कब्जा कर दीवार बनवा ली थी. इस जमीन को एलडीए और तहसील प्रशासन की संयुक्त टीमों ने कब्जे से मुक्त कराया. इस जमीन का रकबा लगभग 90 एकड़ है.

एलडीए और तहसील प्रशासन ने की कार्रवाई.

90 एकड़ जमीन कब्जाई थी
एलडीए और तहसील प्रशासन की कार्रवाई के दौरान अधिकारियों और अतिक्रमणकारियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई. एलडीए और तहसील प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों की नहीं सुनी और अवैध कब्जा कर बनाई गई बाउंड्री वॉल को ध्वस्त कर दिया. कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन की कुल कीमत 1500 करोड़ रुपये है. इसका रकबा 90 एकड़ है.

कार्रवाई के समय ये थे मौजूद
इस मौके पर सरोजनी नगर एसडीएम किंशुक श्रीवास्तव, तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह, सदर एसडीएम प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, तहसीलदार उमेश सिंह, लखनऊ विकास प्राधिकरण के तहसीलदार असलम सहित कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे.

अधिकारियों ने ये बताया
एलडीए के अधिकारियों ने बताया कि सरसवा की जमीन लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अधिग्रहित कर रखी है. यह लखनऊ विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज है. इस पर बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों ने अवैध कब्जा किया हुआ था. भविष्य में अवैध कब्जा करने वाले दोबारा इस जमीन पर कब्जा न कर सकें, इसके लिए इस जमीन पर बाउंड्री वॉल भी कराई जाएगी.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में 2 तहसीलों के बॉर्डर पर स्थित जमीन पर सीमा विवाद था. इसका लाभ उठाते हुए बिल्डरों और प्रापर्टी डीलरों ने इस पर अवैध कब्जा कर लिया. बुधवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण और तहसील प्रशासन ने लगभग 1500 करोड़ रुपये की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया. सरोजिनी नगर और सदर तहसील के बॉर्डर पर सरसवा गांव और मलेसे मऊ के बीच गोमती नदी के किनारे स्थित जमीन पर बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों ने अवैध कब्जा कर दीवार बनवा ली थी. इस जमीन को एलडीए और तहसील प्रशासन की संयुक्त टीमों ने कब्जे से मुक्त कराया. इस जमीन का रकबा लगभग 90 एकड़ है.

एलडीए और तहसील प्रशासन ने की कार्रवाई.

90 एकड़ जमीन कब्जाई थी
एलडीए और तहसील प्रशासन की कार्रवाई के दौरान अधिकारियों और अतिक्रमणकारियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई. एलडीए और तहसील प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों की नहीं सुनी और अवैध कब्जा कर बनाई गई बाउंड्री वॉल को ध्वस्त कर दिया. कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन की कुल कीमत 1500 करोड़ रुपये है. इसका रकबा 90 एकड़ है.

कार्रवाई के समय ये थे मौजूद
इस मौके पर सरोजनी नगर एसडीएम किंशुक श्रीवास्तव, तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह, सदर एसडीएम प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, तहसीलदार उमेश सिंह, लखनऊ विकास प्राधिकरण के तहसीलदार असलम सहित कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे.

अधिकारियों ने ये बताया
एलडीए के अधिकारियों ने बताया कि सरसवा की जमीन लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अधिग्रहित कर रखी है. यह लखनऊ विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज है. इस पर बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों ने अवैध कब्जा किया हुआ था. भविष्य में अवैध कब्जा करने वाले दोबारा इस जमीन पर कब्जा न कर सकें, इसके लिए इस जमीन पर बाउंड्री वॉल भी कराई जाएगी.

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