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केजीएमयू में पहली बार लागू हुआ 3 साल सेवा का फार्मूला

लखनऊ के केजीएमयू में पहली बार तीन साल के कार्यकाल के आधार पर स्थानांतरण का फार्मूला लागू किया गया है. इस फार्मूले के तहत 10 कर्मचारियों का स्थानांतरण भी कर दिया गया है. लेकिन लंबे समय से एक ही सीट पर रहे कर्मचारियों को स्थानांतरण के दायरे में नहीं रखा गया है.

केजीएमयू में पहली बार लागू हुआ 3 साल सेवा का फार्मूला
केजीएमयू में पहली बार लागू हुआ 3 साल सेवा का फार्मूला.
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Published : Nov 9, 2020, 7:52 AM IST

लखनऊ : केजीएमयू में पहली बार तीन साल के कार्यकाल के आधार पर स्थानांतरण का फार्मूला लागू किया गया है. इस फार्मूले के तहत 10 कर्मचारियों का स्थानांतरण भी कर दिया गया है, लेकिन लंबे समय से एक ही सीट पर रहे कर्मचारियों को स्थानांतरण के दायरे में नहीं रखा गया है. कई कर्मचारियों में इस फार्मूले को लेकर आक्रोश भी है.

कई कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं होने से आक्रोश

केजीएमयू प्रशासन में 3 साल कार्यकाल के आधार पर स्थानांतरण का फार्मूला लागू कर दिया गया है. पहले चरण में 10 कर्मचारियों को स्थानांतरित किया गया है. इनके स्थानांतरण पत्र में कहा गया है कि 3 साल का कार्यकाल पूरा करने के आधार पर इनका दूसरी जगह स्थानांतरण किया जा रहा है. शुक्रवार देर शाम स्थानांतरण आदेश जारी होने के बाद शनिवार को कई कर्मचारियों में विरोध शुरू हो गया. इस दौरान कौन कितने साल से एक ही सीट पर जमा हुआ है इसकी पड़ताल की गई.

कर्मचारियों ने बनाई लिस्ट

कर्मचारियों के एक गुट ने करीब 50 ऐसे लोगों की सूची तैयार की है, जो एक ही सीट पर 10 से 15 साल से कार्यरत हैं. इसमें ज्यादातर कुलसचिव कार्यालय और वित्त नियंत्रक कार्यालय के कर्मचारी हैं. कर्मचारियों की मांग है कि केजीएमयू प्रशासन वरीयता सूची तैयार करें और उसी आधार पर स्थानांतरण करें. जो लोग सर्वाधिक समय से एक ही सीट पर है पहले उनका स्थानांतरण होना चाहिए. फिलहाल इस मुद्दे पर वे केजीएमओ प्रशासन को घेरते हुए नजर आ रहे हैं. कर्मचारियों ने सोमवार को पूरे मामले में कुलसचिव से मिलने की योजना बनाई है. पूरे मामले पर जब हमने केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों का एक साथ स्थानांतरण नहीं किया जा सकता. जो लोग लंबे समय से एक ही सीट पर हैं उन्हें भी कुलसचिव कार्यालय द्वारा जल्द ही स्थानांतरित किया जाएगा.

लखनऊ : केजीएमयू में पहली बार तीन साल के कार्यकाल के आधार पर स्थानांतरण का फार्मूला लागू किया गया है. इस फार्मूले के तहत 10 कर्मचारियों का स्थानांतरण भी कर दिया गया है, लेकिन लंबे समय से एक ही सीट पर रहे कर्मचारियों को स्थानांतरण के दायरे में नहीं रखा गया है. कई कर्मचारियों में इस फार्मूले को लेकर आक्रोश भी है.

कई कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं होने से आक्रोश

केजीएमयू प्रशासन में 3 साल कार्यकाल के आधार पर स्थानांतरण का फार्मूला लागू कर दिया गया है. पहले चरण में 10 कर्मचारियों को स्थानांतरित किया गया है. इनके स्थानांतरण पत्र में कहा गया है कि 3 साल का कार्यकाल पूरा करने के आधार पर इनका दूसरी जगह स्थानांतरण किया जा रहा है. शुक्रवार देर शाम स्थानांतरण आदेश जारी होने के बाद शनिवार को कई कर्मचारियों में विरोध शुरू हो गया. इस दौरान कौन कितने साल से एक ही सीट पर जमा हुआ है इसकी पड़ताल की गई.

कर्मचारियों ने बनाई लिस्ट

कर्मचारियों के एक गुट ने करीब 50 ऐसे लोगों की सूची तैयार की है, जो एक ही सीट पर 10 से 15 साल से कार्यरत हैं. इसमें ज्यादातर कुलसचिव कार्यालय और वित्त नियंत्रक कार्यालय के कर्मचारी हैं. कर्मचारियों की मांग है कि केजीएमयू प्रशासन वरीयता सूची तैयार करें और उसी आधार पर स्थानांतरण करें. जो लोग सर्वाधिक समय से एक ही सीट पर है पहले उनका स्थानांतरण होना चाहिए. फिलहाल इस मुद्दे पर वे केजीएमओ प्रशासन को घेरते हुए नजर आ रहे हैं. कर्मचारियों ने सोमवार को पूरे मामले में कुलसचिव से मिलने की योजना बनाई है. पूरे मामले पर जब हमने केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों का एक साथ स्थानांतरण नहीं किया जा सकता. जो लोग लंबे समय से एक ही सीट पर हैं उन्हें भी कुलसचिव कार्यालय द्वारा जल्द ही स्थानांतरित किया जाएगा.

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