महाकुम्भनगर: इस बार प्रयागराज के महाकुंभ में कुछ खास और अलग ही देखने को मिला है. देशवासी तो महाकुंभ में आकर संगम में डुबकी लगाने को बेताब हैं ही, विदेश से भी लोग यहां आने के लिए लालायित हैं. विश्व के तमाम देशों से विदेशी श्रद्धालु भी महाकुंभ की गौरव गाथा सुनकर महाकुंभ नगर पहुंच रहे हैं.
ऐसे देश जो सनातन से इतर अन्य धर्म को तरजीह देते हैं लेकिन सनातन धर्म की अद्भुत गाथा उन्हें भी अपनी तरफ आकर्षित कर रही है. यही वजह है कि महाकुंभ को करीब से जानने के लिए विदेशियों का खूब आगमन हो रहा है. महाकुम्भ के दिव्य और भव्य आयोजन से भारत ही नहीं विदेश में भी लोगों में बड़ा उत्साह है.
गंगा स्नान और संगम की रेत पर चलने का अनुभव कभी न भूल पाने वाला है. पिनार ने पहली बार महाकुम्भ के माध्यम से इस आध्यात्मिक यात्रा को पूरा किया. उन्होंने कहा कि यहां की ऊर्जा और वातावरण उन्हें भारतीय परंपराओं की गहराई को समझने का मौका देता है. महाकुम्भ में पिनार ने स्नान, ध्यान और तिलक लगाकर सनातन धर्म के प्रति अपने सम्मान और आस्था को व्यक्त किया.
तुर्की की पिनार की तरह ही इटली, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और मॉरीशस से भी विदेशी श्रद्धालुओं का महाकुंभ के संगम स्थल पर आने का सिलसिला जारी है. सभी को सनातन धर्म अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है.
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