वाराणसी: महाकुंभ में लोगों की भारी भीड़ और आस्था का जन सैलाब हर किसी ने देखा. वह अद्भुत पल जिसके साक्षी बनने के लिए लोग विश्व भर से प्रयागराज पहुंचे और प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर पुण्य की डुबकी लगाकर हर किसी ने अपने आप को भाग्यशाली माना.
आस्था का यह सैलाब सिर्फ प्रयागराज तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के बाकी धार्मिक शहरों तक भी इस भीड़ और लोगों की आस्था का बड़ा असर दिखाई दे रहा है. सबसे बड़ा असर तो धर्म नगरी वाराणसी में देखने को मिल रहा है.
यहां पर बाबा विश्वनाथ की नगरी में पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने वालों ने नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि मंदिर के विस्तारीकरण के बाद अब तक सारे रिकॉर्ड इस भीड़ ने तोड़ दिए हैं.
11 जनवरी से लेकर 11 फरवरी यानी 1 महीने के अंदर विश्वनाथ मंदिर में एक करोड़ 40 लाख लोगों ने दर्शन किए हैं. यह आंकड़ा अभी प्रतिदिन बढ़ रहा है और हर दिन 7 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन पूजन कर रहे हैं. मंदिर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि एक महीने के अंदर 7 करोड रुपए का चढ़ावा आया है, जो अपने आप में एक नया कीर्तिमान है. यह चढ़ावा सिर्फ कुंडी में आए धन से है. जबकि सारे टिकट और वीआईपी सुविधाओं को बंद कर रखा गया है.
माघ पूर्णिमा के अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. महाकुंभ के दौरान माघ पूर्णिमा के पहले ही काशी विश्वनाथ मंदिर में 1.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच चुके हैं. इसके अलावा रिकॉर्ड चढ़ावा भी बाबा को अर्पित किया गया है.
काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के बाद एक महीने में आने वाले श्रद्धालुओं की यह सर्वाधिक संख्या है. प्रयागराज के बाद महाकुंभ की अवधि के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी पहुंचे, जिसमें अधिकांश लोगों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया. काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार महाकुंभ के दौरान बाबा काशी विश्वनाथ में दर्शन करने के लिए 1.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं, जो एक महीने में सर्वाधिक आंकड़ा है.
इसके अलावा बीते सप्ताह से ही किसी भी प्रकार का ऑनलाइन टिकट दर्शन बंद है. उसके बावजूद महाकुम्भ के दौरान ही हुंडी में प्रत्यक्ष तौर पर 7 करोड़ से अधिक चढ़ावा (सोना चांदी इसमें शामिल नहीं) बाबा को अर्पित किया जा चुका है, जो रिकॉर्ड है.
महाकुंभ के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए तकरीबन 3 किलोमीटर की लंबी लाइन अलग-अलग प्रवेश द्वार से लगी हुई देखी जा रही है. वहीं मंदिर परिसर स्थित शंकराचार्य चौक से ही काशी विश्वनाथ मंदिर का विहंगम दृश्य नजर आ रहा है.
श्रद्धालुओं ने भी बातचीत के दौरान उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि मंदिर प्रशासन की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है और उन्हें महादेव का दर्शन करके आनंद की अनुभूति हुई है.
मंदिर के एसडीम शंभू शरण का कहना है कि कुंभ की वजह से भक्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. अभी तक यह अधिकतम भक्तों की संख्या है. मंदिर के नवनिर्माण के बाद लगभग 1 महीने में डेढ़ करोड़ से ज्यादा भक्त यहां आएं हैं.
उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि आने वाले हरिभक्त को बेहतर व्यवस्था देने के लिए सारे टिकट, वीआईपी और सुगम दर्शन व्यवस्था को बंद कर दिया गया है. इसके बावजूद 20 दिन के अंदर हुंडी में जबरदस्त चढ़ावा आ रहा है.
एक महीने के अंदर लगभग 7 करोड़ रुपए का चढ़ावा बाबा विश्वनाथ को अर्पित किया गया है. माना जा रहा है कि यह फाइनल काउंटिंग और भी ज्यादा होगी. अभी तक जो धनराशि प्राप्त हुई है 1 महीने में हुआ अभी तक की अधिकतम धनराशि है.
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