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अजीत सिंह हत्याकांड: महिला मित्र और मृतक के साथी पर गहराया पुलिस का शक

पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के मामले में हफ्ते भर बाद भी पुलिस को मुख्य साजिशकर्ता और शूटर नहीं मिले हैं. इस मामले में पुलिस मृतक के साथी मोहर और घटना के समय उसकी कार में बैठी महिला मित्र की भूमिका संदिग्ध मान रही है. कई सवाल हैं, जिनका संतोषजनक जवाब दोनों ने पुलिस को नहीं दिया है.

ajit singh murder case
अजीत सिंह हत्याकांड.
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Published : Jan 14, 2021, 10:33 PM IST

लखनऊ : भीड़-भाड़ वाले कठौता चौराहे पर शाम के समय 50 से अधिक राउंड फायरिंग कर पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के मामले में पुलिस की टीमें दिल्ली, मुम्बई, आजमगढ़, सुलतानपुर समेत राजधानी के चक्कर काट रही हैं. घटना के हफ्ते भर बाद भी पुलिस को मुख्य साजिशकर्ता और शूटर नहीं मिले हैं, जबकि उन पर शिकंजा पुलिस ने कस दिया है. वहीं दिल्ली सेल ने शूटर गिरधारी को पकड़ा था, जिसे लेने के लिए पुलिस दिल्ली पहुंच चुकी है. उसे वहां से लाने की तैयारी हो चुकी है.

डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकी पुलिस

सूत्रों का कहना है कि बिना पुलिस को सूचना दिए इलाज करने वाले रसूखदार डॉक्टरों के खिलाफ हाईटेक पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है. खुलासे के करीब पहुंचकर कुछ की गिरफ्तारी हुई, कुछ हिरासत में लिए गए. सूत्र बताते हैं, रसूखदार डॉक्टरों के रिश्तेदार ऊंचे ओहदे पर बैठे हुए हैं, जिन तक पहुंचना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है. वहीं दूसरी ओर मृतक की कार और उसे सचिवालय तक पहुंचाने वाले मददगार तक भी पुलिस नहीं पहुंच सकी है. जबकि दावा किया जा रहा है कि कोई अपराधी बच नहीं पाएगा. उधर, बीते दिनों विभूति खंड इलाके में हुए डकैती कांड में भी पुलिस की सभी टीमें केवल खाक छान रही है. अधिकारियों का कहना है कि डकैती कांड का जल्द खुलासा कर दिया जाएगा. टीमें अपना काम कर रही हैं.

6 जनवरी को हुई थी हत्या

बताते चलें कि बीते 6 जनवरी को विभूति खंड इलाके में स्थित कठौता चौराहे के पास कई शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कर दी थी. इसमें मृतक के साथी समेत दो लोगों को गोली लगी थी. हालांकि, पुलिस मृतक के साथी मोहर और घटना के समय उसकी कार में बैठी महिला मित्र की भूमिका संदिग्ध मान रही है. कई सवाल हैं, जिनका संतोषजनक जवाब दोनों ने पुलिस को नहीं दिया है.

संदेह के घेरे में शूटरों का मोहर को छोड़ना

पुलिस की मानें तो जब मोहर शूटरों को पहचानता था तो उसे शूटरों ने क्यों जिंदा छोड़ दिया. यह संदेह के घेरे में आने की बात है. मोहर सिंह वादी है. उन्होंने ही मुकदमा दर्ज करवाया है. हालांकि, मोहर भी हिस्ट्रीशीटर है, जिनके नाम इस हत्या में सामने आए हैं. वह इनके कभी साथी हुआ करते थे. पूरी घटना को पूर्वांचल के बाहुबलियों से जोड़कर देखा जा रहा है.

लखनऊ : भीड़-भाड़ वाले कठौता चौराहे पर शाम के समय 50 से अधिक राउंड फायरिंग कर पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के मामले में पुलिस की टीमें दिल्ली, मुम्बई, आजमगढ़, सुलतानपुर समेत राजधानी के चक्कर काट रही हैं. घटना के हफ्ते भर बाद भी पुलिस को मुख्य साजिशकर्ता और शूटर नहीं मिले हैं, जबकि उन पर शिकंजा पुलिस ने कस दिया है. वहीं दिल्ली सेल ने शूटर गिरधारी को पकड़ा था, जिसे लेने के लिए पुलिस दिल्ली पहुंच चुकी है. उसे वहां से लाने की तैयारी हो चुकी है.

डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकी पुलिस

सूत्रों का कहना है कि बिना पुलिस को सूचना दिए इलाज करने वाले रसूखदार डॉक्टरों के खिलाफ हाईटेक पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है. खुलासे के करीब पहुंचकर कुछ की गिरफ्तारी हुई, कुछ हिरासत में लिए गए. सूत्र बताते हैं, रसूखदार डॉक्टरों के रिश्तेदार ऊंचे ओहदे पर बैठे हुए हैं, जिन तक पहुंचना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है. वहीं दूसरी ओर मृतक की कार और उसे सचिवालय तक पहुंचाने वाले मददगार तक भी पुलिस नहीं पहुंच सकी है. जबकि दावा किया जा रहा है कि कोई अपराधी बच नहीं पाएगा. उधर, बीते दिनों विभूति खंड इलाके में हुए डकैती कांड में भी पुलिस की सभी टीमें केवल खाक छान रही है. अधिकारियों का कहना है कि डकैती कांड का जल्द खुलासा कर दिया जाएगा. टीमें अपना काम कर रही हैं.

6 जनवरी को हुई थी हत्या

बताते चलें कि बीते 6 जनवरी को विभूति खंड इलाके में स्थित कठौता चौराहे के पास कई शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कर दी थी. इसमें मृतक के साथी समेत दो लोगों को गोली लगी थी. हालांकि, पुलिस मृतक के साथी मोहर और घटना के समय उसकी कार में बैठी महिला मित्र की भूमिका संदिग्ध मान रही है. कई सवाल हैं, जिनका संतोषजनक जवाब दोनों ने पुलिस को नहीं दिया है.

संदेह के घेरे में शूटरों का मोहर को छोड़ना

पुलिस की मानें तो जब मोहर शूटरों को पहचानता था तो उसे शूटरों ने क्यों जिंदा छोड़ दिया. यह संदेह के घेरे में आने की बात है. मोहर सिंह वादी है. उन्होंने ही मुकदमा दर्ज करवाया है. हालांकि, मोहर भी हिस्ट्रीशीटर है, जिनके नाम इस हत्या में सामने आए हैं. वह इनके कभी साथी हुआ करते थे. पूरी घटना को पूर्वांचल के बाहुबलियों से जोड़कर देखा जा रहा है.

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