लखनऊ: दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के विशेष सचिव और आईएएस अधिकारी नरेंद्र प्रसाद पांडेय ने सरकार से डीएम बनाने की गुहार लगाई है. नरेंद्र प्रसाद पांडेय को लग रहा है कि दिव्यांग होने की वजह से उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति को पत्र लिखकर एक निशक्त के रूप में अपने अधिकारों का हवाला देते हुए डीएम बनाए जाने की मांग की है.
जानें क्या है मामला
- नरेंद्र प्रसाद पांडेय 2010 बैच के प्रमोटेट आईएएस अधिकारी हैं.
- नरेंद्र प्रसाद पांडेय के बैच के अधिकारियों को कलेक्टर के पद पर तैनाती मिल रही है.
- वह अभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
- नरेंद्र प्रसाद के जूनियर बैच के अधिकारियों को भी डीएम बनाया जा रहा है.
- सबसे पहले उन्होंने नियुक्ति विभाग के जिम्मेदारों और मुख्य सचिव से मिलकर डीएम बनाने की गुहार लगाई.
- जब बात नहीं बनी तो उन्होंने खुद के निशक्त होने और निशक्तजन अधिकार का हवाला देते हुए अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक को पत्र लिखकर यह मांग की.
- प्रमोटी आईएएस अधिकारियों के साथ सौतेले व्यवहार का यह पहला वाक्या नहीं सामने आया है.
- इससे पहले भी प्रमोटी आईएएस अधिकारियों की तैनाती को लेकर सवाल उठते रहे हैं.
- नरेंद्र प्रसाद पांडेय इकलौते निशक्तजन प्रमोटी आईएएस अधिकारी हैं.
नरेंद्र प्रसाद पांडेय ने पत्र में क्या लिखा
पीसीएस से आईएएस में पदोन्नति का 33 प्रतिशत कोटा है. इसके अलावा दिव्यांगों के लिए नियुक्ति एवं पदोन्नति में चार प्रतिशत आरक्षण है. सरकार ने सीधी भर्ती के कई निशक्त अफसरों को जिलाधिकारी बनाया, लेकिन प्रमोटी आईएएस अधिकारियों में एकमात्र निशक्त होने के बावजूद उन्हें अब तक मौका नहीं दिया गया.