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इस अधिकारी ने डीएम बनने के लिए लगाई योगी सरकार से गुहार

दिव्यांग आईएस अधिकारी नरेंद्र प्रसाद पांडेय ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव नियुक्ति को पत्र लिखकर डीएम बनाए जाने की मांग की. बता दें कि नरेंद्र प्रसाद पांडेय इकलौते निशक्तजन प्रमोटी आईएएस अधिकारी हैं.

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के विशेष सचिव हैं नरेंद्र प्रसाद पांडेय.
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Published : Jun 18, 2019, 9:04 PM IST

लखनऊ: दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के विशेष सचिव और आईएएस अधिकारी नरेंद्र प्रसाद पांडेय ने सरकार से डीएम बनाने की गुहार लगाई है. नरेंद्र प्रसाद पांडेय को लग रहा है कि दिव्यांग होने की वजह से उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति को पत्र लिखकर एक निशक्त के रूप में अपने अधिकारों का हवाला देते हुए डीएम बनाए जाने की मांग की है.

जानकारी देते संवाददाता.

जानें क्या है मामला

  • नरेंद्र प्रसाद पांडेय 2010 बैच के प्रमोटेट आईएएस अधिकारी हैं.
  • नरेंद्र प्रसाद पांडेय के बैच के अधिकारियों को कलेक्टर के पद पर तैनाती मिल रही है.
  • वह अभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
  • नरेंद्र प्रसाद के जूनियर बैच के अधिकारियों को भी डीएम बनाया जा रहा है.
  • सबसे पहले उन्होंने नियुक्ति विभाग के जिम्मेदारों और मुख्य सचिव से मिलकर डीएम बनाने की गुहार लगाई.
  • जब बात नहीं बनी तो उन्होंने खुद के निशक्त होने और निशक्तजन अधिकार का हवाला देते हुए अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक को पत्र लिखकर यह मांग की.
  • प्रमोटी आईएएस अधिकारियों के साथ सौतेले व्यवहार का यह पहला वाक्या नहीं सामने आया है.
  • इससे पहले भी प्रमोटी आईएएस अधिकारियों की तैनाती को लेकर सवाल उठते रहे हैं.
  • नरेंद्र प्रसाद पांडेय इकलौते निशक्तजन प्रमोटी आईएएस अधिकारी हैं.

नरेंद्र प्रसाद पांडेय ने पत्र में क्या लिखा

पीसीएस से आईएएस में पदोन्नति का 33 प्रतिशत कोटा है. इसके अलावा दिव्यांगों के लिए नियुक्ति एवं पदोन्नति में चार प्रतिशत आरक्षण है. सरकार ने सीधी भर्ती के कई निशक्त अफसरों को जिलाधिकारी बनाया, लेकिन प्रमोटी आईएएस अधिकारियों में एकमात्र निशक्त होने के बावजूद उन्हें अब तक मौका नहीं दिया गया.

लखनऊ: दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के विशेष सचिव और आईएएस अधिकारी नरेंद्र प्रसाद पांडेय ने सरकार से डीएम बनाने की गुहार लगाई है. नरेंद्र प्रसाद पांडेय को लग रहा है कि दिव्यांग होने की वजह से उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति को पत्र लिखकर एक निशक्त के रूप में अपने अधिकारों का हवाला देते हुए डीएम बनाए जाने की मांग की है.

जानकारी देते संवाददाता.

जानें क्या है मामला

  • नरेंद्र प्रसाद पांडेय 2010 बैच के प्रमोटेट आईएएस अधिकारी हैं.
  • नरेंद्र प्रसाद पांडेय के बैच के अधिकारियों को कलेक्टर के पद पर तैनाती मिल रही है.
  • वह अभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
  • नरेंद्र प्रसाद के जूनियर बैच के अधिकारियों को भी डीएम बनाया जा रहा है.
  • सबसे पहले उन्होंने नियुक्ति विभाग के जिम्मेदारों और मुख्य सचिव से मिलकर डीएम बनाने की गुहार लगाई.
  • जब बात नहीं बनी तो उन्होंने खुद के निशक्त होने और निशक्तजन अधिकार का हवाला देते हुए अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक को पत्र लिखकर यह मांग की.
  • प्रमोटी आईएएस अधिकारियों के साथ सौतेले व्यवहार का यह पहला वाक्या नहीं सामने आया है.
  • इससे पहले भी प्रमोटी आईएएस अधिकारियों की तैनाती को लेकर सवाल उठते रहे हैं.
  • नरेंद्र प्रसाद पांडेय इकलौते निशक्तजन प्रमोटी आईएएस अधिकारी हैं.

नरेंद्र प्रसाद पांडेय ने पत्र में क्या लिखा

पीसीएस से आईएएस में पदोन्नति का 33 प्रतिशत कोटा है. इसके अलावा दिव्यांगों के लिए नियुक्ति एवं पदोन्नति में चार प्रतिशत आरक्षण है. सरकार ने सीधी भर्ती के कई निशक्त अफसरों को जिलाधिकारी बनाया, लेकिन प्रमोटी आईएएस अधिकारियों में एकमात्र निशक्त होने के बावजूद उन्हें अब तक मौका नहीं दिया गया.

Intro:लखनऊ। यूपी के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के विशेष सचिव व आईएएस अधिकारी नरेंद्र प्रसाद पांडेय ने सरकार से डीएम बनाने की गुहार लगाई है। उन्हें लग रहा है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। वह भी नि:शक्त होने की वजह से। उन्होंने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति को पत्र लिखकर एक नि:शक्त के रूप में अपने अधिकारों का हवाला देते हुए जिलाधिकरी बनाये जाने की मांग की है।


Body:नरेंद्र प्रसाद पांडेय 2010 बैच के प्रमोटी आईएएस अधिकारी हैं। उनके बैच के अफसरों को कलेक्टर के पद पर तैनाती मिल रही है। लेकिन वह अपनी बारी का इंतजार करते रहे हैं। यहां तक कि उनके जूनियर बैच के अधिकारी को भी डीएम बनाया जा रहा है।

उन्होंने नियुक्ति विभाग के जिम्मेदारों और मुख्य सचिव से मिलकर कलेक्टर बनाने की गुहार लगाई। बात नहीं बनी तो उन्होंने खुद के नि:शक्त होने और नि:शक्तजन अधिकार का हवाला देते हुए अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक को बाकायदा पत्र लिखकर किसी जिले में कलेक्टर बनाने की मांग की है। हालांकि किसे डीएम बनाना है या किस अधिकारी से कौन सा काम लेना है, यह सरकार पर निर्भर करता है।

आईएएस अधिकारी ने लिखा है कि पीसीएस से आईएएस में पदोन्नति का 33 प्रतिशत कोटा है। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए नियुक्ति एवं पदोन्नति में चार प्रतिशत आरक्षण है। सरकार ने सीधी भर्ती के कई नि:शक्त अफसरों को जिलाधिकारी बनाया, लेकिन प्रमोटी आईएएस अधिकारियों में एकमात्र नि:शक्त होने के बावजूद उन्हें अब तक मौका नहीं दिया गया। इस सम्बंध में उनसे बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने सक्षम जगह पर अपनी बात रख दी है। इसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं।


Conclusion:प्रमोटी आईएएस अधिकारियों के साथ सौतेला व्यवहार का या पहला वाकया नहीं आया है। इससे पहले भी प्रमोटी आईएएस अधिकारियों की तैनाती को लेकर सवाल उठते रहे हैं। नरेंद्र प्रसाद पांडेय तो इकलौते निशक्तजन प्रमोटी आईएएस अधिकारी हैं।
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