Naturopathic Skin Care : मुल्तानी मिट्टी का उपयोग सदियों से ना सिर्फ स्किन केयर बल्कि कई प्रकार की त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता रहा है. लेकिन अलग-अलग प्रकार की त्वचा के लिए इसके उपयोग के तरीके अलग-अलग होते हैं इसलिए बहुत जरूरी है कि इसका उपयोग सही तरह से किया जाए, अन्यथा यह कई बार त्वचा में कुछ सामान्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है.
मुल्तानी मिट्टी, जिसे ‘फुलर अर्थ’ के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राकृतिक मिट्टी है जो त्वचा की देखभाल के लिए सदियों से उपयोग की जा रही है. सामान्यतः फुलर अर्थ त्वचा के लिए एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय माना जाता है, जो तैलीय त्वचा को संतुलित रखने, मुहांसों को कम करने और त्वचा की चमक को बढ़ाने में मदद करती है. लेकिन इसका उपयोग सोच-समझकर और त्वचा के प्रकार के अनुसार करना जरूरी है. जानकार मानते हैं कि अगर आपकी त्वचा सूखी या संवेदनशील है, तो इसका सीमित मात्रा में उपयोग करें और हमेशा त्वचा पर परीक्षण करने के बाद ही इसका उपयोग शुरू करें.
जरूरी है सही तरह से इस्तेमाल : इंदौर की प्राकृतिक चिकित्सक सुवर्णा सिंह बताती है कि मुल्तानी मिट्टी त्वचा की गहराई से सफाई करने, मुंहासों को कम करने और तैलीय त्वचा से छुटकारा दिलाने में मदद करती है. इसके साथ ही, मुल्तानी मिट्टी त्वचा को ठंडक पहुंचाती है और उसे चमकदार बनाती है. Multani mitti प्राकृतिक तत्वों से भरपूर होती है, जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, सिलिका और आयरन, जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं. लेकिन इसका उपयोग हर तरह की त्वचा के लिए अलग-अलग होता है. इसलिए बहुत जरूरी है कि हर प्रकार की त्वचा वाले लोग सही जानकारी के साथ इसका सही तरह से उपयोग करें. अन्यथा कभी-कभी यह त्वचा पर ज्यादा ड्राइनेस या जलन का कारण भी बन सकती है.
Naturopath Suvarna Singh बताती हैं कि सही तरह से इस्तेमाल से मुल्तानी मिट्टी के त्वचा को बहुत से फायदे मिलते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- तैलीय त्वचा को नियंत्रित करना: Multani mitti अत्यधिक तैलीय त्वचा के लिए बहुत उपयोगी होती है. यह त्वचा से अतिरिक्त तेल को सोख लेती है और त्वचा को संतुलित बनाए रखती है, जिससे चेहरे पर अधिक तेल नहीं आता.
- मुंहासों से छुटकारा: Multani mitti में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा के छिद्रों को साफ रखते हैं और मुंहासों को कम करने में मदद करते हैं. यह त्वचा पर जमी गंदगी को हटाकर संक्रमण और मुहांसों की रोकथाम करती है.
- त्वचा की गहराई से सफाई व रंगत सुधारना: यह त्वचा की गहराई में जाकर छिद्रों में जमी गंदगी और मृत कोशिकाओं को हटाती है. इससे त्वचा का रंग निखरता है और त्वचा ताजगी महसूस करती है. मुल्तानी मिट्टी त्वचा के दाग-धब्बों को कम करती है और त्वचा की प्राकृतिक चमक को वापस लाती है. यह त्वचा के कालेपन और पिगमेंटेशन को भी कम करने में सहायक होती है.
मुल्तानी मिट्टी के नुकसान : हालांकि मुल्तानी मिट्टी त्वचा के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसका अधिक या गलत उपयोग त्वचा को नुकसान भी पहुंचा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- रूखी व शुष्क त्वचा के लिए हानिकारक: Multani mitti त्वचा से प्राकृतिक तेलों को सोख लेती है, जिससे रूखी व शुष्क त्वचा वाले लोगों को त्वचा में अधिक शुष्कता का सामना करना पड़ सकता है. इससे त्वचा फटने या खुजली की समस्या भी हो सकती है.
- त्वचा पर जलन: संवेदनशील त्वचा पर मुल्तानी मिट्टी का अधिक उपयोग जलन पैदा कर सकता है. अगर आपकी त्वचा बहुत संवेदनशील है, तो इस मिट्टी का उपयोग करने से पहले त्वचा पर थोड़ा सा परीक्षण करना जरूरी है.
- त्वचा कमजोर हो सकती है: अगर मुल्तानी मिट्टी का अत्यधिक उपयोग किया जाए, तो इससे त्वचा की प्राकृतिक नमी कम हो सकती है और त्वचा कमजोर हो सकती है. इसे सीमित मात्रा में और सही तरीके से उपयोग करना चाहिए.
मुल्तानी मिट्टी का सही उपयोग
1. सही मिश्रण तैयार करें: मुल्तानी मिट्टी को त्वचा के प्रकार के अनुसार गुलाब जल, दूध, या शहद के साथ मिलाकर उपयोग में लाया जा सकता है. तैलीय त्वचा के लिए गुलाब जल, जबकि सूखी त्वचा के लिए दूध या शहद के साथ इसका उपयोग बेहतर होता है.
2. लगाने का तरीका: Multani mitti के पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर एक समान रूप से लगाएं. इसे लगाने से पहले चेहरा अच्छी तरह से साफ कर लें. पेस्ट को 15-20 मिनट तक सूखने दें और फिर गुनगुने पानी से चेहरा धो लें.
3. सप्ताह में एक या दो बार उपयोग करें: मुल्तानी मिट्टी का उपयोग सप्ताह में 1-2 बार से ज्यादा नहीं करना चाहिए. इसका अधिक उपयोग त्वचा को शुष्क कर सकता है, इसलिए इसे संतुलित मात्रा में ही उपयोग में लाएं.
डिस्कलेमर:- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.