अयोध्या: राम मंदिर परिसर में रामलला के सामने मणिपुर से आई लगभग 80 कलाकारों ने नट संकीर्तन और रासलीला की प्रस्तुति दी. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य भी मौजूद रहे. राजर्षि भाग्यचंद्र कल्चरल फाउंडेशन द्वारा रविवार को राजर्षि भाग्यचंद्र की 226वीं पुण्य तिथि पर यह आयोजन किया गया.
कहा जाता है कि नट संकीर्तन और रासलीला की स्थापना राजा भाग्यचंद्र ने अपने कार्यकाल में 1785 में की थी. जिसको लेकर जवाहर लाल नेहरू डांस अकादमी इम्फाल की ओर से इस वर्ष राम मंदिर में यह आयोजन सम्पन्न हुआ. जबकि इसके पहले भी कई प्रमुख मन्दिरों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं. रविवार को इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने सबसे पहले हनुमान गढ़ी पर दर्शन पूजन किया और बजरंगबली के चरणों में मत्था टेका. फिर वे राम मंदिर पहुंचे, जहां श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने उनका स्वागत किया. राज्यपाल ने रामलला के दरबार में पहुंचकर दर्शन पूजन किया और आयोजन में भी शामिल हुए.
इसके पूर्व सर्किट हाउस पहुंचने पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा कि आज रामलला और बजरंगबली के चरणों में प्रणाम करके हमारे राज्य, हमारे समाज मणिपुर, असम में सुख समृद्धि की प्रभु से प्रार्थना की है. अयोध्या के मर्यादा के अनुरूप विकास का कार्य हुआ है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री का अभिनंदन करता हूं.
अयोध्या के विकास पर कहा कि यह अद्भुत, अद्वितीय और अलौकिक है. प्रभु राम का दरबार वैसे ही बहुत सुंदर है. इसको लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राम मंदिर ट्रस्ट को शुभकामनाएं दीं.