मुंबई: दिल्ली में आयोजित 98वां अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन अब समाप्त हो गया है. हालांकि यह सम्मेलन अब वहां मौजूद लेखकों या किताबों की वजह से नहीं, बल्कि राजनीति की वजह से चर्चा में आ गया है. इस सम्मेलन में 'हमारे साथ ऐसा ही हुआ' शीर्षक से एक चर्चा संगोष्ठी का आयोजन किया गया था.
इसमें शिवसेना नेता और विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे का इंटरव्यू लिया गया. इस दौरान नीलम गोरहे ने उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए. इन आरोपों का शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत की तरफ जवाब आया है.
संजय राउत ने क्या कहा?
मुंबई में मीडिया से बातचीत करते हुए संजय राउत ने सवाल किया कि, क्या महाराष्ट्र के प्रमुख नेताओं पर कीचड़ उछालने के लिए एक साहित्य सम्मेलन आयोजित किया था. मराठी साहित्य महामंडल, यानी सरकार ने दो करोड़ रुपये दिए और फिर उन्होंने इसमें से 25 लाख रुपये ले लिए. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि, उन्हें नहीं पता कि, मराठी साहित्य में उनका (नीलम गोरहे) का क्या योगदान है.
संजय राउत ने आगे कहा, "अब तक, हम साहित्य सम्मेलन और साहित्य के बारे में बात नहीं कर रहे थे. हालांकि, इस मंच का दुरुपयोग किया गया... याद रखें, हम भी लेखक हैं और हम साहित्य भी जानते हैं. इसलिए, साहित्य मंडल को इस सब के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए."
उन्होंने मीडिया से आगे कहा, "यदि आप विधान परिषद में इसे समझना चाहते हैं, तो पुणे नगर निगम में हमारे समूह के नेता अशोक हरनाल का इंटरव्यू लें. यह पता चल जाएगा कि किसके नाम पर इस महिला (नीलम गोरहे) ने करोड़ों रुपये एकत्र किए. उन्हें पता चल जाएगा कि यह मर्सिडीज मामला क्या है.
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संजय राउत ने आगे कहा कि, नासिक के पूर्व महापौर और स्थानीय शिवसेना नेता विनायक पांडे से पूछें कि इस महिला ने उन्हें नामित करने के लिए कितने पैसे लिए थे. इंटरव्यू में यह भी पूछा जाना चाहिए कि, विनायक पांडे ने उस महिला से पैसे कैसे लिए? मैं अगले दो दिनों में और नाम बताऊंगा."
शरद पवार पर संजय राउत का निशाना
संजय राउत ने कहा, "आप किसे 'गलत' कह रहे हैं? मातोश्री पर? आप ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पार्टी ने आपको (नीलम गोरहे) चार बार विधायक और उपसभापति बनाया है. मुझे नहीं पता कि शरद पवार ने इस साक्षात्कार को आयोजित करने की पहल की या नहीं. वे स्वागत वक्ता थे. इस कार्यक्रम में हुए राजनीतिक कीचड़ उछालने के लिए शरद पवार भी समान रूप से जिम्मेदार हैं. अधिवेशन की अध्यक्ष तारा भवालकर को भी इसका विरोध करना चाहिए.....आप चुप कैसे रह सकते हैं?" राउत ने यह भी कहा, जब आप पर कीचड़ उछाला जाता है तो हम आपके साथ खड़े होते हैं."
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