ETV Bharat / state

लखनऊ: एनबीआरआई में शुरू हुआ हिंदी पखवाड़ा, 16 सितंबर तक होगा आयोजित - lucknow news

प्रदेश की राजधानी लखनऊ के राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ किया गया. इस आयोजन के तहत कई तरह की प्रतियोगिताएं और कवि सम्मेलन आदि किए जाएंगे.

एनबीआरआई में शुरू हुआ हिंदी पखवाड़ा.
author img

By

Published : Sep 3, 2019, 11:43 AM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में सोमवार को भारत सरकार के गाइडलाइंस के तहत हिंदी पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया. हिंदी पखवाड़ा 2 सितंबर से शुरू होकर 16 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है. इस आयोजन के तहत कई तरह की प्रतियोगिताएं और कवि सम्मेलन आदि किए जाएंगे.

एनबीआरआई में शुरू हुआ हिंदी पखवाड़ा.

हिंदी पखवाड़े का हुआ शुभारंभ
सीएसआईआर के निदेशक ने कहा कि हिंदी पखवाड़े के आयोजन का मुख्य उद्देश्य हमारे संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों में हिंदी के प्रति रुचि बढ़ाने और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसमें हिंदी पर आधारित कुछ प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा.

आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे इतिहासकार डॉ. योगेश प्रवीण ने कहा कि किसी भी अन्य भाषा से परे हिंदी एक ऐसी भाषा है जो दुनिया भर में सबसे साफ सुथरी और बेहतरीन है. उन्होंने कहा कि इस भाषा में हम जो लिखते हैं वैसा ही बोलते हैं. इसके अलावा विश्व भर में हिंदी तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जो कि हमारे लिए गर्व का विषय है. उन्होंने कहा कि यहां पर कई ऐसे कवि और शायर रहे हैं जो कि उर्दू भाषा के होते हुए भी हिंदी भाषा में ही लिखते और बोलते थे. उन्होंने बताया कि अमीर खुसरो से किसी ने पूछा कि आप तुर्क हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि वह हिंदी बोलने वाले हिंद है इसलिए उनसे हिंदी में बात की जाए.

लखनऊ: राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में सोमवार को भारत सरकार के गाइडलाइंस के तहत हिंदी पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया. हिंदी पखवाड़ा 2 सितंबर से शुरू होकर 16 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है. इस आयोजन के तहत कई तरह की प्रतियोगिताएं और कवि सम्मेलन आदि किए जाएंगे.

एनबीआरआई में शुरू हुआ हिंदी पखवाड़ा.

हिंदी पखवाड़े का हुआ शुभारंभ
सीएसआईआर के निदेशक ने कहा कि हिंदी पखवाड़े के आयोजन का मुख्य उद्देश्य हमारे संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों में हिंदी के प्रति रुचि बढ़ाने और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसमें हिंदी पर आधारित कुछ प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा.

आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे इतिहासकार डॉ. योगेश प्रवीण ने कहा कि किसी भी अन्य भाषा से परे हिंदी एक ऐसी भाषा है जो दुनिया भर में सबसे साफ सुथरी और बेहतरीन है. उन्होंने कहा कि इस भाषा में हम जो लिखते हैं वैसा ही बोलते हैं. इसके अलावा विश्व भर में हिंदी तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जो कि हमारे लिए गर्व का विषय है. उन्होंने कहा कि यहां पर कई ऐसे कवि और शायर रहे हैं जो कि उर्दू भाषा के होते हुए भी हिंदी भाषा में ही लिखते और बोलते थे. उन्होंने बताया कि अमीर खुसरो से किसी ने पूछा कि आप तुर्क हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि वह हिंदी बोलने वाले हिंद है इसलिए उनसे हिंदी में बात की जाए.

Intro:लखनऊ। सीएसआईआर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में आज राजभाषा विभाग भारत सरकार के गाइडलाइंस के तहत हिंदी पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया हिंदी पखवाड़ा 2 सितंबर से शुरू होकर 16 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन के तहत कई तरह की प्रतियोगिताएं और कवि सम्मेलन आदि किए जाएंगे।


Body:वीओ1 राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एस के बारे में इस अवसर पर कहा कि हिंदी पखवाड़े के आयोजन का मुख्य उद्देश्य हमारे संस्थान में कार्यरत विभिन्न वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों में हिंदी के प्रति रुचि बढ़ाने उसका प्रचार और प्रसार और हिंदी के अधिक से अधिक प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही हिंदी पर आधारित कुछ प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे इतिहासकार डॉ योगेश प्रवीण ने कहा कि किसी भी अन्य भाषा से परे हिंदी एक ऐसी भाषा है जो दुनिया भर में सबसे साफ सुथरी और बेहतरीन है। इस भाषा में हम जो लिखते हैं वैसा ही बोलते हैं 28 के मानक बेहद विशुद्ध और सरल हैं। इसके अलावा विश्व भर हिंदी तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है जो कि हमारे लिए गर्व का विषय है प्राचीन काल से ही हिंदी पर लोग काफी कार्य करते थे और उसे बोलना अपनी बेगम से समझते थे यहां पर कि कई ऐसे कवि और शायर रहे हैं जो कि उर्दू भाषा के होते हुए भी हिंदी भाषा में ही लिखते और बोलते थे। यहां तक कि अमीर खुसरो से किसी ने पूछा कि आप तुर्क हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि वह हिंदी बोलने वाले हिंद है इसलिए उनसे हिंदी में बात की जाए।


Conclusion:डॉ योगेश प्रवीन ने कहा कि आजकल की भाषा शैली में हम अपने आसपास हिंदी भाषा के पर अन्य भाषाओं पर ज्यादा जोर दे रहे हैं जबकि हिंदी ही हमारे लिए सबसे आसान भाषा है और इस पर लोगों में हिंदी के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। बाइट- डॉ योगेश प्रवीण, साहित्यकार रामांशी मिश्रा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.