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मूलभूत सुविधाओं से जनता को वंचित नहीं रखा जा सकताः हाईकोर्ट - औद्योगिक विकास प्राधिकरण

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने एक जनहति याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नसीहत दी है. कोर्ट ने कहा कि अच्छी सड़क, सीवेज और जल निकासी तंत्र राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Sep 24, 2021, 10:55 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने कहा है कि अच्छी सड़क, सीवेज और जल निकासी तंत्र राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है. इन मूलभूत सुविधाओं से जनता को वंचित नहीं रखा जा सकता. कौन सी अथॉरिटी इन सुविधाओं को प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है, यह आम जन का विषय नहीं है, यह देखना सरकार का काम है. यह टिप्पणी न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रथम की खंडपीठ ने शरद कुमार श्रीवास्तव की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए की.

याचिका में नादरगंज इंडस्ट्रियल एरिया व इससे लगी हुई सड़कों के पुर्ननिर्माण, सीवेज व नालों के निर्माण तथा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश देने की मांग की गई थी. याचिका के साथ इलाके की तस्वीरें भी पेश की गईं, जिन्हें देखकर न्यायालय ने कहा कि सड़कें पानी से भरी हुई हैं. कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को इस स्थिति की जानकारी भी दी जा चुकी है. लेकिन सड़कों व नालों के पुर्ननिर्माण व मरम्मत इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि इसके लिए सरकार की कौन सी अथॉरिटी जिम्मेदार है, इस पर विवाद है.

इसे भी पढ़ें-नमक घोटाला मामला: अभियुक्त महेन्द्र तिवारी की जमानत अर्जी खारिज

न्यायालय ने आगे कहा कि नादरगंज इंडस्ट्रियल एरिया लखनऊ नगर निगम क्षेत्र में आता है. हालांकि इसे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने विकसित किया है, लेकिन यह आम जनता का विषय नहीं है कि यहां मूलभूत सुविधाएं नगर निगम प्रदान करेगी या इंडस्ट्रियल अथॉरिटी या पीडब्ल्यूडी अथवा एलडीए. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ मंडलायुक्त, लखनऊ मंडल को आदेश दिया कि वह सम्बंधित विभागों के साथ मीटिंग कर के एक माह में उनकी जिम्मेदारी तय करें. इसके बाद के छह माह के भीतर इलाके के सड़कों, सीवेज और जल निकासी तंत्र का कार्य पूर्ण कर लिया जाए.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने कहा है कि अच्छी सड़क, सीवेज और जल निकासी तंत्र राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है. इन मूलभूत सुविधाओं से जनता को वंचित नहीं रखा जा सकता. कौन सी अथॉरिटी इन सुविधाओं को प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है, यह आम जन का विषय नहीं है, यह देखना सरकार का काम है. यह टिप्पणी न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रथम की खंडपीठ ने शरद कुमार श्रीवास्तव की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए की.

याचिका में नादरगंज इंडस्ट्रियल एरिया व इससे लगी हुई सड़कों के पुर्ननिर्माण, सीवेज व नालों के निर्माण तथा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश देने की मांग की गई थी. याचिका के साथ इलाके की तस्वीरें भी पेश की गईं, जिन्हें देखकर न्यायालय ने कहा कि सड़कें पानी से भरी हुई हैं. कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को इस स्थिति की जानकारी भी दी जा चुकी है. लेकिन सड़कों व नालों के पुर्ननिर्माण व मरम्मत इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि इसके लिए सरकार की कौन सी अथॉरिटी जिम्मेदार है, इस पर विवाद है.

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न्यायालय ने आगे कहा कि नादरगंज इंडस्ट्रियल एरिया लखनऊ नगर निगम क्षेत्र में आता है. हालांकि इसे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने विकसित किया है, लेकिन यह आम जनता का विषय नहीं है कि यहां मूलभूत सुविधाएं नगर निगम प्रदान करेगी या इंडस्ट्रियल अथॉरिटी या पीडब्ल्यूडी अथवा एलडीए. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ मंडलायुक्त, लखनऊ मंडल को आदेश दिया कि वह सम्बंधित विभागों के साथ मीटिंग कर के एक माह में उनकी जिम्मेदारी तय करें. इसके बाद के छह माह के भीतर इलाके के सड़कों, सीवेज और जल निकासी तंत्र का कार्य पूर्ण कर लिया जाए.

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