लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को खुश रहने के तरीके सिखाने जा रहा है. विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग ने 'हैप्पीनेस' पाठ्यक्रम तैयार किया है. इसे विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ स्टडीज से अनुमति मिल चुकी है. अब लखनऊ विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद को प्रस्ताव भेजा गया है अनुमति मिलने के बाद नए शिक्षण सत्र से इस पाठ्यक्रम को लागू किया जाएगा.
लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग ने 'हैप्पीनेस' पाठ्यक्रम की आवश्यकता को विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के अनुभव के आधार पर तैयार किया है. शिक्षा शास्त्र विभाग की डीन प्रोफेसर अमिता बाजपेई ने बताया कि युवाओं में सबसे बड़ी समस्या हैप्पीनेस की कमी है. युवा सोशल मीडिया की आभासी दुनिया में खुशियां तलाश रहा है और उसे ऐसे अवसर नहीं मिल पा रहे हैं. जिनसे वह वास्तविक खुशी का आनंद हासिल कर सकें. इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने हैप्पीनेस पाठ्यक्रम तैयार किया है जो शुरू में तो शिक्षा शास्त्र विभाग के M.Ed छात्र छात्राओं के लिए उपलब्ध होगा.
उन्होंने आगे बताया कि इसे दूसरे शैक्षिक विभाग के छात्र-छात्रा भी पढ़ सकेंगे. खुशियों का वास्ता भौतिक सुख-सुविधाओं से उतना नहीं है जितना आंका जा रहा है. इस पाठ्यक्रम की उपयोगिता भी लोगों को खुशियों के वास्तविक आकलन और उसके अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है. यह पाठ्यक्रम लखनऊ विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ स्टडीज की अनुमति प्राप्त कर चुका है. अब विश्वविद्यालय के शैक्षिक परिषद के सामने पेश किया जाएगा अनुमति मिलने के बाद नए शिक्षण सत्र में इसे लागू किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें-आजम खां को कोर्ट ने जेल भेजा है, सरकार ने नहीं: डिप्टी सीएम