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सिर्फ बोलने से नहीं खत्म होगी टीबी, करना होगा काम : राज्यपाल

राजधानी लखनऊ में स्थित केजीएमयू में टीबी दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम में पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश से टीबी का खात्मा करना है. ऐसे में सिर्फ बोलने से काम नहीं चलेगा, इसके लिए काम करना होगा.

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Published : Mar 19, 2021, 3:41 PM IST

governor anandiben patel
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल.

लखनऊ: 24 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ किया गया. इसके साथ ही रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग का 75 वां स्थापना दिवस भी मनाया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अब देश से टीबी (क्षय रोग) का खात्मा करना है. ऐसे में सिर्फ बोलने से काम नहीं चलेगा, इसके लिए काम करना होगा. हर डॉक्टर एक-एक पीड़ित बच्चे को गोद अवश्य लें. कार्यक्रम में बीमारी से पीड़ित बच्चों को केजीएमयू द्वारा गोद लिया गया.

राज्यपाल आनंदेबीन पटेल.

टीबी से ग्रसित 22 बच्चों को लिया गोद
केजीएमयू में शुक्रवार को 22 टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लिया गया. अब तक संस्थान में 130 बच्चों को गोद लिया गया है. वहीं यूपी में अब तक 25 हजार टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लिया गया है. इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, कुलपति ले. जनरल डॉ. विपिन पुरी, रेस्परेटरी विभाग के अध्यक्ष डॉ सूर्यकांत, स्टेट टीबी ऑफीसर डॉ. संतोष गुप्ता ने बच्चों को पोषण किट वितरित की.

मुख्य अधिकारी टीबी से पीड़ित बच्चे को लें गोद
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त देश का लक्ष्य तय किया है. ऐसे में बीमारी के खिलाफ तेजी से काम करना होगा. यूपी में सभी जनपदों के मुख्य अधिकारी डीएम, एसपी, सीडीओ आदि टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लें. हर डॉक्टर एक-एक बच्चे को गोद लें. प्रदेश की सभी प्राइवेट 50, सरकारी 30 व करीब 30 हजार कॉलेज टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लें. समाज को टीबी मुक्त बनाने के लिए सभी की जिम्मेदारी है.

यह भी पढ़ें-वायर से निकलेगी लार, कैंसर रोगियों को मिलेगा लाभ

श्रेष्ठ यूनिवर्सिटी बनाने का हो लक्ष्य
राज्यपाल ने कहा कि यूनिवर्सिटी में कुलपति चयन प्रक्रिया में काफी पारदर्शिता आई है. जिन्हें कुलपति पद पर चयन किया गया है, वह यूनिवर्सिटी को श्रेष्ठ बनाने का लक्ष्य बनाएं. पांच साल पहले केजीएमयू की बेहतर रैंकिग होने के बारे में सुना है. बीच में कुछ गड़बड़ हुआ है लेकिन जातिवाद से दूर रहकर फिर से नए विभाग, नवाचार से केजीएमयू को देश की श्रेष्ठ यूनिवर्सिटी बनाना होगा.

टीबी फैक्ट

  • यूपी में वर्ष 2020 में सरकारी सेक्टर में 2,42,810 टीबी रोगी पंजीकृत किए गए.
  • निजी क्षेत्र में 1,25,187 रोगी पंजीकृत किए गए, कुल रोगी 3,67,997 रोगी हैं.
  • हर वर्ष 27 लाख लोग देश में टीबी के शिकार हो रहे हैं.
  • एक हजार लोगों की प्रतिदिन टीबी से मौत हो रही है.
  • सभी जनपदों में 145 सीवी नॉट मशीनों से टीबी जांच की सुविधा.
  • 451 ट्रू नॉट मशीन विभिन्न अस्पतालों में लगी.
  • प्रदेश में 22 नोडल डीआरटीबी सेंटर.
  • प्रदेश में चार नई लैब बनेंगी, तीन नए टीबी सेंटर बनेंगे.

लखनऊ: 24 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ किया गया. इसके साथ ही रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग का 75 वां स्थापना दिवस भी मनाया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अब देश से टीबी (क्षय रोग) का खात्मा करना है. ऐसे में सिर्फ बोलने से काम नहीं चलेगा, इसके लिए काम करना होगा. हर डॉक्टर एक-एक पीड़ित बच्चे को गोद अवश्य लें. कार्यक्रम में बीमारी से पीड़ित बच्चों को केजीएमयू द्वारा गोद लिया गया.

राज्यपाल आनंदेबीन पटेल.

टीबी से ग्रसित 22 बच्चों को लिया गोद
केजीएमयू में शुक्रवार को 22 टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लिया गया. अब तक संस्थान में 130 बच्चों को गोद लिया गया है. वहीं यूपी में अब तक 25 हजार टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लिया गया है. इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, कुलपति ले. जनरल डॉ. विपिन पुरी, रेस्परेटरी विभाग के अध्यक्ष डॉ सूर्यकांत, स्टेट टीबी ऑफीसर डॉ. संतोष गुप्ता ने बच्चों को पोषण किट वितरित की.

मुख्य अधिकारी टीबी से पीड़ित बच्चे को लें गोद
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त देश का लक्ष्य तय किया है. ऐसे में बीमारी के खिलाफ तेजी से काम करना होगा. यूपी में सभी जनपदों के मुख्य अधिकारी डीएम, एसपी, सीडीओ आदि टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लें. हर डॉक्टर एक-एक बच्चे को गोद लें. प्रदेश की सभी प्राइवेट 50, सरकारी 30 व करीब 30 हजार कॉलेज टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लें. समाज को टीबी मुक्त बनाने के लिए सभी की जिम्मेदारी है.

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श्रेष्ठ यूनिवर्सिटी बनाने का हो लक्ष्य
राज्यपाल ने कहा कि यूनिवर्सिटी में कुलपति चयन प्रक्रिया में काफी पारदर्शिता आई है. जिन्हें कुलपति पद पर चयन किया गया है, वह यूनिवर्सिटी को श्रेष्ठ बनाने का लक्ष्य बनाएं. पांच साल पहले केजीएमयू की बेहतर रैंकिग होने के बारे में सुना है. बीच में कुछ गड़बड़ हुआ है लेकिन जातिवाद से दूर रहकर फिर से नए विभाग, नवाचार से केजीएमयू को देश की श्रेष्ठ यूनिवर्सिटी बनाना होगा.

टीबी फैक्ट

  • यूपी में वर्ष 2020 में सरकारी सेक्टर में 2,42,810 टीबी रोगी पंजीकृत किए गए.
  • निजी क्षेत्र में 1,25,187 रोगी पंजीकृत किए गए, कुल रोगी 3,67,997 रोगी हैं.
  • हर वर्ष 27 लाख लोग देश में टीबी के शिकार हो रहे हैं.
  • एक हजार लोगों की प्रतिदिन टीबी से मौत हो रही है.
  • सभी जनपदों में 145 सीवी नॉट मशीनों से टीबी जांच की सुविधा.
  • 451 ट्रू नॉट मशीन विभिन्न अस्पतालों में लगी.
  • प्रदेश में 22 नोडल डीआरटीबी सेंटर.
  • प्रदेश में चार नई लैब बनेंगी, तीन नए टीबी सेंटर बनेंगे.
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