मेरठ : चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में बने खेल उत्पाद न सिर्फ लोकल मार्केट में बल्कि देश के बाहर तक भी पसंद किए जाते हैं. मेरठ की जेल में बना फुटबॉल मेरठ से ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न तक में अपना जादू बिखेरता है. अब प्रयागराज महाकुंभ 2025 में भी यही फुटबॉल अपना जलवा बिखेरेगा.
मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में बड़े पैमाने पर खेल उत्पाद बनाए जाते हैं. इससे बंदियों का हुनर निखारने के साथ उन्हें काम भी मिल रहा है. इन्हीं बंदियों द्वारा प्रयागराज महाकुंभ के लिए फुटबॉल तैयार किया जा रहा है. जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि कुंभ में मेरठ जिला कारागार के बंदियों द्वारा बनाए गए खेल उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. खास तौर से यहां बने फुटबॉल की डिमांड मेलबर्न आस्ट्रेलिया तक है. यह प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण रहेगा.
वीरेश राज शर्मा बताते हैं कि स्पोर्ट्स इक्विपमेंट्स मेरठ की पहचान हैं. मेरठ जिला कारागार में पूरे साल खेल के सामान बनाए जाते हैं. वैश्विक स्तर पर मेरठ को पहचान मिल रही है. जेल में फुटबॉल के अलावा पैंट, टीशर्ट, ट्रैक सूट इत्यादि भी बनाए जाते हैं. अगर फुटबॉल की बात करें तो हर महीने लगभग डेढ़ हजार तक फुटबॉल बंदी तैयार करते हैं. सामान्य तौर पर हर 50 से 80 बंदी फुटबॉल तैयार करते हैं. यह फुटबाॅल सुपर फाइन क्वालिटी को होते हैं. एक पीस तैयार करने के लिए बंदियों को 50 रुपये मिलते हैं. बंदी लगभग 5 से 6 घंटे काम करते हैं. ऐसे में तीन सौ रुपये प्रतिदिन कमा लेते हैं. 7 से 8 घंटे काम करने वाले बंदियों की आमदनी पांच से छह सौ रुपये प्रतिदिन हो जाती है.
फिलहाल महाकुंभ के लिए इस वक़्त बड़े पैमाने पर बंदी उत्पाद तैयार कर रहे हैं. फुटबाॅल व खेल के तमाम उपकरणों के अलावा कुंभ में चार प्रकार के बैग की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. इसके लिए बंदी बड़ी शिद्दत और उत्साह से काम में जुटे हुए हैं.