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प्रदेश की उन्नति के लिए आईटी हब बना रही सरकार, सबको देना होगा बेहतर योगदान

प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अजीत पाल एवं मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने ‘यूपी एडीशन एपीएसी थर्ड इंडिया डिजिटल एम्पावरमेंट मीट एंड अवार्ड्स’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत पाल ने प्रदेश में तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी.

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Published : Nov 17, 2022, 6:23 PM IST

लखनऊ : प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अजीत पाल एवं मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने ‘यूपी एडीशन एपीएसी थर्ड इंडिया डिजिटल एम्पावरमेंट मीट एंड अवार्ड्स’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत पाल (Minister of State for Information Technology Ajit Pal) ने प्रदेश में तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लखनऊ में 100 एकड़ में आईटी सिटी एसईजेड बना रही हैं. टियर 2 और टियर 3 शहरों में आईटी हब बना रहे हैं.


मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. विकास इतनी तेजी से होना चाहिए कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाए. सभी को अपने सामर्थ्य के अनुसार पूरी क्षमता से देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था की उन्नति के लिये योगदान करना चाहिए. आईटी और प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आईटी के सहयोग से लगभग हर क्षेत्र में अद्भुत काम किया है. देश का लगभग 45 प्रतिशत मोबाइल उत्तर प्रदेश में बन रहा है. यूपी एक इनोवेटिव इन्वेस्टमेंट फंड बना रहा है.


मुख्य सचिव (chief Secretary) ने बताया कि निवेश को आकर्षित करने के लिए कैबिनेट द्वारा नवीन इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी तथा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) व सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा (आईटीईएस) पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की गई है. प्रदेश नई डाटा सेंटर पॉलिसी से आने वाले समय में देश की 25 प्रतिशत जरूरत को पूरा करेगी. डाटा सेंटर बनने से हमारा कम्यूनिकेशन आसान हो जाएगा. विशेष सचिव आईटी और एमडी यूपीडेस्को कुमार विनीत ने एक राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य में निर्माताओं को सहज बनाने के लिए सक्षम और सहायक की भूमिका पर जोर दिया. कार्यक्रम में राजस्थान, आंध्र प्रदेश, केरल, जम्मू-कश्मीर के नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों के साथ-साथ एसीईआर, सेलकॉन, लावा, एनईसी आदि आईटी उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

यह भी पढ़ें : मोरबी पुल हादसे के राजनीतिक नुकसान से भाजपा को उबारेंगे योगी, आज करेंगे जनसभा

लखनऊ : प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अजीत पाल एवं मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने ‘यूपी एडीशन एपीएसी थर्ड इंडिया डिजिटल एम्पावरमेंट मीट एंड अवार्ड्स’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत पाल (Minister of State for Information Technology Ajit Pal) ने प्रदेश में तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लखनऊ में 100 एकड़ में आईटी सिटी एसईजेड बना रही हैं. टियर 2 और टियर 3 शहरों में आईटी हब बना रहे हैं.


मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. विकास इतनी तेजी से होना चाहिए कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाए. सभी को अपने सामर्थ्य के अनुसार पूरी क्षमता से देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था की उन्नति के लिये योगदान करना चाहिए. आईटी और प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आईटी के सहयोग से लगभग हर क्षेत्र में अद्भुत काम किया है. देश का लगभग 45 प्रतिशत मोबाइल उत्तर प्रदेश में बन रहा है. यूपी एक इनोवेटिव इन्वेस्टमेंट फंड बना रहा है.


मुख्य सचिव (chief Secretary) ने बताया कि निवेश को आकर्षित करने के लिए कैबिनेट द्वारा नवीन इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी तथा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) व सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा (आईटीईएस) पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की गई है. प्रदेश नई डाटा सेंटर पॉलिसी से आने वाले समय में देश की 25 प्रतिशत जरूरत को पूरा करेगी. डाटा सेंटर बनने से हमारा कम्यूनिकेशन आसान हो जाएगा. विशेष सचिव आईटी और एमडी यूपीडेस्को कुमार विनीत ने एक राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य में निर्माताओं को सहज बनाने के लिए सक्षम और सहायक की भूमिका पर जोर दिया. कार्यक्रम में राजस्थान, आंध्र प्रदेश, केरल, जम्मू-कश्मीर के नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों के साथ-साथ एसीईआर, सेलकॉन, लावा, एनईसी आदि आईटी उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

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