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बुजुर्ग महिला के घर को दबंगों ने ढहाया, किया कब्जा

यूपी के लखनऊ में बुजुर्ग महिला के घर पर दबंगों द्वारा कब्जे करने का मामला सामने आया है. बुजुर्ग महिला जब रिश्तेदारों के साथ शिकायत के लिए गई तो पुलिस ने उल्टे उन पर शांति भंग करने के आरोप में कार्रवाई कर दी.

बुजुर्ग महिला सरस्वती
बुजुर्ग महिला सरस्वती
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Published : Jan 17, 2021, 7:03 PM IST

लखनऊः बेटे की मौत की खबर पर बुजुर्ग महिला उसके अंतिम संस्कार के लिए कानपुर गई थी. इसी बात का फायदा उठाकर दबंगों ने उसके आवास को ढहा दिया और कब्जा कर लिया. यही नहीं आरोपियों ने जमीन पर पक्का निर्माण भी शुरू करा दिया. लौटने पर जब महिला अपने घर पहुंची तो दबंगों ने उसे वहां से भगा दिया. जिसके बाद महिला अपने रिश्तेदारों के साथ फरियाद लेकर बीकेटी थाने पहुंची. थाने में उसे न्याय तो नहीं मिला बल्कि उसके रिश्तेदारों का शांति भंग करने के आरोप में पुलिस ने चालान कर दिया.

शांति भंग करने के आरोप में रिश्तेदारों को भेजा जेल.

बुजुर्ग महिला को आंखों से नहीं दिखाई देता
बीकेटी थाना क्षेत्र के शिवपुरी गांव में बुजुर्ग महिला सरस्वती को दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता है. महिला ने बताया उसका लड़के इंद्रपाल की कानपुर में 24 दिसम्बर को मृत्यु हो गई थी. बुजुर्ग महिला जिसके चलते वह कानपुर गई हुई थी. उनकी गैर मौजूदगी में मौके का फायदा उठाकर गांव के ही मन्ना यादव और उनके घर वालों ने बुजुर्ग महिला के आवास का ताला तोड़कर कब्जा कर लिया.

बुजुर्ग महिला को दी धमकी
बुजुर्ग महिला ने बताया कि आरोपियों ने आवास में जो सामान रखा था उसे भी गायब कर दिया. जब वह लौटकर गांव पहुंची तो पता चला कि उसके मकान को ढहा दिया गया है और उस जमीन को अपने में लेकर पक्का निर्माण कराया जा रहा है. वहीं मन्नालाल के घर की महिलाओं ने बुजुर्ग महिला को धमकाया और फिर कहा दस-बीस हजार रुपये लेना हो तो ले लो वरना यहां दिखाई मत पड़ना. महिला अपनी बहन के घर पड़ोस के गांव बरगदी चली गई.

पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट
पीड़ित बुजुर्ग महिला ने आरोप लगाया वह नौ जनवरी को जब अपने रिश्तेदार रामजीवन और उसके लड़के अजय के साथ बीकेटी थाने घटना की शिकायत करने पहुंची तो उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. थाने में दोबारा शिकायत करने जाने पर उल्टे उसके रिश्तेदारों को पुलिस ने बंद कर दिया और शांतिभंग में कारवाई कर दी. ग्रामीणों के मुताबिक पूर्व प्रधान बाबूलाल के कार्यकाल में 1995 स्वरस्वती का आवास इंदिरा आवास योजना के तहत बना था.

भाजपा नेता ने की पहल
पीड़ित महिला को जब कहीं न्याय नहीं मिला तो उसने अपने रिश्तेदारों के माध्यम से भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा से मुलाकात कर पूरी घटना बताई. जिसके बाद उन्होंने पीड़ित महिला को ले जाकर शनिवार को उसकी शिकायत बीकेटी की बीडीओ से की.

जांच का दिया आश्वासन
एसडीएम नवीन चंद्र ने बताया यह मामला बीडीओ द्वारा उनके संज्ञान में लाया गया है. जिसकी राजस्व कर्मियों की टीम भेजकर जांच कराई जायेगी. बीडीओ पूजा सिंह ने बताया महिला कि इंदिरा आवास कब मिला अभिलेख से चेक किया जायेगा. उन्होंने कहा कि सरकारी योजना के आवास को गिराना गलत है. जांच के आधार पर कारवाई की जायेगी.

लखनऊः बेटे की मौत की खबर पर बुजुर्ग महिला उसके अंतिम संस्कार के लिए कानपुर गई थी. इसी बात का फायदा उठाकर दबंगों ने उसके आवास को ढहा दिया और कब्जा कर लिया. यही नहीं आरोपियों ने जमीन पर पक्का निर्माण भी शुरू करा दिया. लौटने पर जब महिला अपने घर पहुंची तो दबंगों ने उसे वहां से भगा दिया. जिसके बाद महिला अपने रिश्तेदारों के साथ फरियाद लेकर बीकेटी थाने पहुंची. थाने में उसे न्याय तो नहीं मिला बल्कि उसके रिश्तेदारों का शांति भंग करने के आरोप में पुलिस ने चालान कर दिया.

शांति भंग करने के आरोप में रिश्तेदारों को भेजा जेल.

बुजुर्ग महिला को आंखों से नहीं दिखाई देता
बीकेटी थाना क्षेत्र के शिवपुरी गांव में बुजुर्ग महिला सरस्वती को दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता है. महिला ने बताया उसका लड़के इंद्रपाल की कानपुर में 24 दिसम्बर को मृत्यु हो गई थी. बुजुर्ग महिला जिसके चलते वह कानपुर गई हुई थी. उनकी गैर मौजूदगी में मौके का फायदा उठाकर गांव के ही मन्ना यादव और उनके घर वालों ने बुजुर्ग महिला के आवास का ताला तोड़कर कब्जा कर लिया.

बुजुर्ग महिला को दी धमकी
बुजुर्ग महिला ने बताया कि आरोपियों ने आवास में जो सामान रखा था उसे भी गायब कर दिया. जब वह लौटकर गांव पहुंची तो पता चला कि उसके मकान को ढहा दिया गया है और उस जमीन को अपने में लेकर पक्का निर्माण कराया जा रहा है. वहीं मन्नालाल के घर की महिलाओं ने बुजुर्ग महिला को धमकाया और फिर कहा दस-बीस हजार रुपये लेना हो तो ले लो वरना यहां दिखाई मत पड़ना. महिला अपनी बहन के घर पड़ोस के गांव बरगदी चली गई.

पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट
पीड़ित बुजुर्ग महिला ने आरोप लगाया वह नौ जनवरी को जब अपने रिश्तेदार रामजीवन और उसके लड़के अजय के साथ बीकेटी थाने घटना की शिकायत करने पहुंची तो उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. थाने में दोबारा शिकायत करने जाने पर उल्टे उसके रिश्तेदारों को पुलिस ने बंद कर दिया और शांतिभंग में कारवाई कर दी. ग्रामीणों के मुताबिक पूर्व प्रधान बाबूलाल के कार्यकाल में 1995 स्वरस्वती का आवास इंदिरा आवास योजना के तहत बना था.

भाजपा नेता ने की पहल
पीड़ित महिला को जब कहीं न्याय नहीं मिला तो उसने अपने रिश्तेदारों के माध्यम से भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा से मुलाकात कर पूरी घटना बताई. जिसके बाद उन्होंने पीड़ित महिला को ले जाकर शनिवार को उसकी शिकायत बीकेटी की बीडीओ से की.

जांच का दिया आश्वासन
एसडीएम नवीन चंद्र ने बताया यह मामला बीडीओ द्वारा उनके संज्ञान में लाया गया है. जिसकी राजस्व कर्मियों की टीम भेजकर जांच कराई जायेगी. बीडीओ पूजा सिंह ने बताया महिला कि इंदिरा आवास कब मिला अभिलेख से चेक किया जायेगा. उन्होंने कहा कि सरकारी योजना के आवास को गिराना गलत है. जांच के आधार पर कारवाई की जायेगी.

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