ETV Bharat / state

लखनऊः नियमितीकरण को लेकर दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों में रोष, आंदोलन की तैयारी - लखनऊ समाचार

उत्तर प्रदेश के वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी आंदोलन करने की सोच रहे हैं, वजह है उनका नियमितीकरण न होना. वन विभाग के इन्हीं कर्मचारियों का कहना है कि 2016 के बाद दैनिक वेतन वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाना था, लेकिन इसमें अधिकारी अब भ्रष्टाचार कर रहे हैं.

नियमितीकरण को लेकर दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों में रोष.
author img

By

Published : Sep 17, 2019, 9:42 AM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. 3 साल से नियमित किए जाने का इंतजार कर रहे कर्मचारी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का खुला आरोप भी लगा रहे हैं. वन विभाग में 7000 से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाना था.

नियमितीकरण को लेकर दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों में रोष.

2016 में जारी हुआ था नियमित करने का निर्देश
उत्तर प्रदेश के वन विभाग में 7000 से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ऐसे हैं. जिनकों नियमित करने की घोषणा पिछले 3 साल से लंबित है. कर्मचारियों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्णय के बावजूद दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही लापरवाही कर रहे हैं. वन विभाग राजकीय वाहन चालक संघ के महामंत्री उपेंद्र तिवारी ने ईटीवी भारत को बताया कि मौजूदा सरकार ने 2016 में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश जारी किया था.

जिला स्तर के अधिकारी कर रहे नियुक्ति

सरकार के फैसले के अनुसार, पहले जिन कर्मचारियों को 2100 रुपये दैनिक वेतन पर रखा गया है. सभी को नियमित कर दिया जाएगा, लेकिन इस फैसले को लागू करने में वन विभाग के अधिकारी हिला हवाली कर रहे हैं. महामंत्री ने कहा कि कायदे से सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को मुख्यालय स्तर से नियमितीकरण का आदेश जारी किया जाना चाहिए था. क्योंकि यह फैसला सरकार का था, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने इसे जिला स्तर के वन अधिकारियों के विवेक पर छोड़ दिया. इसका खामियाजा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. जिलों में तैनात अधिकारी मनमाने तरीके से कर्मचारियों का नियमितीकरण कर रहे हैं. आरोप है कि भ्रष्टाचार की वजह से कर्मचारियों के नियमितीकरण में बाधा पैदा की जा रही है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. 3 साल से नियमित किए जाने का इंतजार कर रहे कर्मचारी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का खुला आरोप भी लगा रहे हैं. वन विभाग में 7000 से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाना था.

नियमितीकरण को लेकर दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों में रोष.

2016 में जारी हुआ था नियमित करने का निर्देश
उत्तर प्रदेश के वन विभाग में 7000 से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ऐसे हैं. जिनकों नियमित करने की घोषणा पिछले 3 साल से लंबित है. कर्मचारियों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्णय के बावजूद दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही लापरवाही कर रहे हैं. वन विभाग राजकीय वाहन चालक संघ के महामंत्री उपेंद्र तिवारी ने ईटीवी भारत को बताया कि मौजूदा सरकार ने 2016 में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश जारी किया था.

जिला स्तर के अधिकारी कर रहे नियुक्ति

सरकार के फैसले के अनुसार, पहले जिन कर्मचारियों को 2100 रुपये दैनिक वेतन पर रखा गया है. सभी को नियमित कर दिया जाएगा, लेकिन इस फैसले को लागू करने में वन विभाग के अधिकारी हिला हवाली कर रहे हैं. महामंत्री ने कहा कि कायदे से सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को मुख्यालय स्तर से नियमितीकरण का आदेश जारी किया जाना चाहिए था. क्योंकि यह फैसला सरकार का था, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने इसे जिला स्तर के वन अधिकारियों के विवेक पर छोड़ दिया. इसका खामियाजा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. जिलों में तैनात अधिकारी मनमाने तरीके से कर्मचारियों का नियमितीकरण कर रहे हैं. आरोप है कि भ्रष्टाचार की वजह से कर्मचारियों के नियमितीकरण में बाधा पैदा की जा रही है.

Intro:लखनऊ .उत्तर प्रदेश वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. 3 साल से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे कर्मचारी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का खुला आरोप भी लगा रहे हैं.


Body:उत्तर प्रदेश के वन विभाग में 7000 से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ऐसे हैं जिनका नियमितीकरण पिछले 3 साल से लंबित है कर्मचारियों का आरोप है. उत्तर प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्णय के बावजूद दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही लगा रहे हैं . वन विभाग राजकीय वाहन चालक संघ के महामंत्री उपेंद्र तिवारी ने ईटीवी भारत को बताया इस सरकार ने 2016 में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश जारी किया था सरकार के फैसले के अनुसार जिन कर्मचारियों को 2100 पहले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के तौर पर रखा गया है सभी को नियमित कर दिया जाएगा लेकिन इस फैसले को लागू करने में वन विभाग के अधिकारी हिला हवाली कर रहे हैं उन्होंने कहा कि कायदे से सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को मुख्यालय स्तर से नियमितीकरण का आदेश जारी किया जाना चाहिए था क्योंकि यह फैसला सरकार का था लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने इसे जिला स्तर पर वन अधिकारियों के विवेक पर छोड़ दिया इसका खामियाजा अब दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है जिलों में तैनात अधिकारी मनमाने तरीके से कर्मचारियों का नियमितीकरण कर रहे हैं उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार की वजह से कर्मचारियों के नियमितीकरण में बाधा पैदा की जा रही है.


बाइट/ उपेंद्र तिवारी ,महामंत्री राजकीय वाहन चालक संघ वन विभाग


पीटीसी/अखिलेश तिवारी


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.