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लखनऊ : खनन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले चार आरोपी गिरफ्तार

राजधानी लखनऊ की साइबर क्राइम टीम ने एक गिरोह के चार चालबाजों को गिरफ्तार किया है. ये सभी शातिर फर्जी वेबसाइट बनाकर खनन के परिवहन के लिए फर्जी दस्तावेज जारी करने का काम करते थे.

फर्जी वेबसाइट के जरिए खनन विभाग को चूना लगाने वाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार.
फर्जी वेबसाइट के जरिए खनन विभाग को चूना लगाने वाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार.
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Published : Oct 5, 2020, 8:14 PM IST

लखनऊ: राजधानी की साइबर क्राइम टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. टीम ने एक गिरोह के चार युवकों को गिरफ्तार किया है. ये सभी शातिर फर्जी वेबसाइट बनाकर खनन के परिवहन के लिए फर्जी दस्तावेज जारी करने का काम करते थे. साइबर टीम ने मुकेश कुमार, मनोज कुमार, अंकित कुमार और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया है.

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार सभी शख्स एक गिरोह के सदस्य हैं. ये गिरोह फर्जी तरीके से वेबसाइट बनाकर खनन के परिवहन के लिए वाहनों के लिए फर्जी ई-रवन्ना (फर्जी रॉयल्टी पेपर) बनाकर काफी लंबे समय से खनन विभाग को चूना लगा रहे थे. फर्जी रॉयल्टी पेपर बनाकर अवैध तरीके से बालू, मौरंग, गिट्टी की निकासी की जा रही थी. इससे खनन विभाग को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

साइबर थाने के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि भू-विज्ञान व खनन निदेशालय के खनन अधिकारी सुभाष रंजन द्वारा साइबर क्राइम थाना लखनऊ में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फर्जी तरीके से वेबसाइट बनाकर खनन विभाग को चूना लगाने वाले इन आरोपियों का एक बड़ा सिंडिकेट है.

सिंडिकेट से जुड़े हुए लोगों की पहचान करने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. आप को बता दें कि इससे पहले साइबर थाना टीम इस मामले में अयोध्या निवासी शिवांश रस्तोगी व प्रयागराज निवासी जीवनलाल सिंह, अखिलेश प्रताप सिंह और सचिन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

लखनऊ: राजधानी की साइबर क्राइम टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. टीम ने एक गिरोह के चार युवकों को गिरफ्तार किया है. ये सभी शातिर फर्जी वेबसाइट बनाकर खनन के परिवहन के लिए फर्जी दस्तावेज जारी करने का काम करते थे. साइबर टीम ने मुकेश कुमार, मनोज कुमार, अंकित कुमार और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया है.

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार सभी शख्स एक गिरोह के सदस्य हैं. ये गिरोह फर्जी तरीके से वेबसाइट बनाकर खनन के परिवहन के लिए वाहनों के लिए फर्जी ई-रवन्ना (फर्जी रॉयल्टी पेपर) बनाकर काफी लंबे समय से खनन विभाग को चूना लगा रहे थे. फर्जी रॉयल्टी पेपर बनाकर अवैध तरीके से बालू, मौरंग, गिट्टी की निकासी की जा रही थी. इससे खनन विभाग को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

साइबर थाने के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि भू-विज्ञान व खनन निदेशालय के खनन अधिकारी सुभाष रंजन द्वारा साइबर क्राइम थाना लखनऊ में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फर्जी तरीके से वेबसाइट बनाकर खनन विभाग को चूना लगाने वाले इन आरोपियों का एक बड़ा सिंडिकेट है.

सिंडिकेट से जुड़े हुए लोगों की पहचान करने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. आप को बता दें कि इससे पहले साइबर थाना टीम इस मामले में अयोध्या निवासी शिवांश रस्तोगी व प्रयागराज निवासी जीवनलाल सिंह, अखिलेश प्रताप सिंह और सचिन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

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