लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में हजरतगंज स्थित जिस यूपी कोऑपरेटिव बैंक में बीते दिनों कर्मचारियों की मिली भगत से हैकर्स ने 146 करोड़ उड़ाने का प्रयास किया था, वहां शनिवार की सुबह आग लगने से हडकंप मच गया. यह आग बैंक के 8वें तल पर स्थित बैंकिंग व फाइनेंस रूम में लगी थी. सीएफओ लखनऊ के मुताबिक, आग शाॅर्ट सर्किट से लगी थी, जिसे समय रहते बुझा लिया गया है. वहीं बैंक के एमडी अरूण कुमार मिश्रा ने बताया कि आग से कुछ पुराने बाउचर व दस्तावेज जले हैं, जिन्हें पहले ही सर्वर पर अपलोड किया जा चुका है. बता दें, साइबर पुलिस अभी भी बैंक में हुए 146 करोड़ की जालसाजी की जांच कर रही है और इसकी जद में कई बैंककर्मी आ रहे हैं.
यूपी कोऑपरेटिव बैंक के एमडी अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि शनिवार सुबह 9:25 पर हजरतगंज स्थित बैंक के 8वें तल पर लगी ट्यूब लाइट में शाॅर्ट सर्किट से आग लग गई थी. इस आग से ट्यूब लाइट के नीचे रखे पुराने बाउचर जलकर राख हो गए. एमडी के मुताबिक, जले हुए बाउचर 12 साल पुराने थे व उनकी डिटेल सर्वर पर अपलोड हो चुकी है.
अक्टूबर 2022 को हजरतगंज स्थित यूपी कोऑपरेटिव बैंक के 5वें फ्लोर में बैंक के पूर्व मैनेजर की मदद से हैकर्स ने सर्वर को हैक किया और उसके बाद 146 करोड़ रुपये उड़ा लिए थे, हालांकि साइबर पुलिस ने तत्काल हैकर्स के खाते सीज कर रुपयों को वापस बैंक में जमा करवा दिया था. इस केस की जांच करते हुए साइबर क्राइम थाने की टीम ने बैंक के पूर्व मैनेजर आरएस दुबे, लोकभवन में तैनात सेक्शन अफसर रामराज के अलावा ध्रुव श्रीवास्तव, महमूदाबाद स्थित बैंक के सहायक प्रबंधक कर्मवीर सिंह के अलावा भूपेंद्र, सतीश, आकाश श्रीवास्तव, व बिल्डर सुखसागर को गिरफ्तार किया था. 146 करोड़ के इस स्कैम के मामले में साइबर पुलिस की रडार में कई बैंककर्मी व अधिकारी हैं, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है. ऐसे में बैंक में लगी आग को एजेंसी संदिग्ध मानते हुए जांच करवाने की बात कह रही है.