लखनऊ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाएं इसी महीने की 24 फरवरी से शुरू होकर 12 मार्च तक चलेंगी. इसके पहले 9 से 16 फरवरी तक प्रायोगिक परीक्षाओं का आयोजन किया गया है. वहीं दूसरी तरफ राजधानी से सटे रहमान खेड़ा इलाके में दो माह से अधिक समय से बाघ की दहशत कायम है. बाघ की चहलकदमी के बिलकुल कोर एरिया में यूपी बोर्ड के दो केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर करीब 10 विद्यालयों के 700 विद्यार्थी जान जोखिम में डालकर परीक्षा देंगे. आलम यह है कि बाघ की दहशत से इन स्कूलों में पढ़ाई बीते जनवरी से बंद है. यहां तक कि बोर्ड परीक्षा की तैयारी भी बच्चें नहीं कर पा रहे है.
दो परीक्षा केंद्रो पर असरः वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रहमान खेड़ा एरिया से सेट करीब 15 से 20 किलोमीटर के एरिया के गांव में बाग की दहशत कायम है इसका सीधा असर बोर्ड परीक्षाओं पर पढ़ रहा है. यूपी बोर्ड परीक्षार्थियों के साथ ही केंद्र व्यवस्थापक भी परेशान है. 9 फरवरी से इंटर की प्रेक्टिकल की परीक्षा भी शुरू होनी है ऐसे में इन स्कूलों में बच्चे जाने से दहशत में है.
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10 से 15 किलोमीटर का एरिया प्रभावित हैः रहमान खेड़ा व उसके 10 से 15 किलोमीटर की एरिया में साथ परीक्षा केंद्र है. लेकिन बाघ के मूवमेंट के एरिया में पढ़ने वाले दो परीक्षा केंद्रों पर इसका सीधा असर है. इन परीक्षा केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापक को का कहना है की परीक्षा के दृष्टि से वन विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सुरक्षा के उपाय बढ़ने चाहिए ताकि प्रैक्टिकल वह बोर्ड परीक्षा ठीक से कराई जा सके.
प्रधानाचार्य भी चिंतितः रहमान खेड़ा से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाबू त्रिलोकी सिंह इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर आरके सिंह का कहना है कि कॉलेज में कुल 1300 विद्यार्थी हैं. इनमें से करीब डेढ़ सौ रहमान खेड़ा के आसपास के गांव में रहते हैं. सुरक्षा को देखते हुए आसपास के गांव के सभी स्कूल फिलहाल बंद कर दिए गए. हालांकि अब परीक्षा पास होने पर सवाल उठ रहा है की सुरक्षा कैसे होगी ऐसे में केंद्र बने स्कूलों के आसपास सुरक्षा बढ़ानी होगी अभिभावकों को भी बच्चों को परीक्षा के दौरान ग्रुप में लाने और ले जाने की व्यवस्था करनी होगी.
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18 जनवरी से स्कूल बंदः बाघ की दहशत के चलते 18 जनवरी के आस पास से यहां के स्कूलों का बंद कर दिया गया था. उसे पहले जनवरी के पहले सप्ताह में शुरू हुए प्री बोर्ड परीक्षा के 2 पेपर के बाद से ही स्कूलों को बंद किया गया था. जिस कारण इस एरिया के स्कूलों में प्री बोर्ड परीक्षाएं और प्रायोगिक परीक्षाएं भी अधूरी रह गई है. जिन इलाकों में बाघ की तलाश के लिए वन विभाग की टीमें दो माह से कवायद कर रही है. उन्हीं इलाकों में भगवान देई शिवराम इंटर कॉलेज और त्रिलोकी सिंह इंटर कॉलेज स्थित है. इन दोनों केंद्रों पर करीब 700 परीक्षार्थी हैं. इस बार प्रत्येक परीक्षा केंद्र अधिकतम 350 परीक्षार्थी ही निर्धारित किए गए हैं.
पढ़ाई और तैयारी चौपटः बाघ की दहशत के बाद से ही स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया गया था. कई स्कूलों में प्रायोगिक और प्रीबोर्ड परीक्षाएं आधी-अधूरी रह गई. शिक्षकों ने छात्रों की तैयारी कराने के लिए ऑनलाइन माध्यम का सहारा लिया लेकिन उससे छात्रों की तैयारी वैसी नहीं हो पाई है, जैसा कक्षाओं में हो सकता था.
12 किलोमीटर से बच्चे आएंगेः इस बार परीक्षा केंद्र निर्धारण में छात्रों के लिए अधिकतम 12 किलोमीटर और छात्राओं के लिए 7 किलोमीटर की दूरी निर्धारित की गई है. इस प्रकार बाघ प्रभावित क्षेत्र के 12 किलोमीटर की दूरी से परीक्षार्थी इन केंद्रों पर आएंगे.
बाघ की सक्रियता का समयः वन्य जीवों की सक्रियता का समय बिलकुल सुबह या शाम ढलने के बाद ही होता है. बोर्ड परीक्षा दो पालियों में कराई जानी है। शाम को परीक्षा के बाद जब विद्यार्थी वापस जाएंगे उस समय शाम करीब 5-6 बजे का समय हो या सुबह 6-7 बजे की पाली का समय बाघ की सक्रियता का समय माना जाता है. ऐसे में यहां के परीक्षा केंद्रों पर जिन स्कूलों के छात्रों को परीक्षा देने जाना है वो दहशत में है.
जिले में कुल 126 परीक्षा केंद्र
- लखनऊ जिले में कुल 126 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. जहां 10वीं और 12वीं के लिए 1 लाख 3 हजार छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे.
- काकोरी, रहमान खेड़ा में इन स्कूलों पर लटका ताला.
- राजीव गांधी इंटर कॉलेज, बाबू त्रिलोकी सिंह इंटर कॉलेज, बल्दी प्रसाद इंटर कॉलेज, राजकीय हाईस्कूल, सिद्धनाथ हाईस्कूल, हलुवापुर राजकीय हाईस्कूल, भगवान देई शिवराम इंटर कॉलेज, प्रगतिशील उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बस्ती में सेंटर बने हैं.
अफसर क्या बोलेः 'वन विभाग से लेकर पुलिस तक की व्यवस्था रहेगी, सुरक्षा के पूरे इंतजाम रहेंगे, वन विभाग की टीमें प्रयासरत हैं. डरने की जरुरत नहीं है.'- राजेश पांडेय, डीआईओएस, लखनऊ
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