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गाड़ी वाले रईस TAX देने में कंजूस; यूपी के अमीरों ने परिवहन विभाग को नहीं चुकाए टैक्स के 2100 करोड़ - UP TRANSPORT DEPARTMENT TAX

यूपी परिवहन विभाग की एकमुश्त समाधान योजना खत्म, बकाएदारों ने नहीं जमा किया टैक्स, 2100 करोड़ रुपए बकाया.

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'हम गाड़ी चलाएंगे पर टैक्स नहीं देंगे!' यूपी परिवहन विभाग टैक्स नहीं देना चाहते वाहन मालिक, 2100 करोड़ बकाया. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 9:54 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में डेढ़ माह तक लागू रही एकमुश्त समाधान योजना बुधवार को समाप्त हो गई. उत्तर प्रदेश में लगभग 100 करोड़ रुपए टैक्स बकायेदारों ने जमा किया है जबकि 2100 करोड़ रुपए बकाया है. लखनऊ की बात की जाए तो 141 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स बकाया है, लेकिन जमा 10 करोड़ रुपए भी नहीं हो पाया है. कुल मिलाकर एकमुश्त समाधान योजना खत्म भी हो गई लेकिन बकाएदारों ने लाभ लेने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

एकमुश्त समाधान योजना में टैक्स बकायेदारों से वसूली न हो पाने के लिए अधिकारी भी जिम्मेदार हैं. इस योजना का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार भी नहीं किया गया. अब जिन जिलों में बकायेदारों ने टैक्स जमा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई, उन पर परिवहन विभाग बड़ा एक्शन भी लेने की तैयारी कर रहा है. माना जा रहा है कि कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय है.

पांच फरवरी को परिवहन विभाग की एकमुश्त समाधान योजना की अवधि समाप्त हो गई. विभाग की तरफ से शासन को तीन माह तक योजना की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली. उत्तर प्रदेश में 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स बकाया है लेकिन, वसूली काफी कम हो पाई है. टैक्स बकाएदारों के दिलचस्पी न दिखाए जाने के चलते ही शासन ने योजना को बढ़ाने की अनुमति नहीं दी है.

अब फिर से बकाया टैक्स वसूलने के लिए सड़क पर दौड़ रहे वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग की तरफ से चेकिंग अभियान चलाया जाएगा और ऐसे वाहनों से टैक्स वसूलने की कार्रवाई की जाएगी. लखनऊ में भी बकाएदारों ने टैक्स जमा करने में कोई दिलचस्पी नहीं ली है. 141 करोड़ रुपए से ज्यादा का लखनऊ में वाहन स्वामियों पर बकाया है, लेकिन 5% से कुछ ज्यादा ही लोगों ने जमा किया है. ऐसे में लखनऊ के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.

लखनऊ के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि वाहनों का बकाया टैक्स जमा करवाने के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लागू की गई थी. इसके तहत वाहन मालिकों को बकाया टैक्स की पेनाल्टी पर शत प्रतिशत की छूट दी जा रही थी. योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक आगे आए.

लखनऊ में 62,746 वाहनों का टैक्स बकाया है. इन वाहनों के लिए बुधवार को 1420 आवेदनों को निस्तारित किया गया. इनसे एक करोड़ रुपए को बकाया टैक्स जमा हुआ है. एक दिन में सर्वाधिक बकायेदारों के आने की संख्या है. अभी तक ओटीएस में कुल 4000 बकाएदारों ने 8.5 करोड़ रुपए टैक्स जमा किया है.

बकाएदारों को एकमुश्त समाधान योजना की जानकारी देने के लिए कर्मचारी कॉल सेंटर की तर्ज पर भी काम कर रहे थे. प्रतिदिन डेढ़ से दो सौ बकाएदारों को कॉल की जा रही है. ऐसे वाहन स्वामी जिनके पास वाहनों की फ्लीट है और उनका टैक्स बकाया है उनकी सुविधा के लिए अलग काउंटर बनाए गए थे.

उत्तर प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) राजेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि पांच फरवरी को एकमुश्त योजना समाधान योजना समाप्त हो गई. प्रदेश भर में टैक्स बकाएदारों ने इसका भरपूर लाभ उठाया है. परिवहन विभाग का कई 100 करोड़ रुपए बकाया था, जिसमें से ज्यादातर बकाएदारों ने अपना टैक्स जमा करते हुए पेनाल्टी में छूट का लाभ उठाया है.

ये भी पढ़ेंः री-सेल वाहन बाजार पर शिकंजा; परिवहन विभाग को देनी होगी हर जानकारी, जानें किसको होगा फायदा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में डेढ़ माह तक लागू रही एकमुश्त समाधान योजना बुधवार को समाप्त हो गई. उत्तर प्रदेश में लगभग 100 करोड़ रुपए टैक्स बकायेदारों ने जमा किया है जबकि 2100 करोड़ रुपए बकाया है. लखनऊ की बात की जाए तो 141 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स बकाया है, लेकिन जमा 10 करोड़ रुपए भी नहीं हो पाया है. कुल मिलाकर एकमुश्त समाधान योजना खत्म भी हो गई लेकिन बकाएदारों ने लाभ लेने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

एकमुश्त समाधान योजना में टैक्स बकायेदारों से वसूली न हो पाने के लिए अधिकारी भी जिम्मेदार हैं. इस योजना का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार भी नहीं किया गया. अब जिन जिलों में बकायेदारों ने टैक्स जमा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई, उन पर परिवहन विभाग बड़ा एक्शन भी लेने की तैयारी कर रहा है. माना जा रहा है कि कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय है.

पांच फरवरी को परिवहन विभाग की एकमुश्त समाधान योजना की अवधि समाप्त हो गई. विभाग की तरफ से शासन को तीन माह तक योजना की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली. उत्तर प्रदेश में 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स बकाया है लेकिन, वसूली काफी कम हो पाई है. टैक्स बकाएदारों के दिलचस्पी न दिखाए जाने के चलते ही शासन ने योजना को बढ़ाने की अनुमति नहीं दी है.

अब फिर से बकाया टैक्स वसूलने के लिए सड़क पर दौड़ रहे वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग की तरफ से चेकिंग अभियान चलाया जाएगा और ऐसे वाहनों से टैक्स वसूलने की कार्रवाई की जाएगी. लखनऊ में भी बकाएदारों ने टैक्स जमा करने में कोई दिलचस्पी नहीं ली है. 141 करोड़ रुपए से ज्यादा का लखनऊ में वाहन स्वामियों पर बकाया है, लेकिन 5% से कुछ ज्यादा ही लोगों ने जमा किया है. ऐसे में लखनऊ के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.

लखनऊ के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि वाहनों का बकाया टैक्स जमा करवाने के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लागू की गई थी. इसके तहत वाहन मालिकों को बकाया टैक्स की पेनाल्टी पर शत प्रतिशत की छूट दी जा रही थी. योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक आगे आए.

लखनऊ में 62,746 वाहनों का टैक्स बकाया है. इन वाहनों के लिए बुधवार को 1420 आवेदनों को निस्तारित किया गया. इनसे एक करोड़ रुपए को बकाया टैक्स जमा हुआ है. एक दिन में सर्वाधिक बकायेदारों के आने की संख्या है. अभी तक ओटीएस में कुल 4000 बकाएदारों ने 8.5 करोड़ रुपए टैक्स जमा किया है.

बकाएदारों को एकमुश्त समाधान योजना की जानकारी देने के लिए कर्मचारी कॉल सेंटर की तर्ज पर भी काम कर रहे थे. प्रतिदिन डेढ़ से दो सौ बकाएदारों को कॉल की जा रही है. ऐसे वाहन स्वामी जिनके पास वाहनों की फ्लीट है और उनका टैक्स बकाया है उनकी सुविधा के लिए अलग काउंटर बनाए गए थे.

उत्तर प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) राजेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि पांच फरवरी को एकमुश्त योजना समाधान योजना समाप्त हो गई. प्रदेश भर में टैक्स बकाएदारों ने इसका भरपूर लाभ उठाया है. परिवहन विभाग का कई 100 करोड़ रुपए बकाया था, जिसमें से ज्यादातर बकाएदारों ने अपना टैक्स जमा करते हुए पेनाल्टी में छूट का लाभ उठाया है.

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