लखनऊ: सोशल मीडिया पर हाथरस कांड की मृतका की पहचान उजागर करने के लिए तमाम पोस्ट किए गए. इसके तहत बीती 29 सितंबर को समाज सेविका नूतन ठाकुर ने आईजीआरएस (जनसुनवाई पोर्टल) पर शिकायत की थी. मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
बीते दिनों लोगों ने हाथरस कांड की पीड़िता के नाम को उजागर करते हुए ट्विटर पर हैशटैग का प्रयोग करते हुए अभियान चलाया. दुष्कर्म पीड़िता की पहचान को उजागर करना आईपीसी की धारा 228-ए के तहत अपराध है. कोर्ट के निर्देश के अनुसार किसी भी स्थिति में पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद भी सोशल मीडिया पर लोगों ने पीड़िता की पहचान को उजागर किया. मामले में समाज सेविका व वकील नूतन ठाकुर ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की.
शिकायत के बाद मामले में एसपी को आख्या उपलब्ध कराई गई. इसमें बताया गया है कि सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान को उजागर करने के संदर्भ में हाथरस में एफआईआर दर्ज की गई है. अब सोशल मीडिया साइट से मृतका के वास्तविक फोटो और वीडियो को हटाने की कार्रवाई की जा रही है.