लखनऊ: जिले में एलडीए की प्रबंध नगर योजना के शुरू होने से पहले ही विरोध शुरू हो गया है. किसानों ने प्राधिकरण पर आरोप लगाया है कि 16 साल से योजना शुरू न होने के कारण अपनी जमीन को नहीं बेच पा रहे हैं और न ही बैंक उन्हें जमीन पर लोन देने को तैयार है. अब इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री से की गई है.
वर्ष 2004 के बाद से कोई काम नहीं हुआ
एलडीए ने प्रबंध नगर योजना के अल्लू नगर, घैला, डिगुरिया और ककौली गांव में जमीनों के अधिग्रहण की बात की थी, वर्ष 2004 के बाद से कोई काम नहीं हुआ. किसान अपने बच्चों की पढ़ाई, शादी और इलाज तक नहींं करवा पा रहा है. मामला पीएमओ कार्यालय पहुंचने से जिला प्रशासन और एलडीए में हड़कंप मचा हुआ है. अब एलडीए ने किसानों के बीच जाकर जल्द ही बात करने की योजना बनाई है.
किसान एकता संघर्ष समिति ने खोला मोर्चा
किसान एकता संघर्ष समिति के अध्यक्ष राम सेवक उर्फ बाबा ने पीएमओ कार्यालय भेजे गए पत्र में उल्लेख किया है कि जब मुख्यमंत्री पोर्टल पर मामले की शिकायत की जाती है तो एक ही बात कही जाती है कि एलडीए की योजना में उक्त गांव है. उच्च स्तरीय अधिकारियों के स्तर पर योजना विचाराधीन है. किसानों ने मांग की है कि एलडीए योजना शुरू करे या फिर किसान की जमीन मुक्त कर दे.
जमीन को अर्जन मुक्त करने की मांग
पत्र में कहा गया है कि किसान आत्महत्या तक करने को विवश है उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है. प्रबंध नगर योजना में जमीन करीब 756 हेक्टेयर है. समिति के अध्यक्ष ने बताया कि यहां अल्लू नगर, ककौली में अधिकांश जमीन पर प्लाटिंग हो गई है. ऐसे में एलडीए क्या करेगा? उन्होंने एलडीए उपाध्यक्ष व मंडलायुक्त से जमीन को अर्जन मुक्त करने की मांग की है.