लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में विषम सेमेस्टर दिसम्बर 2022 की परीक्षा फार्म भरने की तिथि 4 फरवरी तक बढ़ा दी गई है. इसकी जानकारी देते हुए परीक्षा नियंत्रक ने सोमवार को बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय एवं सहयुक्त महाविद्यालय के विद्यार्थियों की स्नातक बीए, बीएससी, बीकॉम, एमएसससी (एग्रीकल्चर), बीएड, एमएड, बीपीएड, एमपीएड, बीईएलएड, ललित कला संकाय और परास्नातक के सेमेस्टर के नियमित, बैकपेपर एवं इक्जेम्टेड परीक्षा के ऑनलाइन परीक्षा फार्म विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.lkouniv.ac.in और www.lkouniexam.in पर भरने की तिथि 4 फरवरी तक बढ़ा दी गई है. उन्होंने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय के नियमित छात्रों को परीक्षाफार्म के साथ अलग से कोई शुल्क नहीं जमा करना है. केवल ऑनलाइन परीक्षाफार्म भरकर सेमेस्टर की शुल्क रसीद के साथ सम्बन्धित विभागाध्यक्ष या संकायाध्यक्ष कार्यालय में जमा करना है. यह फार्म 6 फरवरी तक अनिवार्य रूप से परीक्षा विभाग में जमा करना होगा. साथ ही सहयुक्त महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन भरे गए परीक्षाफार्म को विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित परीक्षा शुल्क के साथ अपने महाविद्यालय में जमा करना होगा. समस्त सहयुक्त महाविद्यालय को ऑनलाइन भरे गए परीक्षाफार्मों को लॉगिन से अग्रसारित करने और परीक्षा से सम्बन्धित अन्य कार्यों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा लॉगिन एवं पासवर्ड उनकी ईमेल और मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराया जाएगा.
बता दें, लखनऊ विश्वविद्यालय में सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए भरवाए जा रहे परीक्षा फॉर्म को लेकर छात्र काफी परेशान हैं. विश्वविद्यालय के स्नातक व परास्नातक के सभी विषयों के परीक्षा फॉर्म 12 जनवरी से भरवाए जा रहे हैं. इन विषयों के परीक्षा फॉर्म जारी होने के बाद से ही लगातार सर्वर में दिक्कतें आ रही हैं. जिससे कई कोर्सों के छात्रों के परीक्षा फॉर्म पूरा भर जाने के बाद वह फाइनल सबमिट नहीं हो रहे या फिर बार-बार होम पेज ओपन होने के तुरंत बाद क्लोज हो जा रहा है. लखनऊ विवि में परीक्षा फॉर्म में आ रही समस्याओं को लेकर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा कुलपति की अनुपस्तिथि में रजिस्टर को ज्ञापन सौंपा और प्रशासन की तरफ से आश्वासन मिला कि परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि आगे बढ़ा दी जाएगी.
नई एजेंसी के पास पूरा डाटा नहीं : विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि परीक्षा का काम जिस नई एजेंसी को सौंपा गया है. उसके पास अभी सभी छात्रों का डाटा उपलब्ध नहीं है. जिस कारण से दिक्कतें सामने आ रही हैं. बता दें, इससे पूर्व परीक्षा का काम देख रही अजय मिश्रा की कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद अजय मिश्र की कंपनी को विश्वविद्यालय प्रशासन ने ब्लैक लिस्ट घोषित कर दिया था. सूत्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय ने अजय मिश्रा की कंपनी को ब्लैक लिस्ट तो घोषित कर दिया, लेकिन उस कंपनी से अभी तक अपना पूरा डाटा ट्रांसफर नहीं करवा सकी है. जिस कारण से परीक्षा फॉर्म करने की प्रक्रिया में इस तरह की दिक्कतें आ रही हैं.
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