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कम उम्र में युवतियों में हो रहा तीन से चार किलो का ट्यूमर, जानें वजह और बचाव - LLR HOSPITAL KANPUR

एलएलआर अस्पताल स्थित स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में वरिष्ठ प्रोफेसरों ने किया सर्वे.

एलएलआर अस्पताल
एलएलआर अस्पताल (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 18, 2025, 9:13 PM IST

कानपुर : एलएलआर अस्पताल स्थित स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में पिछले एक साल के अंदर युवतियों को लेकर किए गये सर्वे में चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं. वरिष्ठ प्रोफेसरों ने सर्वे किया तो पता चला कि 16 से 18 साल की उम्र की युवतियों में जो ट्यूमर सामने आए हैं, उनका वजन तीन से चार किलोग्राम निकला है. वहीं कुछ एक मामले ऐसे भी मिले जिसमें गुच्छों के रूप में शरीर के अंदर ट्यूमर बन चुके थे. सर्वे के दौरान जांच में यह बात भी सामने आई कि अधिकतर ऐसे मरीजों में एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता के चलते ट्यूमर बन गए.

स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में प्रो. सीमा द्विवेदी ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)


फाइब्रॉयड के चलते मरीजों को होती है पेट में दिक्कत : इस पूरे मामले को लेकर एलएलआर अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में प्रो. सीमा द्विवेदी ने कहा कि सबसे पहले तो यह बात बताना जरूरी है, आमतौर पर 30 से 40 साल की उम्र के बीच में जो महिलाएं होती थीं, उनमें जो ट्यूमर सामने आते थे उनका आकार तीन से चार सेंटीमीटर का होता था, जबकि अब जो ट्यूमर मिले हैं उनका आकार तीन से चार किलोग्राम था. उन्होंने कहा कि यह एक बेहद हैरानी भरी बात है. उन्होंने कहा कि मरीजों को जो दिक्कत होती है वह शरीर में फाइब्रॉयड के चलते होने लगती है. जिसका मुख्य कारण एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता है. उसमें भी यह हार्मोन उन मरीजों में ज्यादा तेजी से बढ़ता है जो जंक फूड जैसे- पिज्जा, बर्गर और चाऊमीन आदि अधिक मात्रा में खाते हैं. उन्होंने कहा कि एक मरीज में तो 100 छोटे-छोटे ट्यूमर मिले, जिन्हें देखकर तो एक पल के लिए आश्चर्य ही नहीं हुआ. वहीं गंभीर मामलों में यह जब फट जाते हैं तो मरीज की जान तक भी जा सकती है.

इस तरह से कर सकते हैं अपना बचाव
- पर्यावरण प्रदूषण और कीटनाशकों से पूरी तरह बचें.
- जो भी फल सब्जियां सलाद का प्रयोग करें, उन्हें बहुत अच्छी तरह धोकर ही खायें.
- शारीरिक सक्रियता को दिनों दिन बढ़ाएं.
- मानसिक तनाव बिल्कुल भी ना लें.
- माहवारी के चक्र को हर माह नोट करते रहें.

यह लक्षण दिखे तो ना करें नजर अंदाज : विशेषज्ञों के मुताबिक, माहवारी के दौरान बहुत अधिक रक्तस्राव हो रहा है तो सतर्क हो जाएं. इसके साथ ही पेट में बहुत अधिक दर्द बढ़ सकता है, हाथ लगाने पर अगर गांठ है तो फौरन चिकित्सक को बताएं. कभी-कभी टयूमर एक हिस्से से दूसरे हिस्से में खिसक जाते हैं, इस तरीके का आभास हो तो भी चिकित्सक को बतायें. करीब 30 साल की उम्र के बाद समय-समय पर जो भी जरूरी जांचें हैं, वह जरूर कराते रहें.


यह भी पढ़ें : GSVSS PGI के डॉक्टर्स का कमाल, दिमाग के साथ दिल की भी सर्जरी, महिला को मिला नया जीवन - GSVSS PGI KANPUR LATEST

यह भी पढ़ें : दिमाग के ऑपरेशन के दौरान मोबाइल चलाता रहा मरीज, डॉक्टरों ने निकाल दिया ब्रेन ट्यूमर - Patient used mobile in Operation - PATIENT USED MOBILE IN OPERATION

कानपुर : एलएलआर अस्पताल स्थित स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में पिछले एक साल के अंदर युवतियों को लेकर किए गये सर्वे में चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं. वरिष्ठ प्रोफेसरों ने सर्वे किया तो पता चला कि 16 से 18 साल की उम्र की युवतियों में जो ट्यूमर सामने आए हैं, उनका वजन तीन से चार किलोग्राम निकला है. वहीं कुछ एक मामले ऐसे भी मिले जिसमें गुच्छों के रूप में शरीर के अंदर ट्यूमर बन चुके थे. सर्वे के दौरान जांच में यह बात भी सामने आई कि अधिकतर ऐसे मरीजों में एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता के चलते ट्यूमर बन गए.

स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में प्रो. सीमा द्विवेदी ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)


फाइब्रॉयड के चलते मरीजों को होती है पेट में दिक्कत : इस पूरे मामले को लेकर एलएलआर अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में प्रो. सीमा द्विवेदी ने कहा कि सबसे पहले तो यह बात बताना जरूरी है, आमतौर पर 30 से 40 साल की उम्र के बीच में जो महिलाएं होती थीं, उनमें जो ट्यूमर सामने आते थे उनका आकार तीन से चार सेंटीमीटर का होता था, जबकि अब जो ट्यूमर मिले हैं उनका आकार तीन से चार किलोग्राम था. उन्होंने कहा कि यह एक बेहद हैरानी भरी बात है. उन्होंने कहा कि मरीजों को जो दिक्कत होती है वह शरीर में फाइब्रॉयड के चलते होने लगती है. जिसका मुख्य कारण एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता है. उसमें भी यह हार्मोन उन मरीजों में ज्यादा तेजी से बढ़ता है जो जंक फूड जैसे- पिज्जा, बर्गर और चाऊमीन आदि अधिक मात्रा में खाते हैं. उन्होंने कहा कि एक मरीज में तो 100 छोटे-छोटे ट्यूमर मिले, जिन्हें देखकर तो एक पल के लिए आश्चर्य ही नहीं हुआ. वहीं गंभीर मामलों में यह जब फट जाते हैं तो मरीज की जान तक भी जा सकती है.

इस तरह से कर सकते हैं अपना बचाव
- पर्यावरण प्रदूषण और कीटनाशकों से पूरी तरह बचें.
- जो भी फल सब्जियां सलाद का प्रयोग करें, उन्हें बहुत अच्छी तरह धोकर ही खायें.
- शारीरिक सक्रियता को दिनों दिन बढ़ाएं.
- मानसिक तनाव बिल्कुल भी ना लें.
- माहवारी के चक्र को हर माह नोट करते रहें.

यह लक्षण दिखे तो ना करें नजर अंदाज : विशेषज्ञों के मुताबिक, माहवारी के दौरान बहुत अधिक रक्तस्राव हो रहा है तो सतर्क हो जाएं. इसके साथ ही पेट में बहुत अधिक दर्द बढ़ सकता है, हाथ लगाने पर अगर गांठ है तो फौरन चिकित्सक को बताएं. कभी-कभी टयूमर एक हिस्से से दूसरे हिस्से में खिसक जाते हैं, इस तरीके का आभास हो तो भी चिकित्सक को बतायें. करीब 30 साल की उम्र के बाद समय-समय पर जो भी जरूरी जांचें हैं, वह जरूर कराते रहें.


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