लखनऊः आकांक्षी भारत का समावेशी विकास के संकल्प के साथ साल 2021-22 का बजट अब तक का ऐतिहासिक और भारत के दीर्घकालीन विकास का मार्ग प्रशस्त करने वाला बजट है. यह बात उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कही. उन्होंने बताया कि इस बजट में शिक्षा क्षेत्र को 99 हजार 300 करोड़ रूपये आवंटित किए गए हैं. इससे आदिवासी इलाकों में 750 एकलव्य स्कूल और देशभर में 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे. इस बजट में बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता दी गई हैं. इसके अलावा स्नातक स्तर तक सभी छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा देने का प्रस्ताव है.
बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत नर्सिंग की छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने का भी प्रस्ताव है. केंद्र सरकार ने कौशल विकास के लिए तीन हजार करोड़ रुपये का बजट दिया है. डाॅ. द्विवेदी ने कहा कि वर्ष 2021-22 के इस बजट में छह स्तंभ प्रस्तावित हैं. इस बजट में स्वास्थ्य और कल्याण, भौतिक और वित्तीय पूंजी एवं अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार, नवप्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास, न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन को प्राथमिकता दी गयी है.
परिवहन के लिए 1.18 लाख करोड़ आवंटित
उन्होंने बताया कि साल 2021-22 के बजट के मुख्य बिंदुओं में परिवहन के लिए 1.18 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं. इससे 8500 किमी रोड प्रोजेक्ट का भी प्रावधान है,जबकि रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ की धनराशि आवंटित है. मेट्रो के लिए 18 हजार करोड़ का बजट प्रस्तावित है. वहीं स्वास्थ्य बजट के लिए 2.23 लाख करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. साथ ही प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना अभियान को आरंभ करने का भी निर्णय लिया गया है.
स्टार्टअप शुरू करने वालों को राहत
उन्होंने बताया कि आयकर बजट में वरिष्ठ नागरिक जो 75 साल से अधिक उम्र के हैं और उनकी पेंशन और जमा से आय होती है, तो उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न से छूट देने का निर्णय लिया गया है. वहीं स्टार्टअप शुरू करने वालों को 31 मार्च 2022 तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. शिक्षामंत्री ने बताया कि कृषि बजट में किसानों के लिए 75 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा की राशि आवंटित की गई है. सरकारी खरीद पर जोर दिया जाएगा. इससे भुगतान में तेजी आएगी. लागत से डेढ़ गुना ज्यादा मूल्य देने का प्रयास सरकार द्वारा किया जाएगा.
कृषि लोन की लिमिट को बढ़ाया
किसानों के लिए कृषि लोन की लिमिट को बढ़ा दिया गया है. किसान कर्ज के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट में 15 लाख करोड रूपये था. उन्होंने बताया कि फसल खरीद में सुधार के परिणामस्वरूप किसानों को पर्याप्त भुगतान किए जाने सम्बन्धी मामले में बढ़ोतरी हुई है.