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डॉक्टर दिनेश शर्मा ने विधायक निधि से CHC में चिकित्सकीय सुविधाओं के लिए दिए 1 करोड़ रुपये - लखनऊ की न्यूज़

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को लखनऊ के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एम्बुलेंस और ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन की व्यवस्था के लिए अपनी विधायक निधि से 1 करोड़ रुपए दिए.

डॉक्टर दिनेश शर्मा
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Published : Jun 19, 2021, 7:17 AM IST

Updated : Jun 19, 2021, 2:48 PM IST

लखनऊः उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने अपने विधायक निधि से लखनऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एम्बुलेंस और ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन की व्यवस्था के लिए 1 करोड़ रुपये दिए. इस राशि को कोविड महामारी के प्रभावी प्रबंधन एवं मरीजों की सुविधाओं के लिए खर्च किए जाएंगे.

कोविड प्रबंधन के लिए 1 करोड़ रुपये

उप मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी के प्रभावी प्रबंधन के लिए मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराए जाने और उनको चिकित्सालय तक लाए जाने के उद्देश्य से अपने विधायक निधि से पैसे दिए. लखनऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टुड़ियागंज लखनऊ एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऐशबाग लखनऊ को ऑक्सीजन प्लांट और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज लखनऊ को एक एम्बुलेंस एएलएस खरीदने की अनुमति दे दी गई है. इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकेटी लखनऊ को एक एम्बुलेंस एएलएस और ऑक्सीजन पाइप लाइन लेने की अनुमति मिली है.

इसे भी पढ़ें- स्मृति ईरानी की बढ़ीं मुश्किलें, शूटर वर्तिका मामले में HC ने 2 को जारी किया नोटिस

डिप्टी सीएम ने पहले भी दिए थे निधि से पैसे

इससे पहले भी डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए विधायक निधि से डेढ़ करोड़ रुपये दिए थे. इसके साथ ही उन्होंने अपने एक महीने का वेतन भत्तों सहित देने का ऐलान किया था. इसमें उन्होंने लखनऊ को एक करोड़ रुपये और आगरा-रायबरेली को 25-25 लाख रुपये अपनी विधायक निधि से दिए थे.

ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट को स्थानांतरण नीति से बाहर रखा जाए

राजकीय ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजा है. इस पत्र के जरिए एसोसिएशन ने मांग की है कि प्रदेश भर में तैनात ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट (नेत्र परीक्षण अधिकारी) को स्थानांतरण नीति से बाहर रखा जाए. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश पाटिल ने कहा कि कोविड महामारी में ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट लगातार अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं. कोरोना के साथ ही ब्लैक फंगस में ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट अहम भूमिका निभा रहे हैं. अस्पतालों में ओपीडी भी अब सामान्य रूप से शुरू हो चुकी है. इसलिए ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट संवर्ग एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत लोगों को साल 2020-21 की स्थानांतरण नीति से बाहर रखा जाए. जिससे आमजन को अस्पताल में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े. इसके साथ ही रिक्त पदों पर भर्ती एवं समायोजन पर विचार किया जाए.

लखनऊः उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने अपने विधायक निधि से लखनऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एम्बुलेंस और ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन की व्यवस्था के लिए 1 करोड़ रुपये दिए. इस राशि को कोविड महामारी के प्रभावी प्रबंधन एवं मरीजों की सुविधाओं के लिए खर्च किए जाएंगे.

कोविड प्रबंधन के लिए 1 करोड़ रुपये

उप मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी के प्रभावी प्रबंधन के लिए मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराए जाने और उनको चिकित्सालय तक लाए जाने के उद्देश्य से अपने विधायक निधि से पैसे दिए. लखनऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टुड़ियागंज लखनऊ एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऐशबाग लखनऊ को ऑक्सीजन प्लांट और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज लखनऊ को एक एम्बुलेंस एएलएस खरीदने की अनुमति दे दी गई है. इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकेटी लखनऊ को एक एम्बुलेंस एएलएस और ऑक्सीजन पाइप लाइन लेने की अनुमति मिली है.

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डिप्टी सीएम ने पहले भी दिए थे निधि से पैसे

इससे पहले भी डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए विधायक निधि से डेढ़ करोड़ रुपये दिए थे. इसके साथ ही उन्होंने अपने एक महीने का वेतन भत्तों सहित देने का ऐलान किया था. इसमें उन्होंने लखनऊ को एक करोड़ रुपये और आगरा-रायबरेली को 25-25 लाख रुपये अपनी विधायक निधि से दिए थे.

ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट को स्थानांतरण नीति से बाहर रखा जाए

राजकीय ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजा है. इस पत्र के जरिए एसोसिएशन ने मांग की है कि प्रदेश भर में तैनात ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट (नेत्र परीक्षण अधिकारी) को स्थानांतरण नीति से बाहर रखा जाए. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश पाटिल ने कहा कि कोविड महामारी में ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट लगातार अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं. कोरोना के साथ ही ब्लैक फंगस में ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट अहम भूमिका निभा रहे हैं. अस्पतालों में ओपीडी भी अब सामान्य रूप से शुरू हो चुकी है. इसलिए ऑप्ट्रोमेट्रिस्ट संवर्ग एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत लोगों को साल 2020-21 की स्थानांतरण नीति से बाहर रखा जाए. जिससे आमजन को अस्पताल में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े. इसके साथ ही रिक्त पदों पर भर्ती एवं समायोजन पर विचार किया जाए.

Last Updated : Jun 19, 2021, 2:48 PM IST
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