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भ्रष्टाचार में लिप्त कोटेदार को बदलने की मांग - मलिहाबाद क्षेत्र

लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र में कोटे के तेल की कालाबाजारी करने वाले कोटोदार के खिलाफ ग्रामीणों ने एसडीएम को प्रार्थना पत्र सौंपा. ग्रामीणों की मांग है कि किसी साफ छवि के व्यक्ति को कोटेदार बनाया जाए.

मलिहाबाद
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Published : Nov 28, 2020, 8:52 PM IST

लखनऊः गरीबों के हिस्से के तेल की कालाबाजारी करने के दौरान रंगे हाथों पकड़े गये तिलसुवा गांव के कोटेदार को हटाने के लिए शनिवार को एसडीएम मलिहाबाद को प्रार्थना पत्र सौंपा गया. मलिहाबाद क्षेत्र के तिलसुवा गांव निवासी निरंजन सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में गरीबों के हिस्से के तेल की कालाबाजारी करने के दौरान गांव के कोटेदार को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ा था.

मलिहाबाद में दर्ज हुआ था मुकदमा
25 मार्च 2017 को तत्कालीन आपूर्ति निरीक्षक द्वारा मलिहाबाद थाने में उक्त कोटेदार के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कराया था. साथ ही तेल का सैम्पल लैब में भेजा गया था. 4 फरवरी 2020 को विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने जांच में तेल होने की पुष्टि की.

डीएम ने आरोप पत्र भेजने की संस्तुति की
26 जून 2020 को जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम के अन्तर्गत आरोपी कोटेदार पर अभियोग चलाने एवं मामले की जांच कर रहे विवेचक को सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने की संस्तुति की गई. निरंजन सिंह ने बताया कि इस बीच काफी समय के लिए कोटा निलंबित भी रहा. शनिवार को एसडीएम मलिहाबाद को पत्र सौपकर मांग की गई है कि तेल की कालाबाजारी के मामले में दोषी पाये गये कोटेदार को हटाकर किसी साफ-सुथरी छवि वाले व्यक्ति को कोटेदार बनाया जाए, जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप गरीबों तक उनके हिस्से का राशन और तेल पहुंच सके.

मामला संज्ञान में है. जल्द ही गांव में खुली बैठक करवाकर कोटा हस्तांतरण का काम किया जाएगा.
-अजय कुमार राय, एसडीएम

लखनऊः गरीबों के हिस्से के तेल की कालाबाजारी करने के दौरान रंगे हाथों पकड़े गये तिलसुवा गांव के कोटेदार को हटाने के लिए शनिवार को एसडीएम मलिहाबाद को प्रार्थना पत्र सौंपा गया. मलिहाबाद क्षेत्र के तिलसुवा गांव निवासी निरंजन सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में गरीबों के हिस्से के तेल की कालाबाजारी करने के दौरान गांव के कोटेदार को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ा था.

मलिहाबाद में दर्ज हुआ था मुकदमा
25 मार्च 2017 को तत्कालीन आपूर्ति निरीक्षक द्वारा मलिहाबाद थाने में उक्त कोटेदार के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कराया था. साथ ही तेल का सैम्पल लैब में भेजा गया था. 4 फरवरी 2020 को विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने जांच में तेल होने की पुष्टि की.

डीएम ने आरोप पत्र भेजने की संस्तुति की
26 जून 2020 को जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम के अन्तर्गत आरोपी कोटेदार पर अभियोग चलाने एवं मामले की जांच कर रहे विवेचक को सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने की संस्तुति की गई. निरंजन सिंह ने बताया कि इस बीच काफी समय के लिए कोटा निलंबित भी रहा. शनिवार को एसडीएम मलिहाबाद को पत्र सौपकर मांग की गई है कि तेल की कालाबाजारी के मामले में दोषी पाये गये कोटेदार को हटाकर किसी साफ-सुथरी छवि वाले व्यक्ति को कोटेदार बनाया जाए, जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप गरीबों तक उनके हिस्से का राशन और तेल पहुंच सके.

मामला संज्ञान में है. जल्द ही गांव में खुली बैठक करवाकर कोटा हस्तांतरण का काम किया जाएगा.
-अजय कुमार राय, एसडीएम

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