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One week one lab : अभियान के जरिए टेक्नोलॉजी से होंगे आमजन रूबरू, मिलेगी ये जानकारी - सीएसआईआर का देशव्यापी अभियान

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं सीएसआईआर का देशव्यापी अभियान शुरू होने जा रहा है. इसके माध्यम से लोगों को एसआइआर-आईआईटीआर के बारे में जानकारी दी जाएगी.

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Published : Jan 12, 2023, 1:48 PM IST

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लखनऊ : केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं सीएसआईआर (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद) का वन वीक वन लैब देशव्यापी अभियान शुरू होने जा रहा है. यह अभियान देशभर में फैली सीएसआईआर की 37 प्रमुख प्रयोगशालाओं व संस्थानों में प्रत्येक एक सप्ताह के भीतर देश के लोगों के लिए अपने विशिष्ट नवाचारों और तकनीकी सफलताओं को प्रदर्शित करेगा. साथ ही लोगों को साइंस टेक्नोलॉजी के बारे में सिखाया-बताया जाएगा. 'वन वीक वन लैब' थीम-आधारित अभियान से युवा नवोन्मेषकों, छात्रों, शिक्षाविदों और उद्योग के मस्तिष्क को प्रज्ज्वलित करने की उम्मीद है.



सीएसआईआर, भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने बताया कि 'इस बार 'वन वीक वन लैब' की शुरुआत हो रही है. इसमें पहली बार महिलाओं से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किया गया है. डीजी सीएसआईआर ने नारी शक्ति को समर्पित कार्यक्रम का अनावरण किया. 'वीमेन इन एकेडेमिया, रिसर्च एंड मैनेजमेंट ऑफ फूड सेफ्टी एंड टॉक्सिकोलॉजी' पर दो दिवसीय सम्मेलन 24-25 फरवरी को सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है. यहां शिक्षा, अनुसंधान और विकास में उनके योगदान के लिए महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा. हरा पत्ता विकास और स्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है. आठ भुजाएं अष्टलक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करने के पारंपरिक तरीके का शक्ति और धन की देवी प्रतिनिधित्व करती हैं. हाथों में पकड़ी गई विभिन्न वस्तुएं विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रबंधन और गृह निर्माण सहित दैनिक जीवन में एक महिला की बहुआयामी भूमिकाओं को इंगित करती हैं.'

उन्होंने बताया कि 'सीएसआईआर और आईआईटीआर के लखनऊ में चार सेंटर हैं, जहां पर अलग-अलग टेक्नोलॉजी का काम होता है. 'वन वीक वन लैब' का उद्देश्य मात्र इतना है कि आम पब्लिक में यह जानकारी पहुंचेगी कि सीएसआइआर-आईआईटीआर क्या काम करती है और आम पब्लिक के लिए क्या कुछ अभी तक सीएसआईआर-आईआईटीआर ने किया है.' निदेशक डॉ. भास्कर ने बताया कि 'उदाहरण के लिए बता दें कि हर साल जब मौसम में परिवर्तन होता है तो उस समय मौसम से संबंधित जो जानकारी होती है उस पर सीएसआईआर और आईआईटीआर के वैज्ञानिक काम करते हैं. इसके अलावा क्वालिटी इंडेक्स पर भी वैज्ञानिक काम करते हैं. दीपावली से पहले और दीपावली के बाद पर्यावरण का क्या प्रदूषण स्तर होता है. इसकी पूरी जानकारी सीएसआईआर-आईआईटीआर के वैज्ञानिक रिसर्च करते हैं.'

उन्होंने बताया कि 'हमारी चारों लैब में अलग-अलग टेक्नोलॉजी होती है. अगर कोई व्यक्ति उससे लाभान्वित होना चाहता है या उसकी जानकारी लेना चाहता है तो इसके लिए सीएसआईआर-आईआईटीआर कभी भी आ सकते हैं. ट्रिपल-सी (सीएसआईआर कॉरपोरेट सेंटर) की शुरुआत कर रहे हैं. चारों लैब में जो भी टेक्नोलॉजी होगी उसकी जानकारी यहां पर होगी, जिससे आमजन लाभान्वित होंगे.

यह भी पढ़ें : molestation in bbau : बीबीएयू प्रशासन ने आरोपी छात्र को किया निलम्बित, जानिए पूरा मामला

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लखनऊ : केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं सीएसआईआर (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद) का वन वीक वन लैब देशव्यापी अभियान शुरू होने जा रहा है. यह अभियान देशभर में फैली सीएसआईआर की 37 प्रमुख प्रयोगशालाओं व संस्थानों में प्रत्येक एक सप्ताह के भीतर देश के लोगों के लिए अपने विशिष्ट नवाचारों और तकनीकी सफलताओं को प्रदर्शित करेगा. साथ ही लोगों को साइंस टेक्नोलॉजी के बारे में सिखाया-बताया जाएगा. 'वन वीक वन लैब' थीम-आधारित अभियान से युवा नवोन्मेषकों, छात्रों, शिक्षाविदों और उद्योग के मस्तिष्क को प्रज्ज्वलित करने की उम्मीद है.



सीएसआईआर, भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने बताया कि 'इस बार 'वन वीक वन लैब' की शुरुआत हो रही है. इसमें पहली बार महिलाओं से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किया गया है. डीजी सीएसआईआर ने नारी शक्ति को समर्पित कार्यक्रम का अनावरण किया. 'वीमेन इन एकेडेमिया, रिसर्च एंड मैनेजमेंट ऑफ फूड सेफ्टी एंड टॉक्सिकोलॉजी' पर दो दिवसीय सम्मेलन 24-25 फरवरी को सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है. यहां शिक्षा, अनुसंधान और विकास में उनके योगदान के लिए महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा. हरा पत्ता विकास और स्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है. आठ भुजाएं अष्टलक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करने के पारंपरिक तरीके का शक्ति और धन की देवी प्रतिनिधित्व करती हैं. हाथों में पकड़ी गई विभिन्न वस्तुएं विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रबंधन और गृह निर्माण सहित दैनिक जीवन में एक महिला की बहुआयामी भूमिकाओं को इंगित करती हैं.'

उन्होंने बताया कि 'सीएसआईआर और आईआईटीआर के लखनऊ में चार सेंटर हैं, जहां पर अलग-अलग टेक्नोलॉजी का काम होता है. 'वन वीक वन लैब' का उद्देश्य मात्र इतना है कि आम पब्लिक में यह जानकारी पहुंचेगी कि सीएसआइआर-आईआईटीआर क्या काम करती है और आम पब्लिक के लिए क्या कुछ अभी तक सीएसआईआर-आईआईटीआर ने किया है.' निदेशक डॉ. भास्कर ने बताया कि 'उदाहरण के लिए बता दें कि हर साल जब मौसम में परिवर्तन होता है तो उस समय मौसम से संबंधित जो जानकारी होती है उस पर सीएसआईआर और आईआईटीआर के वैज्ञानिक काम करते हैं. इसके अलावा क्वालिटी इंडेक्स पर भी वैज्ञानिक काम करते हैं. दीपावली से पहले और दीपावली के बाद पर्यावरण का क्या प्रदूषण स्तर होता है. इसकी पूरी जानकारी सीएसआईआर-आईआईटीआर के वैज्ञानिक रिसर्च करते हैं.'

उन्होंने बताया कि 'हमारी चारों लैब में अलग-अलग टेक्नोलॉजी होती है. अगर कोई व्यक्ति उससे लाभान्वित होना चाहता है या उसकी जानकारी लेना चाहता है तो इसके लिए सीएसआईआर-आईआईटीआर कभी भी आ सकते हैं. ट्रिपल-सी (सीएसआईआर कॉरपोरेट सेंटर) की शुरुआत कर रहे हैं. चारों लैब में जो भी टेक्नोलॉजी होगी उसकी जानकारी यहां पर होगी, जिससे आमजन लाभान्वित होंगे.

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