लखनऊः राजधानी लखनऊ में नगर निगम के ठेका सफाई कर्मियों ने निर्धारित वेतन न मिलने के कारण काम बंद कर दिया है. जबकि नगर निगम के तरफ से सेवा प्रदाता कंपनी को प्रत्येक माह दो करोड़ का भुगतान नहीं किया जा रहा है. बुधवार को इन समस्याओं को लेकर सफाई कर्मी धरने पर बैठ गए. जिसकी वजह से लखनऊ के 110 वार्डों में सफाई व्यवस्था चरमरा गई. धरने पर बैठे सफाई कर्मियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो वह सड़क जाम करने को मजबूर होंगे.
नगर निगम के 8000 कर्मी मांगों को लेकर हड़ताल पर
नगर निगम के ठेके पर काम कर रहे लगभग 8000 सफाई कर्मचारी अपने निर्धारित मानदेय से कम पैसे मिलने पर आज हड़ताल पर चले गये. नगर निगम के पास उनका धरना प्रदर्शन जारी है. नगर निगम प्रशासन ने 25 सितंबर 2019 को एक शासनादेश के तहत 308.18 पैसे प्रति दिन के हिसाब से भुगतान करने का प्रस्ताव पास किया था. जबकि यह भुगतान सफाई कर्मियों को नहीं दिया जा रहा है. किसी को 5000 तो किसी को 5500 रुपये महीने वेतन दिया जा रहा है. सफाई काम में लगे कर्मियों को झाड़ू ठंडा वर्दी सामान भी नहीं दिया जा रहा है जो खुद ही सफाई कर्मी अपने पैसो से व्यवस्था करते हैं.
मांगे नहीं मानी गई तो उतरेंगे सड़कों पर
नगर निगम में ठेके पर काम करने वाले सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन नगर निगम के अधिकारियों को सौंपा है. जिसमें पहले के शासनादेश के मुताबिक 308 रुपये 18 पैसे के मानदेय को दिए जाने की मांग की है. उनकी अधिकारियों से एक बार वार्ता भी हुई है जो विफल साबित हुई. सफाई कर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी. तब तक वह सफाई कार्य नहीं करेंगे. उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह सड़कों पर उतर कर चक्का जाम करेंगे.
मांगें पूरी होने पर ही करेंगे काम
स्थाई, संविदा एवं ठेका सफाई कर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जीतेंद्र कुमार ने बताया कि उनकी मानदेय की मांग को जब तक पूरा नहीं किया जाएगा तब तक वह काम नहीं करेंगे.