प्रयागराज: त्रिवेणी संगम तट पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार द्वारा प्रयागराज में "वन नेशन, वन इलेक्शन – आर्थिक, राजनीतिक, चुनाव सुधार एवं विकसित भारत के संदर्भ में" विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम ने भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक चेतना को जागृत करने का एक सार्थक मंच प्रदान किया.
कार्यक्रम का उद्घाटन रामनाथ कोविंद, भारत के पूर्व राष्ट्रपति द्वारा किया गया. उन्होंने अपने वक्तव्य में "वन नेशन, वन इलेक्शन" की अवधारणा को देश की प्रगति का अहम स्तंभ बताते हुए इसके विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला. श्री कोविंद ने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से न केवल विकास कार्य बाधित होते हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी भारी प्रभाव पड़ता है. उन्होंने चुनाव आयोग के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि हर तीन साल में चुनाव कराने में 5-7 लाख करोड खर्च होते हैं.
उन्होंने शिक्षकों की भूमिका पर भी जोर दिया और कहा कि चुनावों के दौरान शिक्षकों की ड्यूटी लगने से स्कूल महीनों तक बंद रहते हैं. जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती है. यदि सभी चुनाव एक साथ हों, तो यह समस्या सुलझाई जा सकती है. श्री कोविंद ने अपने संबोधन को इस सकारात्मक संदेश के साथ समाप्त किया कि "वन नेशन, वन इलेक्शन" न केवल समय और धन की बचत करेगा, बल्कि यह शिक्षा और विकास को भी गति प्रदान करेगा.
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उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने उद्बोधन में "वन नेशन, वन इलेक्शन" को एक क्रांतिकारी विचार बताया. उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से आचार संहिता के कारण विकास कार्य छह-छह महीने तक ठप हो जाते हैं. यदि चुनाव एक साथ हों, तो देश के राजनीतिक और आर्थिक पहलू मजबूत होंगी. उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस कार्यकाल में इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.
उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विनीत सरन ने "वन नेशन, वन इलेक्शन" को देशहित में एक लाभकारी कदम बताया. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से चुनावी खर्चों में भारी कमी आएगी, जो एक विकसित भारत के निर्माण में सहायक होगी. उन्होंने इस विचार को आर्थिक और प्रशासनिक सुधारों के लिए जरूरी बताया.
इस कार्यक्रम में दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. आशीष गौतम, संयोजक संजय चतुर्वेदी, अपर महाधिवक्ता महेश चतुर्वेदी सहित मिशन के अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे. श्रद्धालुओं, गणमान्य अतिथियों और समाज के वरिष्ठ नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया. कार्यक्रम का समापन दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संयोजक संजय चतुर्वेदी के सारगर्भित उद्बोधन और सामूहिक राष्ट्रगान के साथ हुआ. उन्होंने इस आयोजन को राष्ट्र निर्माण और समाज में सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक बताया.
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