लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर अयोध्या मामले पर कांग्रेस अपना अलग स्टैंड तय कर सकती है. रायबरेली में कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी की प्रशिक्षण कार्यशाला में जहां उत्तर प्रदेश में आंदोलनात्मक राजनीति का एजेंडा तय किया जा रहा है. वहीं अयोध्या मामले पर भी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का रुख जानने की कोशिश की गई है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की इस महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' के अलावा एआईसीसी के पांच सचिव भी मौजूद हैं. इन्हें प्रदेश में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस की इस बेहद महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यशाला में राजनीतिक एजेंडों को धार देने और उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के साथ ही भारतीय जनता पार्टी को कटघरे में खड़ा करने की रणनीति को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है अयोध्या मामला
पदाधिकारियों को यह बताया जा रहा है कि किस तरह उन्हें अपने-अपने कार्यक्षेत्र में भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी करनी है, लेकिन इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण चर्चा अयोध्या मामले को लेकर हो रही है. अयोध्या मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो चुकी है और अगले महीने तक फैसला आने की उम्मीद की जा रही है.
कांग्रेस का अयोध्या मामले पर मंथन
उत्तर प्रदेश से जुड़े इस मामले ने पूरे देश में कांग्रेस की राजनीति को प्रभावित किया है. ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व उत्तर प्रदेश की टीम के साथ इस एजेंडे पर भी गंभीर मंथन कर रहा है. बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से जानने की कोशिश की गई है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर कांग्रेस का क्या रुख होना चाहिए. कांग्रेस को परंपरागत राजनीति के तहत व्यवहार करना चाहिए या नया स्टैंड लेने की जरूरत है.
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इस बारे में अभी पार्टी नेतृत्व किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है, लेकिन यह माना जा रहा है कि अयोध्या मामले को लेकर पार्टी की बैठक बेहद महत्वपूर्ण है. पार्टी का अयोध्या मामले पर अगला स्टैंड इस बैठक से तय किया जाएगा.