लखनऊ: केंद्रीय चुनाव आयोग को शिकायत भेजते हुए फ्री बिजली के लिए ‘समाजवादी फॉर्म’ भराए जाने को तत्काल रोकने की मांग की गई है. शिकायतकर्ता ने इसे भ्रष्ट आचरण बताते हुए समाजवादी पार्टी की मान्यता रद करने की मांग की है.
शिकायत हाईकोर्ट के अधिवक्ता योगेश सोमवंशी ने केंद्रीय चुनाव आयोग को प्रत्यावेदन से भेजी है. शिकायत में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा घोषणा की गई कि उनकी सरकार आएगी तो 300 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी. अब सपा के द्वारा एक ‘समाजवादी फॉर्म’ भरवाया जा रहा है जो जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 तहत चुनाव के दौरान किए जा रहे भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है.
शिकायत में कहा गया है कि स्वयं चुनाव आयोग द्वारा जारी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत इस प्रकार के प्रलोभन पर रोक है. कहा गया है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर यह फॉर्म भरवाया जा रहा है, ऐसे में उनके द्वारा घर-घर जाकर प्रलोभन दिया जा रहा है.
मांग की गई है कि सपा व इसके मुखिया यह कृत्य तत्काल रोका जाए व उनके द्वारा भ्रष्ट आचरण जारी रखने पर पार्टी का पंजीकरण निरस्त किया जाए. कहा गया है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए यह आवश्यक है कि इस प्रकार के प्रलोभन की घोषणा कोई भी दल यदि करता है तो उसके खिलाफ आयोग कार्रवाई करे. अधिवक्ता का कहना है कि यदि चुनाव आयोग ने उनके शिकायत पर कार्रवाई न की तो वह हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर यह मुद्दा उठाएंगे.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप