लखनऊः प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के अंतर्गत मरीजों को अब फिर से सस्ती दवाएं जल्द ही मिलने लगेंगी. राजधानी में मरीजों तक सस्ती दवाएं पहुंचाने के लिए 72 जन औषधि केंद्र खोले गए थे, लेकिन शिकायतों के बाद इन केंद्रों को बंद कर दिया गया था.
सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण
राजधानी के सरकारी अस्पतालों में शिकायतों के बाद बंद हुए औषधि केंद्र फिर से जनता के लिए खोल दिया जाएंगे. बता दें कि इन सभी सरकारी अस्पतालों में औषधि केंद्रों का संचालन निजी वेंडरों द्वारा किया जा रहा था. मगर इनके खिलाफ शिकायत आने के बाद उनसे किया गया करार खत्म कर दिया गया था.
बंद किए गए इन जन औषधि केंद्र को फिर से जनता के लिए खोलने के लिए दिल्ली से गुरुवार को एक टीम लखनऊ पहुंची है. इस टीम के मेंबरों ने यहां सभी सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया और वहां पर कागजी कार्रवाई पूरी की है. अब इन केंद्रों का संचालन केंद्र सरकार के उपक्रम ब्यूरो ऑफ फार्मास्यूटिकल्स ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) द्वारा किया जाएगा.
बीपीपीआई मार्केटिंग हेड ने किया दौरा
जन औषधि केंद्र को दोबारा से खोलने के लिए बीपीपीआई के मार्केटिंग हेड जीएम धीरज शर्मा लखनऊ पहुंचे. धीरज शर्मा ने बताया कि गुरुवार को उन्होंने नोडल अधिकारी नितीश श्रीवास्तव के साथ शहर के अस्पतालों का दौरा किया. उन्होंने बताया कि केजीएमयू लोहिया हॉस्पिटल, बलरामपुर हॉस्पिटल और सिविल हॉस्पिटल के अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत की गई है. उन्होंने बताया कि फिर से इन केंद्रों को खोलने के लिए करीब एक महीने का समय लगेगा.
उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति पर्व से पहले सभी प्रक्रिया पूरी हो जाएंगी और लोगों को सच्ची दवाइयां मिलने लगेंगी. उन्होंने बताया कि इस बार सस्ती दवाइयों के लिए लिस्ट बनाई गई है. इस लिस्ट में करीब एक हजार दवाएं और चार सौ सर्जिकल सामान व अन्य चीजें शामिल है.