लखनऊ : कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा सैनिटाइजेशन के साथ-साथ टीकाकरण अभियान भी चलाया जा रहा है. मगर इन योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में अधिकारी बड़ी लापरवाही कर रहे हैं. लखनऊ के सरोजनीनगर थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग महिला को बिना इंजेक्शन लगाए ही उसे वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र दे दिया गया. इसके अलावा एक कोविड पॉजिटिव के घर को सैनिटाइज करने के नाम पर वहां पोस्टर और टेप लगाकर खानापूर्ति कर दी गयी. यही नहीं, आम जनता द्वारा किसी भी योजना की जानकारी के लिए सरकारी दफ्तर में फोन किए जाने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता.
वैक्सीन लगाए बिना प्रमाण पत्र भेजा
सरोजनीनगर के अमौसी गांव स्थित गीता आश्रम के पास रहने वाली इंदिरा रानी (64 वर्ष) के बेटे अशोक कुमार ने अपनी मां को कोरोना का टीका लगवाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया था. अशोक के मुताबिक, उसे रजिस्ट्रेशन के दौरान सरोजनीनगर स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 30 अप्रैल को वैक्सीन लगाने की तिथि दी गई थी, लेकिन इंदिरा रानी की तबीयत खराब होने पर वह उस दिन टीकाकरण कराने नहीं पहुंचा सका. निर्धारित तिथि के दो दिन बाद ही उसके मोबाइल पर इदिंरा रानी का वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र भेज दिया गया. अशोक इसकी शिकायत लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, तो डॉक्टरों ने उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इसके बाद अशोक ने बिना वैक्सीन लगाये प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज की.
5 दिन बाद भी नहीं हुआ संक्रमित का घर सैनिटाइज
उधर, सरोजनीनगर स्थित बेहसा निवासी कोविड पॉजिटिव की मौत घर पर हो गई थी. घटना के तीसरे दिन उसके घर का सैनिटाइजेशन करने के लिए फोन आया. कुछ देर बाद बाइक पर पहुंचे दो युवकों ने मरीज के दरवाजे पर 'इस क्षेत्र में कोरोना संक्रमण है, यहां प्रवेश वर्जित है' का पोस्टर लगाकर चले गये. मंगलवार को 5 दिन होने के बाद भी उस घर को सैनिटाइज नहीं किया जा सका है.
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वहीं, जब इस संबंध में जानकारी के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अंशुमान श्रीवास्तव से संपर्क करने की कोशिश की गयी, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.