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बीजेपी और कांग्रेस पर माया का तंज, कहा- 'रोड शो' और 'पूजा-पाठ' बन गया नया चुनावी फैशन - mayawati tweet

बसपा प्रमुख मायावती ने रोड शो और जगह-जगह पूजा-पाठ को चुनावी फैशन बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि पूजा-अर्चना पर भारी खर्चा किया जाता है. आयोग द्वारा उस खर्चे को प्रत्याशी के खर्च में शामिल करना चाहिए.

मायावती (फाइल फोटो).
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Published : May 14, 2019, 9:35 PM IST

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा है कि चुनाव के समय मंदिरों में पूजा-अर्चना करना फैशन हो गया है. कुछ नेताओं ने चुनाव आयोग द्वारा प्रचार पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना की और मीडिया के माध्यम से उसे प्रचारित किया गया. इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए. वहीं मायावती के इस बयान पर बीजेपी और कांग्रेस प्रवक्ता ने पलटवार किया है.

मायावती ने रोड शो और पूजा-पाठ को बताया चुनावी फैशन.

बसपा अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर बोला हमला

  • बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला है.
  • मायावती ने कहा कि पीएम मोदी सरकार की नैया डुबा रहे हैं.
  • इसका जीता-जागता प्रमाण यह भी है कि आरएसएस ने भी इनका साथ छोड़ दिया है.
  • इनकी घोर वादाखिलाफी के कारण भारी जनविरोध को देखते हुए संघी स्वंयसेवक झोला लेकर चुनाव में कहीं मेहनत करते नहीं नजर आ रहे हैं.
    • रोडशो व जगह-जगह पूजा-पाठ एक नया चुनावी फैशन बन गया है जिसपर भारी खर्चा किया जाता है। आयोग द्वारा उस खर्चे को प्रत्याशी के खर्च में शामिल करना चाहिये और यदि किसी पार्टी द्वारा उम्मीद्वार के समर्थन में रोडशो आदि किया जाता है तो उसे भी पार्टी के खर्च में शामिल किया जाना चाहिये।

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पूजा-पाठ को बताया फैशन शो

  • मायावती ने कहा कि रोड शो और जगह-जगह पूजा-पाठ एक नया चुनावी फैशन बन गया है.
  • इस पर भारी खर्चा किया जाता है. आयोग द्वारा उस खर्चे को प्रत्याशी के खर्च में शामिल करना चाहिए.
  • उन्होंने कहा कि किसी पार्टी द्वारा प्रत्याशियों के समर्थन में रोड शो आदि किया जाता है, तो उसे भी पार्टी के खर्च में शामिल किया जाना चाहिए.

मायावती के इस बयान को पीएम मोदी के वाराणसी में प्रस्तावित कार्यक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम चरण के 19 मई को मतदान से पहले दो दिनों तक वाराणसी में रहने का कार्यक्रम प्रस्तावित है.

जनता देगी जवाब

  • मायावती ने कहा कि जनता को वरगलाने के लिए देश ने अबतक कई नेताओं को सेवक, मुख्य सेवक, चायवाला व चौकीदार आदि के रूप में देखा है.
  • अब देश को संविधान की सही कल्याणकारी मंशा के हिसाब से चलाने वाला शुद्ध पीएम चाहिए.
  • जनता ने ऐसे दोहरे चरित्रों आदि से बहुत धोखा खा लिया है, अब आगे धोखा खाने वाली नहीं है.

2014 में उत्तर प्रदेश की जनता ने मायावती का खाता तक नहीं खोला. 2019 में भी बसपा के साथ सपा को भी जनता शून्य अंक देने जा रही है. इसलिए मायावती घबराई हुई हैं.

-हरिश्चंद्र श्रीवास्तव, प्रवक्ता, बीजेपी, यूपी

चुनाव आयोग ने दो तरह के खर्चे निर्धारित किए हैं. एक पार्टी का खर्च होता है और दूसरा प्रत्याशी का खर्च होता है.

-ओंकार नाथ सिंह, प्रवक्ता, कांग्रेस, यूपी

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा है कि चुनाव के समय मंदिरों में पूजा-अर्चना करना फैशन हो गया है. कुछ नेताओं ने चुनाव आयोग द्वारा प्रचार पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना की और मीडिया के माध्यम से उसे प्रचारित किया गया. इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए. वहीं मायावती के इस बयान पर बीजेपी और कांग्रेस प्रवक्ता ने पलटवार किया है.

मायावती ने रोड शो और पूजा-पाठ को बताया चुनावी फैशन.

बसपा अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर बोला हमला

  • बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला है.
  • मायावती ने कहा कि पीएम मोदी सरकार की नैया डुबा रहे हैं.
  • इसका जीता-जागता प्रमाण यह भी है कि आरएसएस ने भी इनका साथ छोड़ दिया है.
  • इनकी घोर वादाखिलाफी के कारण भारी जनविरोध को देखते हुए संघी स्वंयसेवक झोला लेकर चुनाव में कहीं मेहनत करते नहीं नजर आ रहे हैं.
    • रोडशो व जगह-जगह पूजा-पाठ एक नया चुनावी फैशन बन गया है जिसपर भारी खर्चा किया जाता है। आयोग द्वारा उस खर्चे को प्रत्याशी के खर्च में शामिल करना चाहिये और यदि किसी पार्टी द्वारा उम्मीद्वार के समर्थन में रोडशो आदि किया जाता है तो उसे भी पार्टी के खर्च में शामिल किया जाना चाहिये।

      — Mayawati (@Mayawati) May 14, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पूजा-पाठ को बताया फैशन शो

  • मायावती ने कहा कि रोड शो और जगह-जगह पूजा-पाठ एक नया चुनावी फैशन बन गया है.
  • इस पर भारी खर्चा किया जाता है. आयोग द्वारा उस खर्चे को प्रत्याशी के खर्च में शामिल करना चाहिए.
  • उन्होंने कहा कि किसी पार्टी द्वारा प्रत्याशियों के समर्थन में रोड शो आदि किया जाता है, तो उसे भी पार्टी के खर्च में शामिल किया जाना चाहिए.

मायावती के इस बयान को पीएम मोदी के वाराणसी में प्रस्तावित कार्यक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम चरण के 19 मई को मतदान से पहले दो दिनों तक वाराणसी में रहने का कार्यक्रम प्रस्तावित है.

जनता देगी जवाब

  • मायावती ने कहा कि जनता को वरगलाने के लिए देश ने अबतक कई नेताओं को सेवक, मुख्य सेवक, चायवाला व चौकीदार आदि के रूप में देखा है.
  • अब देश को संविधान की सही कल्याणकारी मंशा के हिसाब से चलाने वाला शुद्ध पीएम चाहिए.
  • जनता ने ऐसे दोहरे चरित्रों आदि से बहुत धोखा खा लिया है, अब आगे धोखा खाने वाली नहीं है.

2014 में उत्तर प्रदेश की जनता ने मायावती का खाता तक नहीं खोला. 2019 में भी बसपा के साथ सपा को भी जनता शून्य अंक देने जा रही है. इसलिए मायावती घबराई हुई हैं.

-हरिश्चंद्र श्रीवास्तव, प्रवक्ता, बीजेपी, यूपी

चुनाव आयोग ने दो तरह के खर्चे निर्धारित किए हैं. एक पार्टी का खर्च होता है और दूसरा प्रत्याशी का खर्च होता है.

-ओंकार नाथ सिंह, प्रवक्ता, कांग्रेस, यूपी

Intro:लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा है कि चुनाव के समय मंदिरों में दर्शन पूजा अर्चना करना फैशन हो गया है। कुछ नेताओं पर चुनाव आयोग द्वारा प्रचार पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद मंदिरों में दर्शन, पूजा, अर्चना किये और मीडिया के माध्यम से उसे प्रचारित किया गया। इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। ज्ञात हो कि अली और बजरंगबली वाले बयान पर चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की। योगी के मंदिरों में जाने का कार्यक्रम भी मीडिया में कवर किया गया था।आखिर क्या कारण है कि बसपा अध्यक्ष ने इस वक्त मंदिरों में दर्शन प्रतिबंधित किये जाने की मांग की। उनके इस बयान को पीएम मोदी और कांग्रेस पर हमले के रूप में देखा जा रहा है।


Body:बसपा सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि पीएम मोदी सरकार की नैया डूब रही है, इसका जीता-जागता प्रमाण यह भी है कि आरएसएस ने भी इनका साथ छोड़ दिया है। इनकी घोर वादाखिलाफी के कारण भारी जनविरोध को देखते हुए संघी स्वंयसेवक झोला लेकर चुनाव में कहीं मेहनत करते नहीं नजर आ रहे हैं। इससे पीएम मोदी के पसीने छूट रहे हैं।

रोडशो व जगह-जगह पूजा-पाठ एक नया चुनावी फैशन बन गया है। इस पर भारी खर्चा किया जाता है। आयोग द्वारा उस खर्चे को प्रत्याशी के खर्च में शामिल करना चाहिये और यदि किसी पार्टी द्वारा उम्मीद्वार के समर्थन में रोडशो आदि किया जाता है तो उसे भी पार्टी के खर्च में शामिल किया जाना चाहिये। मायावती के इस बयान को पीएम मोदी के वाराणसी में प्रस्तावित कार्यक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम चरण के 19 मई को मतदान से पहले दो दिनों तक वाराणसी में रहने का कार्यक्रम प्रस्तावित है।

साथ ही किसी भी उम्मीदवार को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में चुनाव प्रचार पर बैन लगाने के दौरान यदि वह आम स्थान पर मन्दिरों आदि में जाकर पूजा-पाठ आदि करता है। उसे मीडिया में बड़े पैमाने पर प्रचारित किया जाता है तो उस पर भी रोक लगनी चाहिये। आयोग इसपर भी कुछ कदम जरूर उठाए।

मायावती ने कहा कि जनता को वरगलाने के लिए देश ने अबतक कई नेताओं को सेवक, मुख्य सेवक, चायवाला व चौकीदार आदि के रूप में देखा है। अब देश को संविधान की सही कल्याणकारी मंशा के हिसाब से चलाने वाला शुद्ध पीएम चाहिए। जनता ने ऐसे दोहरे चरित्रों आदि से बहुत धोखा खा लिया है। अब आगे धोखा खाने वाली नहीं है।

मायावती वैसे तो हर बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलती हैं लेकिन अब आखिरी व सातवें चरण में रोड शो पर आने वाले खर्चे को प्रत्याशी के खर्चे में जोड़ने और मंदिरों में दर्शन करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जरूरत क्या आ पड़ी। जानकारों का मानना है कि या आखिरी चरण में बसपा अपनी पूरी ताकत से जुटी है। बसपा अल्पसंख्यकों बंटने नहीं देना चाहती।

बाईट- हरिश्चंद्र श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता, यूपी बीजेपी
बाईट-ओंकार नाथ सिंह, प्रदेश प्रवक्ता, यूपी कांग्रेस


Conclusion:
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