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लखीमपुर हिंसा को लेकर बीएसपी भी आक्रमक, सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच की मांग - Lucknow City News

कांग्रेस-सपा के बाद अब बसपा भी सूबे की योगी सरकार के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार किए हुए हैं. इसी कड़ी में पार्टी सुप्रीमो मायावती के बाद अब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भी सूबे की योगी सरकार को किसान विरोध बताया और जमकर निशाना साधा.

लखीमपुर हिंसा को लेकर बीएसपी भी आक्रमक, दी सख्त चेतावनी
लखीमपुर हिंसा को लेकर बीएसपी भी आक्रमक, दी सख्त चेतावनी
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Published : Oct 6, 2021, 1:57 PM IST

Updated : Oct 6, 2021, 5:40 PM IST

लखनऊ: लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर बसपा अब एकदम से आक्रामक मूड में आ गई है. वहीं, पार्टी सुप्रीमो मायावती के सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधने के साथ ही अब बसपा के अन्य बड़े नेता भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिए हैं. इसके अलावे अब वे हर मंच से किसानों के मुद्दे को उठा रहे हैं. बसपा प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने लखीमपुर हिंसा पर तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि घटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे की संलिप्तता है. ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद कम है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में घटना की जांच की जाए. तभी पीड़ित परिवार को न्याय मिल सकेगा.

दरअसल, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के बाद से ही कांग्रेस और सपा की सक्रियता देखते बन रही है. ये दोनों ही पार्टियां भाजपा पर निशाना साधने के साथ ही अब हर मोर्चे पर किसानों संग हो रहे अत्याचार के मुद्दों को उठा रही हैं. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गिरफ्तारी हो चुकी है तो कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल-प्रियंका भी अब किसानों की मौत पर यूपी से लेकर केंद्र तक लगातार आवाज बुलंद किए हुए हैं.

इसे भी पढ़ें - UP Assembly Election 2022: तब बिसौली के लोगों ने चुना था युवा प्रतिनिधि, लेकिन अबकी भाजपा-सपा में तय है मुकाबला

वहीं, 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में अब सूबे की सभी सियासी पार्टियां इस मुद्दे को अपने सियासी नफा-नुकसान से जोड़कर देख रही हैं. यही कारण है कि एक के बाद एक सभी पार्टियों ने अब भाजपा को उक्त मामले में घेरना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में अब बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा लखीमपुर जाने पर अड़ गए हैं.

  • जिस प्रकार की खबरें समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में देखने को मिल रही हैं,पूरे भारतवासियों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में ही जाँच हो तभी किसानों को न्याय मिल सकता है और और फिर इस मामले में’दूध का दूध पानी का हो जाएगा’। #lakhimpur_farmer_massacre @Mayawati #BSP https://t.co/7xWQkHH8ZS

    — Sudhindra Bhadoria (BSP) (@SudhinBhadoria) October 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ऐसे में शांति भंग की आशंका को देखते हुए पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर रखा था. वे तीन दिनों तक घर में ही कैद रहे. मगर उनका कोर्ट में केस लगा था. ऐसे में केस में जाने को उन्हें छूट दी गई. इधर, पुलिस से ढील मिलते ही वे पीड़ितों से मिलने का दावा करने लगे. यही नहीं बसपा अब चुनावी रैलियों में भी किसानों के दमन के मुद्दे को उठाने की योजना बना रही है.

बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधींद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा ने किसानों पर अत्याचार की सभी सीमाएं लांघ दी हैं. किसानों पर पहली बार ऐसा दमन हुआ है. सरकार को किसानों की अनदेखी भारी पड़ेगी.

बसपा प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने लखीमपुर हिंसा पर तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि घटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे की संलिप्तता है. ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद कम है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में घटना की जांच की जाए. तभी पीड़ित परिवार को न्याय मिल सकेगा.

लखनऊ: लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर बसपा अब एकदम से आक्रामक मूड में आ गई है. वहीं, पार्टी सुप्रीमो मायावती के सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधने के साथ ही अब बसपा के अन्य बड़े नेता भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिए हैं. इसके अलावे अब वे हर मंच से किसानों के मुद्दे को उठा रहे हैं. बसपा प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने लखीमपुर हिंसा पर तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि घटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे की संलिप्तता है. ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद कम है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में घटना की जांच की जाए. तभी पीड़ित परिवार को न्याय मिल सकेगा.

दरअसल, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के बाद से ही कांग्रेस और सपा की सक्रियता देखते बन रही है. ये दोनों ही पार्टियां भाजपा पर निशाना साधने के साथ ही अब हर मोर्चे पर किसानों संग हो रहे अत्याचार के मुद्दों को उठा रही हैं. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गिरफ्तारी हो चुकी है तो कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल-प्रियंका भी अब किसानों की मौत पर यूपी से लेकर केंद्र तक लगातार आवाज बुलंद किए हुए हैं.

इसे भी पढ़ें - UP Assembly Election 2022: तब बिसौली के लोगों ने चुना था युवा प्रतिनिधि, लेकिन अबकी भाजपा-सपा में तय है मुकाबला

वहीं, 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में अब सूबे की सभी सियासी पार्टियां इस मुद्दे को अपने सियासी नफा-नुकसान से जोड़कर देख रही हैं. यही कारण है कि एक के बाद एक सभी पार्टियों ने अब भाजपा को उक्त मामले में घेरना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में अब बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा लखीमपुर जाने पर अड़ गए हैं.

  • जिस प्रकार की खबरें समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में देखने को मिल रही हैं,पूरे भारतवासियों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में ही जाँच हो तभी किसानों को न्याय मिल सकता है और और फिर इस मामले में’दूध का दूध पानी का हो जाएगा’। #lakhimpur_farmer_massacre @Mayawati #BSP https://t.co/7xWQkHH8ZS

    — Sudhindra Bhadoria (BSP) (@SudhinBhadoria) October 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ऐसे में शांति भंग की आशंका को देखते हुए पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर रखा था. वे तीन दिनों तक घर में ही कैद रहे. मगर उनका कोर्ट में केस लगा था. ऐसे में केस में जाने को उन्हें छूट दी गई. इधर, पुलिस से ढील मिलते ही वे पीड़ितों से मिलने का दावा करने लगे. यही नहीं बसपा अब चुनावी रैलियों में भी किसानों के दमन के मुद्दे को उठाने की योजना बना रही है.

बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधींद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा ने किसानों पर अत्याचार की सभी सीमाएं लांघ दी हैं. किसानों पर पहली बार ऐसा दमन हुआ है. सरकार को किसानों की अनदेखी भारी पड़ेगी.

बसपा प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने लखीमपुर हिंसा पर तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि घटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे की संलिप्तता है. ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद कम है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में घटना की जांच की जाए. तभी पीड़ित परिवार को न्याय मिल सकेगा.

Last Updated : Oct 6, 2021, 5:40 PM IST
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