लखनऊ: राजधानी के चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट परिसर में सोमवार को जिला प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों के बीच बैठक हुई. बैठक में निष्कर्ष निकला कि 2018 में हुए समझौते के अनुसार किसानों की मांगें पूरी नहीं की गई हैं. इसके बाद किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
टर्मिनल-3 के कार्य को रुकवाया
अडानी एयरपोर्ट के विस्थापित किसान द्वारा टर्मिनल-3 के कार्य को एक महीने पहले बंद करा दिया गया था. इसको लेकर भाकियू और अडानी एयरपोर्ट के अधिकारियों के बीच दो चरण की वार्ता हो चुकी थी. इसी कड़ी में सोमवार को फिर से वार्ता हुई. किसानों का कहना है कि 2018 में एयरपोर्ट अथॉरिटी व किसानों के बीच में समझौता हुआ था. समझौते के अनुसार, किसानों को मुआवजा, गांव का समग्र विकास और किसानों को मकान बनाने के लिए भूमि देने की बात तय हुई थी. आज दो साल बीत जाने के बाद भी मांगें नहीं मानी गईं. इसी वजह से किसानों ने टर्मिनल 3 के कार्य को रुकवा दिया.
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एडीएम प्रशासन ने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के कार्य में बाधा न डालें, किसानों की मांगें उच्च स्तरीय कमेटी में चल रही हैं. जिस पर किसान समझौते को तैयार नहीं हुए. किसानों ने कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी, हम एयरपोर्ट पर कोई भी कार्य नहीं होने देंगे. कहा कि प्रशासन अडानी एयरपोर्ट प्रबंधन और किसानों के बीच हुई वार्ता विफल रही है. अब आगे की रणनीति बनाएंगे.
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लखनऊ एयरपोर्ट अथॉरिटी और किसानों के बीच काफी समय से मुआवजे को लेकर बातचीत चल रही है. एयरपोर्ट अथॉरिटी का कहना है कि किसानों के पूर्वजों को मुआवजा दे दिया है. वहीं, किसानों का कहना है कि यदि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने हमारे पूर्वजों को मुआवजा दिया है तो उसका कागज दिखाएं.
साल 2018 में किसानों और एयरपोर्ट अथॉरिटी के बीच समझौता हुआ था, जिसका अनुपालन अभी तक नहीं हुआ है. इससे नाराज किसानों ने एयरपोर्ट परिसर में चल रहे विस्तारीकरण के कार्य को बाधा पहुंचाई. मीटिंग में एडीएम प्रशासन, अडानी एयरपोर्ट इंचार्ज सुरेश चंद होता, एसीपी कृष्णा नगर, किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र, तहसील अध्यक्ष सोमेंद्र मौर्य, राम सिंह और अन्य किसान यूनियन कार्यकर्ता मौजूद थे.