लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी मुस्लिमों के अपेक्षाकृत कम कट्टर समूह को खुद से जोड़ने के लिए बड़ा अभियान चलाने जा रही है. भारतीय जनता पार्टी इसको लेकर सूफी सम्मेलन कराएगी. वर्षों से बड़ी संख्या में सूफ़ी संतों की मजार पर हिंदू भी जाते रहे हैं. ऐसे में भाजपा के लिए सूफ़ी वर्ग से जुड़ाव नया वोट बैंक बन सकता है. उत्तर प्रदेश में भाजपा ऐसे 20 सम्मेलन कराने की तैयारी कर रही है. जिनके जरिये बड़े सूफ़ी स्थलों में मुसलमानों से जुड़ाव बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी कोशिश करेगी.
भारतीय जनता पार्टी पिछले कुछ समय से मुस्लिमों के प्रति अपने रवैए में बदलाव ला रही है. हाल ही में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि जो वर्ग हमको वोट नहीं दे रहा है, हमको उसका भी ख्याल रखना है. जिसके बाद में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी इस नए पैंतरे को आजमाने जा रही है. जिसके तहत सूफी सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा. उत्तर प्रदेश में देवा शरीफ जैसी बड़ी दरगाह है, जहां पूरी दुनिया से जायरीन आते हैं. यही नहीं अलग-अलग जिलों में और भी बड़े सूफी स्थल हैं, जिनकी पूरे भारत में मान्यता है.
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक मोर्चा को इन सम्मेलनों को कराने की जिम्मेदारी दी है. उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुवंर बासित अली ने बताया कि 'हम उत्तर प्रदेश में ऐसे करीब 20 सम्मेलनों को कराने की तैयारी कर रहे हैं. हमारे प्रधानमंत्री की इच्छा है कि हम हर वर्ग को अपने साथ जोड़ें. इसी जुड़ाव के लिए हम यहां काम करने जा रहे हैं. निश्चित तौर पर इसके कई कार्यक्रम हम करेंगे. जिनके लिए तिथियों की घोषणा बहुत जल्द की जाएगी.'