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भारतीय जनता युवा मोर्चा में संघर्ष से मंजे फिर राजनीति में चमके कई भाजपाई दिग्गज

भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष पदों पर भारतीय जनता युवा मोर्चा से निकले कई नेता पहुंचे हैं. पार्टी के संगठन से लेकर सरकार तक उनकी भागीदारी देखने को मिली है. फिर चाहे वह डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा हों, बस्ती से दूसरी बार सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी हों या फिर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह. सभी युवा मोर्चा से निकल कर आए हैं और प्रदेश के साथ ही देश की राजनीति में महती भूमिका अदा कर रहे हैं.

ऊंचाइयों पर पहुंचे भाजपा के यह नेता
ऊंचाइयों पर पहुंचे भाजपा के यह नेता
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Published : Jul 9, 2021, 8:38 PM IST

लखनऊ: भारतीय जनता युवा मोर्चा से निकले कई पदाधिकारी भाजपा के बड़े-बड़े पदों पर पहुंचे हैं. पार्टी संगठन से लेकर सरकार तक उनकी भागीदारी देखने को मिली है. मौजूदा समय में प्रदेश और देश में ऐसे कई सक्रिय नेता हैं जो पहले युवा मोर्चा में काम कर चुके हैं. इनमें स्वतंत्रदेव सिंह, हरीश द्विवेदी, मानवेन्द्र सिंह, महेंद्र नाथ पांडेय, अशोक कटारिया और सुब्रत पाठक जैसे नेताओं का नाम शामिल है.

ऊंचाइयों पर पहुंचे भाजपा के यह नेता
राजनीतिक विश्लेषक अवनीश त्यागी कहते हैं कि युवा मोर्चा केवल भाजपा का ही नहीं बल्कि सभी पार्टियों का छात्र विंग और युवा विंग शुरुआती पाठशाला है. जब से पारिवारिक पार्टियां होने लगी हैं तब से यह दिक्कत आई है. छात्र राजनीति से निकल कर पार्टी की राजनीति में आए. युवा विंग में सक्रिय हुए और फिर मुख्य भूमिका में दिखाई देने लगे. भाजपा में लोकतांत्रिक व्यवस्था ज्यादा दिखती है. त्यागी कहते हैं कि यहां राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, स्वतंत्र देव सिंह, दिनेश शर्मा, हरीश द्विवेदी जैसे तमाम बड़े नेता हैं जो छोटी-छोटी जगहों से निकल कर आए हैं. वह आज प्रदेश और देश की राजनीति में महती भूमिका अदा कर रहे हैं. यह लोकतंत्र की खूबसूरती है और ताकत भी है.

अवनीश त्यागी ने कहा कि मोर्चा ट्रेनिंग सेंटर भी है. सभी पार्टियों को इस तरह की परंपरा अपनानी चाहिए. पारिवारिक पार्टियां बनना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. नीचे से युवा काम करते हुए आगे बढ़ेंगे तो लोकतंत्र मजबूत होगा. आम लोगों की सहभागिता राजनीति में बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. मोर्चे में काम करते हुए उन्होंने प्रदेश की राजनीति पर अपनी अलग पहचान बनाई. 2017 में योगी सरकार आई तो उन्हें मंत्री बनाया गया. मौजूदा समय वह यूपी भाजपा अध्यक्ष हैं. भाजपा में यूपी इकाई का अध्यक्ष होना अपने आप मे बड़ी उपलब्धि है.

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को मोर्चा से मिली बड़ी पहचान

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा प्रदेश युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. मोर्चा अध्यक्ष होने के बाद से उनकी लगातार सियासत चमकी है. लखनऊ जैसे शहर के वह दो बार मेयर रह चुके हैं. इसके बाद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया. पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात का प्रभारी बनाया गया. आरएसएस के बेहद करीबी माने जाने वाले दिनेश शर्मा को यूपी में 2017 में सत्ता आने पर डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई. डॉक्टर शर्मा पीएम मोदी के साथ ही सीएम योगी के करीबी हैं. इसलिए इनका भविष्य भी ठीक ही माना जा रहा है.

प्रदेश युवा मोर्चा से निकले हरीश द्विवेदी भाजपा राष्ट्रीय मंत्री बने

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी बस्ती से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हरीश द्विवेदी विद्यार्थी परिषद में लंबे समय तक काम किया है. द्विवेदी बिहार प्रदेश के सह प्रभारी बनाये गए हैं. मौजूदा समय में प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में भी उनका सांगठनिक कौशल देखने को मिला है. बिना किसी बवाल और उपद्रव के अपने संसदीय क्षेत्र बस्ती में 12 ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध जिताने में सफलता हासिल किए हैं.

अशोक कटारिया योगी सरकार में मंत्री

युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक कटारिया भाजपा की मुख्य टीम में कई पदों पर रहते हुए संगठन का काम किया है. योगी सरकार के विस्तार में उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है. योगी सरकार में वह परिवहन जैसा महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के बाद इस समय भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे भी युवा मोर्चा में काम कर चुके हैं. इनके अलावा विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं. इसके अलावा केंद्र की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश से कलराज मिश्र, राजनाथ सिंह जैसे कद्दावर नेता भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं.

भाजपा की ताकत युवा मोर्चा

भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला कहते हैं कि युवा मोर्चा भाजपा की ताकत है. यह राजनीति की पाठशाला भी है. इसमें काम करने वाले ऊर्जावान युवा प्रदेश और देश की राजनीतिक दिशा तय करते हैं. हमारे दल में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत कोई भी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष या कुछ और पदाधिकारी बनता है. इसलिए यह जरूरी है कि उस व्यक्ति का प्रशिक्षण भी ठीक से होना चाहिए. वह प्रशिक्षण इसी तरह से होता है. कई नेता ऐसे हैं जो युवा मोर्चे में काम करके आगे बढ़े हैं.

लखनऊ: भारतीय जनता युवा मोर्चा से निकले कई पदाधिकारी भाजपा के बड़े-बड़े पदों पर पहुंचे हैं. पार्टी संगठन से लेकर सरकार तक उनकी भागीदारी देखने को मिली है. मौजूदा समय में प्रदेश और देश में ऐसे कई सक्रिय नेता हैं जो पहले युवा मोर्चा में काम कर चुके हैं. इनमें स्वतंत्रदेव सिंह, हरीश द्विवेदी, मानवेन्द्र सिंह, महेंद्र नाथ पांडेय, अशोक कटारिया और सुब्रत पाठक जैसे नेताओं का नाम शामिल है.

ऊंचाइयों पर पहुंचे भाजपा के यह नेता
राजनीतिक विश्लेषक अवनीश त्यागी कहते हैं कि युवा मोर्चा केवल भाजपा का ही नहीं बल्कि सभी पार्टियों का छात्र विंग और युवा विंग शुरुआती पाठशाला है. जब से पारिवारिक पार्टियां होने लगी हैं तब से यह दिक्कत आई है. छात्र राजनीति से निकल कर पार्टी की राजनीति में आए. युवा विंग में सक्रिय हुए और फिर मुख्य भूमिका में दिखाई देने लगे. भाजपा में लोकतांत्रिक व्यवस्था ज्यादा दिखती है. त्यागी कहते हैं कि यहां राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, स्वतंत्र देव सिंह, दिनेश शर्मा, हरीश द्विवेदी जैसे तमाम बड़े नेता हैं जो छोटी-छोटी जगहों से निकल कर आए हैं. वह आज प्रदेश और देश की राजनीति में महती भूमिका अदा कर रहे हैं. यह लोकतंत्र की खूबसूरती है और ताकत भी है.

अवनीश त्यागी ने कहा कि मोर्चा ट्रेनिंग सेंटर भी है. सभी पार्टियों को इस तरह की परंपरा अपनानी चाहिए. पारिवारिक पार्टियां बनना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. नीचे से युवा काम करते हुए आगे बढ़ेंगे तो लोकतंत्र मजबूत होगा. आम लोगों की सहभागिता राजनीति में बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. मोर्चे में काम करते हुए उन्होंने प्रदेश की राजनीति पर अपनी अलग पहचान बनाई. 2017 में योगी सरकार आई तो उन्हें मंत्री बनाया गया. मौजूदा समय वह यूपी भाजपा अध्यक्ष हैं. भाजपा में यूपी इकाई का अध्यक्ष होना अपने आप मे बड़ी उपलब्धि है.

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को मोर्चा से मिली बड़ी पहचान

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा प्रदेश युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. मोर्चा अध्यक्ष होने के बाद से उनकी लगातार सियासत चमकी है. लखनऊ जैसे शहर के वह दो बार मेयर रह चुके हैं. इसके बाद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया. पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात का प्रभारी बनाया गया. आरएसएस के बेहद करीबी माने जाने वाले दिनेश शर्मा को यूपी में 2017 में सत्ता आने पर डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई. डॉक्टर शर्मा पीएम मोदी के साथ ही सीएम योगी के करीबी हैं. इसलिए इनका भविष्य भी ठीक ही माना जा रहा है.

प्रदेश युवा मोर्चा से निकले हरीश द्विवेदी भाजपा राष्ट्रीय मंत्री बने

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी बस्ती से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हरीश द्विवेदी विद्यार्थी परिषद में लंबे समय तक काम किया है. द्विवेदी बिहार प्रदेश के सह प्रभारी बनाये गए हैं. मौजूदा समय में प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में भी उनका सांगठनिक कौशल देखने को मिला है. बिना किसी बवाल और उपद्रव के अपने संसदीय क्षेत्र बस्ती में 12 ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध जिताने में सफलता हासिल किए हैं.

अशोक कटारिया योगी सरकार में मंत्री

युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक कटारिया भाजपा की मुख्य टीम में कई पदों पर रहते हुए संगठन का काम किया है. योगी सरकार के विस्तार में उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है. योगी सरकार में वह परिवहन जैसा महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के बाद इस समय भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे भी युवा मोर्चा में काम कर चुके हैं. इनके अलावा विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं. इसके अलावा केंद्र की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश से कलराज मिश्र, राजनाथ सिंह जैसे कद्दावर नेता भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं.

भाजपा की ताकत युवा मोर्चा

भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला कहते हैं कि युवा मोर्चा भाजपा की ताकत है. यह राजनीति की पाठशाला भी है. इसमें काम करने वाले ऊर्जावान युवा प्रदेश और देश की राजनीतिक दिशा तय करते हैं. हमारे दल में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत कोई भी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष या कुछ और पदाधिकारी बनता है. इसलिए यह जरूरी है कि उस व्यक्ति का प्रशिक्षण भी ठीक से होना चाहिए. वह प्रशिक्षण इसी तरह से होता है. कई नेता ऐसे हैं जो युवा मोर्चे में काम करके आगे बढ़े हैं.

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