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साइबर क्राइमः राजधानी बनी बैंकिंग फ्रॉड का हब, 95% मामले बढ़े

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Published : Feb 5, 2021, 5:09 PM IST

Updated : Feb 5, 2021, 5:49 PM IST

पूरे देश में जिस तेजी से साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं. उसी तेजी से अब बैंक से जुड़े हुए फाइनेंशियल फ्रॉड के मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 और 2020 के दौरान बैंकों और वित्तीय संस्थानों में धोखाधड़ी के मामलों में 28 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

साइबर अपराध.
साइबर अपराध.

लखनऊः कोरोना के बाद डिजिटल लेनदेन के मामलों में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साइबर जालसाज इस बदलते दौर में अपने नेटवर्क को तेजी से फैला रहे हैं. राजधानी लखनऊ के साइबर क्राइम सेल में हर रोज 10 से अधिक शिकायतें दर्ज हो रही हैं. इनमें 95 फीसदी मामले बैंक से जुड़े हुए फ्रॉड के होते हैं. वहीं सबसे बड़ी बात कि इन मामलों में साइबर जालसाज से पैसे वापस होने की गुंजाइश भी बहुत ही कम होती है.

साइबर अपराध.

साइबर अपराध में राजधानी बना हब

राजधानी लखनऊ में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राजधानी में भी साइबर थाना कार्यरत है, लेकिन इसके बावजूद भी साइबर अपराध के मामलों में कमी नहीं है. जिस तेजी से व्यापारिक और व्यक्तिगत लेनदेन में डिजिटल लेनदेन की भूमिका बढ़ी है. उसी तेजी से अब साइबर जालसाज लोगों की मेहनत की गाढ़ी कमाई पर अपनी आंख गड़ाए बैठे हैं. एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि साइबर थाने में दर्ज होने वाले सबसे ज्यादा मामले बैंक फ्रॉड के हैं. इन मामलों में पीड़ित के पैसे की वापसी की गुंजाइश बहुत ही कम होती है. ऐसे में लोग सतर्कता और जानकारी से ही अपना बचाव कर सकते हैं.

साइबर अपराध बैंक के लिए बना चुनौती

बढ़ते हुए साइबर अपराध में सबसे ज्यादा मामले आर्थिक गतिविधियों से जुड़े हुए होते हैं. इससे सबसे ज्यादा बैंकिंग सेक्टर प्रभावित हो रहा है. बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 28 फीसदी की दर से धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं. साल 2021 में डिजिटल लेनदेन में 4 गुना बढ़ोतरी देखी जा रही है. डिजिटल लेन देन एक तरफ तो ग्राहकों के लिए लाभदायक है साथ ही उनके लिए खतरा भी है. साइबर जालसाज वर्तमान में डिस्टल लेनदेन करने वाले लोगों को ही सबसे ज्यादा अपना शिकार बना रहे हैं. भारतीय स्टेट बैंक की बैंक एम्पलाई यूनियन के अध्यक्ष पवन कुमार ने बताया कि वर्तमान में बैंकों के सामने साइबर के बढ़ते मामले एक बड़ी चुनौती हैं. बैंक इन चुनौतियों से जूझ रहा है और खुद को मजबूत करने में जुटा हुआ है.

लखनऊ में स्थित साइबर क्राइम थाना.
लखनऊ में स्थित साइबर क्राइम थाना.

बैंक फ्रॉड से कैसे बचें

तेजी से बढ़ रहे है, फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले में साइबर सेल के अधिकारी भी बताते हैं कि जानकारी ही बचाव है. इसलिए बैंकिंग लेनदेन करते समय विशेष सावधानी बरतें जैसे-

  • ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए किसी भी असुरक्षित वाईफाई नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
  • किसी भी ईएमआई को कम करने के लालच देने वाले फोन कॉल से बचे. किसी भी लिंक पर क्लिक न करें.
  • बिना किसी वजह के किसी भी क्यूआर कोड कोई स्कैन करने से बचें.
  • ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए अपने पासवर्ड का सुरक्षित और गोपनीय रूप से इस्तेमाल करें.
  • अपने नेट बैंकिंग का पासवर्ड, ओटीपी ,पिन, कार्ड वेरीफिकेशन कोड और यूपीआई पिन को किसी के साथ साझा न करें.
  • किसी फिशिंग ईमेल पर क्लिक न करें और ऑनलाइन भुगतान में हमेशा वन टाइम पासवर्ड का विकल्प ही चुने.

लखनऊः कोरोना के बाद डिजिटल लेनदेन के मामलों में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साइबर जालसाज इस बदलते दौर में अपने नेटवर्क को तेजी से फैला रहे हैं. राजधानी लखनऊ के साइबर क्राइम सेल में हर रोज 10 से अधिक शिकायतें दर्ज हो रही हैं. इनमें 95 फीसदी मामले बैंक से जुड़े हुए फ्रॉड के होते हैं. वहीं सबसे बड़ी बात कि इन मामलों में साइबर जालसाज से पैसे वापस होने की गुंजाइश भी बहुत ही कम होती है.

साइबर अपराध.

साइबर अपराध में राजधानी बना हब

राजधानी लखनऊ में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राजधानी में भी साइबर थाना कार्यरत है, लेकिन इसके बावजूद भी साइबर अपराध के मामलों में कमी नहीं है. जिस तेजी से व्यापारिक और व्यक्तिगत लेनदेन में डिजिटल लेनदेन की भूमिका बढ़ी है. उसी तेजी से अब साइबर जालसाज लोगों की मेहनत की गाढ़ी कमाई पर अपनी आंख गड़ाए बैठे हैं. एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि साइबर थाने में दर्ज होने वाले सबसे ज्यादा मामले बैंक फ्रॉड के हैं. इन मामलों में पीड़ित के पैसे की वापसी की गुंजाइश बहुत ही कम होती है. ऐसे में लोग सतर्कता और जानकारी से ही अपना बचाव कर सकते हैं.

साइबर अपराध बैंक के लिए बना चुनौती

बढ़ते हुए साइबर अपराध में सबसे ज्यादा मामले आर्थिक गतिविधियों से जुड़े हुए होते हैं. इससे सबसे ज्यादा बैंकिंग सेक्टर प्रभावित हो रहा है. बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 28 फीसदी की दर से धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं. साल 2021 में डिजिटल लेनदेन में 4 गुना बढ़ोतरी देखी जा रही है. डिजिटल लेन देन एक तरफ तो ग्राहकों के लिए लाभदायक है साथ ही उनके लिए खतरा भी है. साइबर जालसाज वर्तमान में डिस्टल लेनदेन करने वाले लोगों को ही सबसे ज्यादा अपना शिकार बना रहे हैं. भारतीय स्टेट बैंक की बैंक एम्पलाई यूनियन के अध्यक्ष पवन कुमार ने बताया कि वर्तमान में बैंकों के सामने साइबर के बढ़ते मामले एक बड़ी चुनौती हैं. बैंक इन चुनौतियों से जूझ रहा है और खुद को मजबूत करने में जुटा हुआ है.

लखनऊ में स्थित साइबर क्राइम थाना.
लखनऊ में स्थित साइबर क्राइम थाना.

बैंक फ्रॉड से कैसे बचें

तेजी से बढ़ रहे है, फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले में साइबर सेल के अधिकारी भी बताते हैं कि जानकारी ही बचाव है. इसलिए बैंकिंग लेनदेन करते समय विशेष सावधानी बरतें जैसे-

  • ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए किसी भी असुरक्षित वाईफाई नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
  • किसी भी ईएमआई को कम करने के लालच देने वाले फोन कॉल से बचे. किसी भी लिंक पर क्लिक न करें.
  • बिना किसी वजह के किसी भी क्यूआर कोड कोई स्कैन करने से बचें.
  • ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए अपने पासवर्ड का सुरक्षित और गोपनीय रूप से इस्तेमाल करें.
  • अपने नेट बैंकिंग का पासवर्ड, ओटीपी ,पिन, कार्ड वेरीफिकेशन कोड और यूपीआई पिन को किसी के साथ साझा न करें.
  • किसी फिशिंग ईमेल पर क्लिक न करें और ऑनलाइन भुगतान में हमेशा वन टाइम पासवर्ड का विकल्प ही चुने.
Last Updated : Feb 5, 2021, 5:49 PM IST
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