लखनऊ: लोहिया संस्थान बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है. इसे बनाए रखने के लिए संस्थान आयुष्मान योजना के तहत भी अपनी सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है. बावजूद इसके लोहिया संस्थान द्वारा आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारक को संस्थान में इलाज नहीं मिल रहा है, जिसके चलते यहां आने वाले मरीज दर-ब-दर भटकने को मजबूर हैं.
दरअसल राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में आजमगढ़ के रहने वाले काली प्रसाद मिश्रा को हर्निया का ऑपरेशन कराना था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बिना इलाज किए ही वापस लौटा दिया. वह आजमगढ़ से लोहिया संस्थान में बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं पाने के लिए पहुंचे थे. काली प्रसाद मिश्रा का नाम स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई आयुष्मान लाभार्थियों की सूची में शामिल है. यानी नियम के मुताबिक आयुष्मान योजना का लाभ गोल्डन कार्ड धारकों को मिलता है और उनके पास आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड भी है, जिसके तहत 5 लाख तक का मुफ्त इलाज मरीज को दिया जाता है, लेकिन कार्ड होने के बावजूद भी काली प्रसाद मिश्रा को लोहिया संस्थान में इलाज नहीं मिल सका.
वहीं तीमारदार ज्ञानेश पाण्डेय का कहना है कि बीते करीब एक महीने से इलाज के लिए यहां पर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन संस्थान द्वारा उन्हें सिर्फ तारीख पर तारीख ही दी जा रही है. साथ ही आरोप लगाया कि संस्थान ने उनके मरीज का इलाज करने से साफ मना कर दिया है.
जिसके पास आयुष्मान योजना गोल्डन कार्ड है, अस्पताल की तरफ से उसे पूरा लाभ मिलता है और इसको कोई भी पैसा नहीं देना होता है. अगर अस्पताल को लगता है कि मरीज के पास पैसा नहीं है तो वह सूची सहायता कोष से पैसा ले सकता है.
डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ