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लखनऊ: आयुष्मान योजना को पलीता लगा रहा लोहिया संस्थान, लाभार्थी को बैरंग लौटाया

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित लोहिया संस्थान में इलाज को लेकर बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां आयुष्मान गोल्डन कार्ड धारक मरीज को बिना इलाज के ही वापस लौटा दिया गया.

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लोहिया संस्थान ने बिना इलाज के आयुष्मान योजना के लाभार्थी को लौटाया.
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Published : Jan 19, 2020, 1:01 PM IST

लखनऊ: लोहिया संस्थान बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है. इसे बनाए रखने के लिए संस्थान आयुष्मान योजना के तहत भी अपनी सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है. बावजूद इसके लोहिया संस्थान द्वारा आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारक को संस्थान में इलाज नहीं मिल रहा है, जिसके चलते यहां आने वाले मरीज दर-ब-दर भटकने को मजबूर हैं.

लोहिया संस्थान ने बिना इलाज के आयुष्मान योजना के लाभार्थी को लौटाया.


दरअसल राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में आजमगढ़ के रहने वाले काली प्रसाद मिश्रा को हर्निया का ऑपरेशन कराना था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बिना इलाज किए ही वापस लौटा दिया. वह आजमगढ़ से लोहिया संस्थान में बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं पाने के लिए पहुंचे थे. काली प्रसाद मिश्रा का नाम स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई आयुष्मान लाभार्थियों की सूची में शामिल है. यानी नियम के मुताबिक आयुष्मान योजना का लाभ गोल्डन कार्ड धारकों को मिलता है और उनके पास आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड भी है, जिसके तहत 5 लाख तक का मुफ्त इलाज मरीज को दिया जाता है, लेकिन कार्ड होने के बावजूद भी काली प्रसाद मिश्रा को लोहिया संस्थान में इलाज नहीं मिल सका.

वहीं तीमारदार ज्ञानेश पाण्डेय का कहना है कि बीते करीब एक महीने से इलाज के लिए यहां पर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन संस्थान द्वारा उन्हें सिर्फ तारीख पर तारीख ही दी जा रही है. साथ ही आरोप लगाया कि संस्थान ने उनके मरीज का इलाज करने से साफ मना कर दिया है.

जिसके पास आयुष्मान योजना गोल्डन कार्ड है, अस्पताल की तरफ से उसे पूरा लाभ मिलता है और इसको कोई भी पैसा नहीं देना होता है. अगर अस्पताल को लगता है कि मरीज के पास पैसा नहीं है तो वह सूची सहायता कोष से पैसा ले सकता है.
डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ

लखनऊ: लोहिया संस्थान बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है. इसे बनाए रखने के लिए संस्थान आयुष्मान योजना के तहत भी अपनी सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है. बावजूद इसके लोहिया संस्थान द्वारा आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारक को संस्थान में इलाज नहीं मिल रहा है, जिसके चलते यहां आने वाले मरीज दर-ब-दर भटकने को मजबूर हैं.

लोहिया संस्थान ने बिना इलाज के आयुष्मान योजना के लाभार्थी को लौटाया.


दरअसल राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में आजमगढ़ के रहने वाले काली प्रसाद मिश्रा को हर्निया का ऑपरेशन कराना था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बिना इलाज किए ही वापस लौटा दिया. वह आजमगढ़ से लोहिया संस्थान में बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं पाने के लिए पहुंचे थे. काली प्रसाद मिश्रा का नाम स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई आयुष्मान लाभार्थियों की सूची में शामिल है. यानी नियम के मुताबिक आयुष्मान योजना का लाभ गोल्डन कार्ड धारकों को मिलता है और उनके पास आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड भी है, जिसके तहत 5 लाख तक का मुफ्त इलाज मरीज को दिया जाता है, लेकिन कार्ड होने के बावजूद भी काली प्रसाद मिश्रा को लोहिया संस्थान में इलाज नहीं मिल सका.

वहीं तीमारदार ज्ञानेश पाण्डेय का कहना है कि बीते करीब एक महीने से इलाज के लिए यहां पर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन संस्थान द्वारा उन्हें सिर्फ तारीख पर तारीख ही दी जा रही है. साथ ही आरोप लगाया कि संस्थान ने उनके मरीज का इलाज करने से साफ मना कर दिया है.

जिसके पास आयुष्मान योजना गोल्डन कार्ड है, अस्पताल की तरफ से उसे पूरा लाभ मिलता है और इसको कोई भी पैसा नहीं देना होता है. अगर अस्पताल को लगता है कि मरीज के पास पैसा नहीं है तो वह सूची सहायता कोष से पैसा ले सकता है.
डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ

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लोहिया संस्थान में आयुष्मान गोल्डन कार्ड धारक मरीज को बिना इलाज के वापस लौटा दिया है। लोहिया संस्थान के डॉ पर आरोप है कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी को भी बिना इलाज के ही अस्पताल से वापस लौटा दिया गया।




Body:लखनऊ के लोहिया संस्थान तो बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है। जिसके वजह से आयुष्मान भारत योजना के तहत भी अस्पताल अपनी सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन लोहिया संस्थान द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारक को संस्थान में इलाज नहीं मिल पा रहा।जिसकी वजह से यहां पर आने वाले मरीजों को दरबदर भटकना पड़ रहा है। महीनों भाग दौड़ करने के बाद भी यहां पर आने वाले मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।इसकी वजह से इन मरीजों को बैरंग इलाज के वापस लौटना पड़ रहा है। दरअसल राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में आजमगढ़ के निवासी काली प्रसाद मिश्रा को हर्निया का ऑपरेशन कराना था। जिसके लिए वे आजमगढ़ से लोहिया संस्थान में बेहतर चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं पाने के लिए राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में पहुंचे।काली प्रसाद मिश्रा स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई।आयुष्मान लाभार्थियों की सूची में शामिल है। जिसमें आयुष्मान भारत योजना का लाभ गोल्डन कार्ड धारकों को मिलता है और उनके पास आयुष्मान भारत योजना गोल्डन कार्ड भी है।जिसके तहत लगभग ₹500000 तक मरीज को इलाज मुफ्त दिया जाता है।लेकिनकार्ड के होने के बावजूद काली प्रसाद मिश्रा को केजीएमयू में लोहिया संस्थान में इलाज नहीं मिल सका। काली प्रसाद को हर्निया का ऑपरेशन कराना था लेकिन उन्हें यहां से बिना इलाज के ही वापस लौटा दिया गया। तीमारदार ज्ञानेश पांडे का कहना है कि बीते करीब 1 महीने से इलाज के लिए यहां पर चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन संस्थान द्वारा उन्हें सिर्फ तारीख पर तारीख दी जा रही थी तो वहीं अब इलाज देने से ही संस्थान ने साफ मना कर दिया है।

बाइट- ज्ञानेश पाण्डेय, तीमारदार

बाइट- डॉ नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ, लखनऊ




Conclusion:हालांकि मुख्यचिकित्साधिकारी लखनऊ द्वारा कहा गया कि आयुष्मान लाभार्थी को नियमानुसार इलाज दिया जाएगा। लेकिन सवाल है कि आखिर आयुष्मान भारत जैसे महत्व कांक्षी योजना के लाभार्थियों को भी सरकारी अस्पतालों मे दर बदर कब तक भटकना होगा।

एन्ड पीटीस
शुभम पाण्डेय
7054605976
लखनऊ
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