हैदराबाद: जनवरी का महीना लगते ही नौकरी पेशा वालों की धड़कने तेज हो जाती हैं क्योंकि दो महीने के अंदर हर कर्मचारी को अपना इन्वेस्टमेंट प्रूफ देना होता है. इसी के आधार पर आपकी कंपनी यह तय करती है कि आपकी सैलरी से कितना टैक्स काटा जाएगा. यहां पर कुछ बातों को अपने जहन में रखना चाहिए जिससे ज्यादा टैक्स ना कटे और आपका नुकसान कम से कम हो.
बता दें, अगर आपकी प्लानिंग ठीक हो तो आप भारी टैक्स के जाल से बच सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा टैक्स बेनिफिट का लाभ उठा पाएंगे.
इन बातों का रखें ध्यान
साल के शुरुआती दो महीनों जनवरी और फरवरी में हर कर्मचारी अपना इंवेस्टमेंट प्रूफ देता है. वहीं, नए फायनेंशियल ईयर के शुरू होते ही कंपनी अपने हर कर्मचारी से इंवेस्टमेंट का प्रपोजल मांगता है. इसमें आपको जानकारी देनी होगी कि आप फायनेंशियल ईयर 2025-2026 में आप कितना और कहां-कहां निवेश करेंगे. इसके साथ-साथ आपको यह भी बताया होगा कि आप नया या पुराना कौन सा टैक्स स्लैब चुन रहे हैं. यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी टैक्स की प्लानिंग किसके तहत कर रहे हैं.
डिडक्शन का करना होगा दावा
आपको अपने इंवेस्टमेंट प्रपोजल के तहत टैक्स की कटौती का दावा भी करना होगा. इसी सब के बेस पर आपकी कंपनी यह तय करेगी कि आपकी तनख्वाह से कितने टीडीएस की कटौती की जाए. इन सबसे पहले हर कर्मचारी को यह बचत की प्लानिंग साल के शुरू होते ही करनी चाहिए. इससे टैक्स की ज्यादा कटौती से बच जाएंगे.
इसको ना करें नजरअंदाज
हर कर्मचारी को टैक्स बचाने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए. इसमें सबसे पहला नंबर 80 सी का आता है. इसके आधार पर तकरीबन डेढ़ लाख तक की टैक्स की बचत हो जाती है. अगर आपने सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ और डिपॉजिट स्कीम में निवेश किया है तो भी आप टैक्स बचत का लाभ उठा सकते हैं. इसके साथ-साथ इंश्योरेंस लिया है तो वह भी टैक्स बचाने में मदद करेगा. वहीं, बच्चों की ट्यूशन फीस, होम लोन के जरिए भी टैक्स कटौती से बचा जा सकता है.
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